21 जून 2021

रचना :- खुशीलाल पंडित..!

करे योग, रहे निरोग..!

योग हमारा जीवन साथी-
रोग कष्ट को दूर भगाती,
करे योग रहे निरोग -
बात यह दुनिया को बताना है,
योग के द्वारा अपने अंदर-
शरीर की बीमारी को हराना है।

 नित्य दिन करने से योग-
हमारा शरीर रहता निरोग,
योग आंशिक विकार मिटाता-
और हमें बलवान बनाता।

घर पर रहकर करें योग-
2 गज की दूरी का भी-
सभी कोई करें उपयोग,
योग के हैं कई प्रकार-
दूर हो जाते सारे विकार।

योग दिवस मनाने की-
भारत में शुरुआत हुई,
योग करने के लिए पूरी दुनिया-
आज हमारे साथ हुई।

योग को आगे बढ़ाना है-
पूरी दुनिया में फिर से,
भारत को विश्व गुरु बनाना है।
आओ मिलकर करें योग-
दुनिया को हम करे निरोग।


अमर शहीद :- लक्ष्मीबाई..!

लक्ष्मीबाई नाम था उसका-
आजादी उसको प्यारी थी,
बचपन से ही उसके मन में-
एक दबी हुई चिंगारी थी।
उस दबी हुई चिंगारी ने फिर-
जन्म दिया एक ज्वाला को,
क्रांतिकारी बनी छबीली-
त्याग सिंहासन की माला को।

आजादी के लिए निकल पड़ी-
वो उठा तलवार-कृपान-भाला को,
अपने पीछे जगा गई वो -
आजादी के मतवाला को।
सन् 1857 में -
पूरे देश का खून खौल उठा,
आजादी के नारों से-
यह भूमंडल भी डोल उठा।
आरंभ हो गया युद्ध प्रचंड-
हर तरफ हुई लड़ाई थी,
एक अकेली लक्ष्मीबाई ने-
सौ-सौ को मार गिराई थी।
स्वतंत्रता की वह देवी थी-
हमें आजादी दिलाने आई थी,
पीठ पर बच्चा लेकर भी उसने-
दोनों हाथों से तलवार चलाई थी।
देश के लिए शहीद हुई वो-
उसने गोरी शासन की नींव हिलाई थी,
अंग्रेजों से लड़ने वाली वह-
अकेली मर्द कहलाई थी।
अपना शीश कटा के जिसने-
आजादी की मतलब हमें समझाई थी,
अपना शीश कटा के जिसने-
आजादी की मतलब हमें समझाई थी।

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तंबाकू छोड़ो, जीवन से रिश्ता जोड़ो..!

तंबाकू छोड़ो खुश रहो -
इसने सबको बिगाड़ा है,
कौन तुम्हें समझाएगा -
तुम्हारा जान कितना प्यारा है।

छोटी-छोटी पूड़ियों मे तुम-
जहर क्यों निगले जा रहे हो,
अपने सुख के जीवन को तुम-
मौत से मिलवा रहे हो ।

यह मत सोचो तंबाकू खा के -
माँ-बाप को धोखा दे रहे हो,
अपने जीवन के पल को तुम-
अंदर ही अंदर खो रहे हो ।

युवाओं में नशाओ की -
समस्या बहुत गंभीर है ,
नशे के चंगुल में फस कर-
अपने से हो रहे दूर है ।

कोई याद मिटाने को पीता तो-
कोई शौक दिखाने को ,
कोई नशे मे धूत होकर -
अपने आप को बड़ा बताने को।

तंबाकू के ऊपर लिखा हुआ है-
यह हानिकारक- जानलेवा है,
फिर भी इसे खाते हो तुम -
क्या अब नहीं तुम्हें जीना है। 

तो छोड़ो इन आदतों को-
तंबाकू का विरोध करो ,
आओ सब मिलकर अब -
दुनिया को निरोग करो !

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यास, मंजर-ए-तबाही..!

पता नहीं हिंदुस्तान में-
कैसी आफत आई है..??
कभी कोरोना कभी ताऊते-
अब यश ने तबाही मचाई है..!

बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान
ओमान में उसका नाम दिया,
इस भयंकर तूफान ने -
सबका है विनाश किया..!

यास के कारण आसमान में -
काली घटा छाई थी,
तेज हवाओं के झोंकों ने-
घर के छप्पर तक उड़ाई थी..!

रास्ते सारे बंद पड़े थे -
हर तरफ मची त्राहि थी,
कोई तूफान से तबाह हुआ था-
कहीं पूरी बस्ती जल में समाई थी..!

जीवन पूरा अस्त-व्यस्त कर दिया-
इस भयंकर तूफान ने,
कितने जाने निगल गया-
यस चक्रवाती तूफान ने।

यास बेशक चला गया-
पर नई समस्या जोड़ गया,
जलमग्न हुए इलाकों में-
वह महामारी को छोड़ गया..!
जलमग्न हुए इलाकों में ,
वह महामारी को छोड़ गया..!!

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