23 जून 2021

एक रिपोर्ट :- सचिन केजरीवाल..!

राज्य के कई गावों में उपलब्ध नही हैं बुनियादी सुविधाएं..! 
ग्रामीण फिर रहे गुहार लगाते..!
साहिबगंज/दुमका :- 23/06/2021. समझ में नहीं आता की दो दशक पहले जब झारखंड को बिहार से अलग किया गया था तो उस समय के नेताओं ने यहां की जनता से जो विकास का वादा किया था वो कितना सच्चा और कितना झूठा था, राज्य में खनिज संपदा की कमी नहीं है मगर उसका फायदा कुछ चंद लोगों को ही मिल रहा है वहीं दूसरी ओर राज्य के कई क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, हमने पहले भी आपको अपने अखबार के माध्यम से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे इन बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों के विषय में बताया और सरकार के साथ प्रशासन का ध्यान भी इस तरफ आकर्षित करवाया है जिसके बाद सरकार और प्रशासन ने मामले में पहल करते हुए बुनियादी सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में पहुंच कर लोगों की समस्याओं का निदान किया है मगर सवाल ये उठता है की हर बार सरकार या प्रशासन को ध्यान दिलाने की आवश्यकता क्यों पड़ती है जबकि सरकार के पास एक पूरा तंत्र है जो राज्य के हर जिले हर प्रखंड के साथ हर एक गांव में सक्रिय है, ऐसे में ये समझना मुश्किल है की क्या इन सभी जनप्रतिनिधियों को जो इन गांवों में सक्रिय है इनको जनता की समस्या दिखाई नही पड़ती या फिर ये इन समस्याओं से अनजान बने रहते हैं, स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इन्हे समस्या से अवगत करवाए जाने के बाद भी ये समस्या के निदान के लिए कोई पहल करते भी हैं या नहीं, और जहां तक प्रशासन का सवाल है तो प्रशासन भी कहीं कहीं अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल ही रहता है खास कर इन ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों के मामले में तो ऐसा ही देखने को मिलता है, ऐसा ही एक और मामला दुमका जिले के गोपीकंदर प्रखंड के खरौनी बाजार पंचायत के अन्तर्गत पड़ने वाले आदिवासी और आदिम जाति बाहुल्य गांव दुन्दवा में सामने आया है इस गांव में कुल सात टोले हैं जिनकी आपस की दूरी कुछ ज्यादा ही है और इस गांव में करीब 200 घर है. मगर इस गांव की सबसे बड़ी मूलभूत समस्या यह है कि इस गांव के कुल्ही में पीसीसी ढलाई नही है. किसी-किसी टोला में आधी अधूरी पीसीसी ढलाई कि गई है. तो वहीं कुछ टोलों में सड़कों पर बड़े-बड़े बोल्डर ही बिछे हुए हैं. और यहां के ग्रामीणों का कहना है कि कुल्ही में बड़े-बड़े बोल्डर बिछे होने की वजह से उन्हें आने जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कई बार इसके कारण क्षेत्र में दुर्घटनाएं भी हो चुकी है. और इस तरह की दुर्घटनाओं के आगे भी होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. वहीं कुछ टोलों में आने जाने का रास्ता भी ग्रामीणों को ठीक से उपलब्ध नही है, जिसकी वजह से अगर गांव का कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल ले जाने में भी ग्रामीणों को काफी समस्या आती है, गांव के किसी मरीज या गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्र ले जाने में भी यहां के लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. खराब रास्तों की वजह से समय पर एम्बुलेंस सेवा भी इन टोलों तक नही पहुंच पाती है  जिसकी वजह से  मरीज या गर्भवती को खाट के सहारे कंधों पर लाद कर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है और उसके बाद ही इन मरीजों या गर्भवती महिलाओं को  एम्बुलेंस के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि पीसीसी ढलाई के लिय चार-पांच वर्षो से ग्राम सभा कर पंचायत में आवेदन देते आ रहे हैं, लेकिन अब तक पुरे गांव में पीसीसी ढलाई नही करवाई गई है. ग्रामीणों का आगे कहना है कि इसके लिए वो  विधायक से लेकर सांसद तक से मिलकर गुहार लगा चुके हैं लेकिन उन्हें सिर्फ अश्वासन के सिवा कुछ नही मिला. इसको लेकर ग्रामीण काफी नाराज व आक्रोश में है. अब इतने वर्षों तक इस मूलभूत सुविधा से वंचित रहने के बाद क्षेत्र के ग्रामीण अपने आपको  ठगा हुआ महसूस कर रहे है. अब एक बार फिर ग्रामीणों ने क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के साथ प्रशासन और सरकार से मांग की है कि दुन्दवा गांव में जल्द से जल्द  पीसीसी ढलाई का काम करवाया जाय नही तो बाध्य होकर ग्रामीण आन्दोलन करने के लिए विवश होगे..!

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मानव तस्करों को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर हमला..!
पत्थर और गुलेल का किया गया प्रयोग..!
साहिबगंज :- 16/07/2021. कल देर रात रंका थाना क्षेत्र के तिलभिट्टा गांव में पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर उन्हे घायल कर देने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कल देर रात पुलिस इस गांव में न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी के वारंट पर करवाई करते हुए क्षेत्र में मानव तस्करी के व्यापार से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार करने के लिए गई थी जिसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस दल पर पत्थरों और गुलेल से हमला कर उन्हे घायल कर दिया, इस हमले में पुलिस दल के सभी अधिकारियों को हल्की चोटें भी आई है, अब मामले में पुलिस आगे की करवाई कर रही है। वहीं सूत्रों से मिली खबर के अनुसार ग्रामीणों को पुलिस के आने की खबर पहले ही चल गई थी जिसके बाद ग्रामीण पुलिस के इंतजार में पहले से ही हमले के लिए तैयार थे वहीं सूत्रों का कहना है की पुलिस ने घटना स्थल पर ही अपने वाहनों को छोड़ कर ग्रामीणों के हमले से बचने के लिए पैदल वहां से भागे थे क्योंकि ग्रामीणों ने पुलिस गाड़ी की वापसी न हो सके इस लिए वापसी के रास्ते पर बड़े बड़े पत्थर बिछा दिए थे।
                                           


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जिले में 196% हुई आरटीपीसीआर की जांच..!
राज्य भर में साहिबगंज सबसे आगे..!
साहिबगंज :- 16/07/2021. जिला प्रशासन द्वारा इस विपदा की घड़ी में किए जा रहे कार्यों की जिले के लोगों द्वारा काफी प्रशंसा की जा रही है क्योंकि जिला प्रशासन इस समय अपनी तरफ से लोगों को बेहतर देने के प्रयास में लगा हुआ है, इसका एक उद्धरण साहिबगंज में हो रहे आरटीपीसीआर का टेस्ट है जिसमे पूरे राज्य में जिला सबसे आगे है, इस जांच को करने के लिए विभाग द्वारा 3150 लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया था मगर लैब के सभी अधिकारियों और कर्मियों ने मिल कर जिले में अब तक कुल 6145 का लक्ष्य पूरा किया है, जिसकी वजह से रखे गए लक्ष्य और अब तक हुई जांच को देखे तो जिले ने न सिर्फ अपना लक्ष्य पूरा किया है बल्कि उससे आगे बढ़ते हुए लगभग दो गुणा कार्य किया है। जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे इन कार्यों की जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा जहां प्रशंसा की जा रही है वहीं उपायुक्त द्वारा इस लैब में कार्यरत सभी लोगों की प्रशंसा की जा रही है और इसके लिए उन्होंने लैब से जुड़े सभी लोगों का धन्यवाद देते हुए कहा है की उन्होंने अच्छा काम किया है जिसकी वजह से ही आज साहिबगंज जिला आरटीपीसीआर जांच में राज्य में सबसे आगे है।

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पोद्दार होमियो क्लिनिक ने यास प्रभावितों को दी राहत और दवा..!
साहिबगंज :- 05/06/2021. पोद्दार होमियो क्लीनिक ने शनिवार को चक्रवाती तूफान यास से प्रभावित लोगों के बीच राहत और दवा का वितरण किया। आज पोद्दार होमियो क्लीनिक के डॉक्टर सूर्यानंद प्रसाद एवं उनकी पत्नी उमा कुमारी ने प्रभावित जरूरतमंद लोगों के बीच आर्सेनिक  एल्बम 30 दवा का वितरण किया इस अवसर पर डॉ पोद्दार ने बताया कि आर्सेनिक अल्बम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करती है और आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अनुसार होम्योपैथिक दवाइयां अनेक रोगों में प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि में सहायक है। वहीं डॉ० सूर्यानंद प्रसाद ने अपने आवास पर लोगों के बीच मास्क, सूखा राहत सामग्री का वितरण भी किया। बता दे कि जरूरतमंद लोगों को जब डॉक्टर सूर्यानंद ने राहत सामग्री दी तो राहत सामग्री पाने वाले सभी लोग फूले नहीं समाए।

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पर्यावरण दिवस पर किया वृक्षारोपण..!
साहिबगंज :- 05 /06/2021. भारत माता न्यास के केंद्रीय अध्यक्ष  सुनील शर्मा द्वारा चलाए जा रहे "पीपल का पेड़ लगाओ" अभियान के अंतर्गत पीपल का पौधा लगाने का संकल्प पिछली 30 जून को उनके द्वारा लिया गया था उसी अभियान के साथ आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुनील शर्मा ने साहिबगंज सदर अस्पताल के प्रांगण और सूर्या नर्सिंग हॉल के मालिक डॉक्टर विजय के द्वारा इस अभियान को आगे बढ़ते हुए उनके द्वारा शोभन पुर भट्टा के पास जहां नर्सिंग मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा स्थित पीपल के पेड़ को लगाया गया..!
मौके पर सदर अस्पताल भारत माता के केन्द्रीय अध्यक्ष सुनील शर्मा, अंतरराष्ट्रीय मूर्ति कर अमृत प्रकाश ,सदर अस्पताल के चिकित्सक, नर्सेस व अन्य लोग मौजूद थे..!

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खबर का असर..!
शहर की हो रही है सफाई..! 
साहिबगंज :-01/06/2021. अभी हाल ही में गुजरे तूफान यास के बाद शहर में हुए इसके असर और भविष्य में होने वाले इसके परिणाम को ले कर कल हमने एक रिपोर्ट छापी थी जिसमे हमने बताया था की यास के गुजरने के बाद किस तरह से शहर के विभिन्न वार्डों और गलियों में मुसीबत का रूप लिए कूड़े का अंबार लगा हुआ है जिसे जल्द से जल्द सफाई अभियान चला कर साफ नही किया गया तो भविष्य में कई अन्य तरह की बीमारियों का सामना शहर के लोगों को करना पड़ सकता है।
आज इसी बात को ले कर जिलापाल ने मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए उनके निर्देश पर राजमहल नगर पंचायत के विभिन्न इलाकों एवं नगर परिषद साहिबगंज क्षेत्रों में जलजमाव के कारण भविष्य में उत्पन्न होने वाली बीमारियों से सुरक्षा की दृष्टि से जगह जगह पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही सभी जगहों पर गड्ढे या जलजमाव वाले जगहों पर डेंगू, मलेरिया के मच्छर न पनपें इसके लिए फागिंग की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावे जगह जगह नालों की साफ-सफाई भी कराई जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा बीमारियों से बचाव के उद्देश्य से आज राजमहल नगर पंचायत के आवासीय तथा व्यवसायिक क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर फागिंग की गई है, वहीं नगर पंचायत के सभी क्षेत्रों में प्रतिदिन घर घर जाकर कचरा उठान भी किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में सफाई कर्मियों द्वारा सार्वजनिक जगहों की साफ-सफाई 1% हाइपोक्लोराइट केमिकल से छिड़काव, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव एवं सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है।
नगर परिषद साहिबगंज के विभिन्न इलाकों में भी जिला प्रशासन की ओर से फॉकिंग के साथ-साथ सफाई कर्मियों द्वारा ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है, जिससे रोगजनक मक्खियां,मच्छर नहीं पैदा होंगे।
वही सदर प्रखंड में नालों की साफ-सफाई की कराई जा रही है, जिससे बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी।

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यास तूफान के कारण हुई बारिश से मोहल्लों में भरी गंदगी..!
सहिबगंज :- 31/05/2021. यास तूफान के गुजर जाने के बाद जहां एक तरफ लोगों की परेशानी पानी के कारण हुई। वहीं दूसरी ओर पानी निकल जाने के बाद जो एक नया मामला सामने उभर कर आया वह बड़ी बीमारी की दस्तक देता दिखाई दे रहा है। दरअसल हुआ यह है कि बाढ़ के पानी हट जाने के बाद कूड़ा,कचरा व अन्य कई प्रकार की बीमारी फैलाने वाली वस्तुएं जो की सड़कों पर खुलेआम दिखाई दे रही है। जिसकी साफ सफाई के नाम पर नगर परिषद द्वारा जाम पड़े नालो को साफ कर उसे रास्ते पर रखा गया। जिससे बदबू तो फैल ही रही है साथ ही बीमारी बढ़ने की संभावना भी बढ़ रही  है। ऐसे ही माहौल में बड़ी बीमारियों का दस्तक निश्चित रूप से दिया जाता है। वही वार्ड नंबर 12, 13, 14 व 15 में अभी साफ देखा जा सकता है। कि अभी लगभग सभी घरों से पानी निकलने के बाद घर के सामने  कीचड़ व कूड़े का अंबार लगा दिखाई देता है। इस मामले को लेकर नगर परिषद के सिटी मैनेजर पुरुषोत्तम देव ने बताया कि जिन जिन इलाकों में बाढ़ में ज्यादा कहर मचाया है। उन सभी इलाकों को चिन्हित कर वहाँ से पानी, कूड़े करकट व गंदगी को जेसीबी, ट्रैक्टर व अन्य कई माध्यम से बाहर निकाला जा रहा है। साथ ही जिन आंखों में पानी सूख गए हैं। वहां पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी जारी किया गया है। और बाकी के जिन जिन मोहल्लों में अभी अभी पानी पड़ा है उन्हें भी निकालने का प्रयास जारी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक से दो दिन के अंदर शहर के लगभग सभी जगहों से कूड़े को साफ कर दिया जाएगा। ताकि शहर में किसी प्रकार की बीमारी ना फैले। इसके लिए सारे कर्मचारी को काम पर लगा दिए है।

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भविष्य के पर्यावरण में होगा सुधार :- सुनील शर्मा..!
साहिबगंज :- 31/05/2021. भारत माता न्यास के केंद्रीय अध्यक्ष सुनील शर्मा द्वारा चलाए जा रहे "पीपल का पेड़ लगाओ" अभियान के अंतर्गत आज दूसरे दिन साहिबगंज रेलवे के आरपीएफ इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह द्वारा पहल करते हुए आज उनके द्वारा नॉर्थ कॉलोनी स्तिथ रेलवे बैरक के मंदिर प्रांगण में पीपल के पेड़ लगाए गए...! 
सुनने में बड़ा आसान सा लगता है ये पीपल का पेड़, मगर हम आपको बता दे की ये पेड़ इतनी आसानी से हर जगह उपलब्ध नहीं है इसके लिए भारत माता न्यास से जुड़े लोगों को गली-गली में घूम-घूम कर इधर-उधर लगे इन पीपल के पौधों की व्यवस्था करनी पड़ती है..! पीपल के पेड़ को ही न्यास द्वारा क्यों लगाया जा रहा पूछे जाने पास सुनील शर्मा ने बताया की पीपल का वृक्ष लगाना थोड़ा कठिन जरूर है, मगर इसके लगने के बाद भविष्य में पर्यावरण में काफी सुधार आएगा और लोगों को आज जो ऑक्सीजन संबंधी समस्या हो रही है वो भी आने वाले भविष्य में समाप्त हो जाएगी, मगर इसके लिए लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा और ज्यादा से ज्यादा पीपल का वृक्षारोपण करना होगा, कल से भारत माता सेवा न्यास द्वारा शुरू किए इस वृक्षारोपण अभियान को आगामी 5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस तक चलाया जाएगा..! इस दौरान न्यास के केंद्रीय अध्यक्ष सुनील शर्मा की अगुआई में पीपल के 101 वृक्षों को लगाया जाना है..!
आज संपन्न हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत पूरे विधि-विधान के साथ नॉर्थ कॉलोनी स्थित रेलवे बैरक के मंदिर प्रांगण में पूजा-पाठ करने के बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह के द्वारा की गई..! जिसमे आज कुल 11 पीपल के पौधों को नया जीवन देने के उद्देश्य से लगाया गया है..!

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एच०सी०पी० ने आज दूसरे दिन भी यास प्रभावितों के बीच बांटी राहत सामग्री..!
चलाया कोविड टीकारण जागरुकता अभियान, किया बादाम पोहा व विस्कुट वितरण..!
साहिबगंज :- 30/05/2021. जिला मुख्यालय में आज यास तूफान से प्रभावित कबूतरखोपी में ग्रामीणों के बीच हॉप फॉर कैंसर पेशेंट्स संस्था के सदस्यों ने राहत सामग्री का वितरण किया..! जिसमे संस्था द्वारा प्रभावितों को अल्पाहार के रूप में पचास पैकेट बादाम पोहा व पचास पैकेट बिस्कुट का वितरण किया गया..! संस्था की सक्रीय सदस्य पिंकी मुर्मू ने उपस्थित सभी ग्रामीण महिला, पुरुष व बच्चों को वर्तमान में चल रही कोविड महामारी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए इससे बचाव का उपाय बताया..! वही संस्था से जुड़ी शिखा पहाड़िन ने लोगों को वैक्सिनेशन के प्रति जागरूक करते हुए लोगों से आग्रह कर कहा कि वो किसी तरह के भ्रम में न पड़ते हुए पूरी जिम्मेदारी से अपनी बारी आने पर अपना और अपने परिवार के लोगों का टीकाकरण अवश्य करवाएं क्योंकि इस बीमारी का फिलहाल एक ही इलाज है जो टीकाकरण के रूप में उपलब्ध है..! अभियान में सक्रीय सदस्य शिखा कुमारी पहाड़ीन, पिंकी मुर्मू, गोपाल कुमार व सहयोगी सदस्य पंकज कुमार चौधरी, अमित लाल यादव, विक्की सहित दर्जनों की संख्या में महिला पुरुष व बच्चे सम्मिलित हुए..! 

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निष्पक्ष पत्रकारिता देश में लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करती है :- अंकित पाण्डेय..!
साहिबगंज :-30/05/2021. 30 मई 1826 को कलकत्ता (कोलकाता) में भारत का पहला हिंदी अखबार निकला था, तब से लेकर अब तक प्रति वर्ष आज ही के दिन 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है..! इसी अवसर पर साहिबगंज शहर के पुलिस लाइन स्थित शिव मंदिर प्रांगण में युवा लेखक सह समाजसेवी अंकित पाण्डेय के द्वारा साहिबगंज के दो पत्रकारों को अंग वस्त्र एवं कलम भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मान कार्यक्रम में अंकित पाण्डेय ने कहा कि 30 मई 1826 को पंडित युगल किशोर शुक्ल ने पहले हिंदी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड को शुरू किया था..! बंगाल से शुरू हुआ यह सफर आज पूरे देश में अपनी छाप छोड़ चुका है..! युवा लेखक अंकित ने कहा कि पत्रकार बंधु लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में समाज को दिशा दिखाने का काम करता है..! जरूरत है अभी के समय में निष्पक्ष पत्रकारिता की क्योंकि निष्पक्ष पत्रकारिता ही देश में लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करती है..! सम्मानित होने वाले पत्रकारों में सुभाष मोदी और विक्की कुमार ने इस भरपूर सम्मान के लिए अंकित पाण्डेय को धन्यवाद ज्ञापन किया..!

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कोविड-19 के खिलाफ जंग में महिलाओं की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण :- शिखा..!
वैक्सीन से सम्बंधित उड़ रही भ्रांतियों से रहे दूर, वैज्ञानिक अध्ययन और अपने डॉक्टर पर पूर्ण विश्वास कर टीका लगाए ज़रूर..!
एच०सी०पी० ने चलाया कोविड वैक्सीनेशन जागरुकता अभियान, किया भेज बिरयानी व विस्कुट वितरण..!
साहिबगंज :- 29/05/2021. हॉप फॉर कैंसर पेशेंट्स संस्था ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत वैक्सीनेशन को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम दूर करने और लोगों को टीका लगवाने के लिए जागरूक करने संबंधी मुहिम की शुरूआत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बड़ा जीरवाबाड़ी चानन से की..! वैक्सीन से सम्बंधित उड़ रही भ्रांतियों से दूर रहने की सलाह देते हुए संस्था की सक्रीय सदस्य पिंकी मुर्मू ने कहा कि अफवाहों पर हमलोगों को विश्वास नहीं करनी है, वैज्ञानिक अध्ययन और अपने डॉक्टर पर पूर्ण विश्वास करना है..! वैक्सीन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर वायरस से लड़ने की क्षमता उत्पन्न करता है..! 
सक्रीय सदस्य शिखा कुमारी पहाड़ीन ने कोविड से जंग में महिलाओं की भूमिका व योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कोरोना जैसे संकट काल में मानवता की रक्षा के लिए जिन लोगों ने अहम भूमिका निभाई, उनमें महिलाओं की तादाद भी अच्छी-खासी रही है..! महिलाओं को जो जिम्मेदारियां मिलीं, उसका उन्होंने अच्छे से निर्वहन किया..! किसी ने टीकाकरण की जिम्मेदारी संभाली तो किसी ने उन गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाई, जो कोरोना पॉजिटिव थीं..! कुछ समूह की महिलायें डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ जैसे अग्रिम पंक्ति के कोरोना वायरस योद्धाओं के लिए पी०पी०इ० किट और मास्क बना कर लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए लोगों को जागरूक कर रही हैं..! शिखा ने कहा कि संयमित दिनचर्या के साथ सरकार द्वारा जारी होने वाले दिशा-निर्देशों का पालन करने से भारत इस महामारी की जंग जीत जाएगा..! 
बड़ा जीरवाबाड़ी चानन के ग्रामीणों ने बताया की चक्रवाती तूफ़ान यास की भारी बारिश के कारण पहाड़ी से बहकर आई पानी से प्रभावित गांव हमारे गांव चानन में अब तक कोई भी संस्था पहुच कर ग्रामीणों का हाल समाचार व सहयोग नहीं किया, हॉप फॉर कैंसर पेशेंट्स संस्था पहली संस्था है जिनके द्वारा ग्रामीणों को कोरोना से जागरूक व अल्पाहार सहयोग प्रदान किया..!
सक्रीय सदस्यों में शिखा कुमारी पहाड़ीन, पिंकी मुर्मू, गोपाल कुमार व सहयोगी सदस्य पंकज कुमार चौधरी, अमित लाल यादव, ब्रजेश कुमार, पंचानन मंडल, ग़दर उर्फ सोनू सहित दर्जनों की संख्या में महिला पुरुष व बच्चे सम्मिलित हुए..!

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मारवाड़ी युवा मंच जरूरतमंद लोगों की लगातार कर रही है सहायता..!
आज लगाएगी वैक्सिनेशन शिविर..!
साहिबगंज :-26/05/2021. वर्तमान में चल कोविड महामारी की वजह से आज हर कोई परेशान है, पर इस परेशानी को दूर करने के लिए सिर्फ सरकार या प्रशासन ही नही बल्कि सामाजिक संगठन भी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभा रहा है इसी क्रम में मायूम के द्वारा आज वैक्सिनेशन शिविर का आयोजन किया गया है।
 शहर में स्तिथ प्रतिष्ठित संस्था मारवाड़ी युवा मंच द्वारा चौक बाजार स्तिथ श्री अग्रवाल महेश्वरी खंडेलवाल  पंचायत भवन में 45+ के लोगों के लिए वैक्सीन को देने का कार्यक्रम किया जाएगा इस विषय पर आज मंच से जुड़े युवा सचिव मोहित बेगराजका ने हमे बताया की इस वैक्सिनेशन शिविर में 45+ के लोगों को वैक्सीन का प्रथम डोज दिया जाएगा, जिसके लिए लाभ लेने वाले को सिर्फ अपना एक पहचान पत्र लाने की आवश्यकता है, इस शिविर में सुबह के 9 बजे से दिन के 1 बजे तक लोगों को वैक्सीन दी जाएगी इसके लिए साहिबगंज के सदर अस्पताल से प्रशिक्षण प्राप्त नर्स उपलब्ध करवाया जाएगा।
इससे पहले भी इस संस्था द्वारा समय समय पर शहर के लोगों के बीच कोविड संबंधित जरूरी समानों का वितरण किया जा रहा है जिसमे मास्क, सेनिटाइजर सुखा अनाज इत्यादि शामिल है, बेगराजका के बताए अनुसार इस मंच द्वारा जरूरत मंद लोगों को समय समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करवाया जाता रहा है।

कई और श्रमिकों को वापस लाने की चल रही है कोशिश..!
साहेबगंज :- 23/05/2021. कोरोना काल की वजह से लगे आंशिक लॉकडाउन
के कारण जिले के कई श्रमिक दूसरे राज्यों में जा कर फंस गए है जहां से न उनके आने का वो कोई इंतजाम कर पा रहें है और न ही आर्थिक तंगी की वजह से जहां हैं वहां रह ही पा रहे हैं इसी लिए अब इन श्रमिकों द्वारा लगातार राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अपनी वापसी को ले कर गुहार लगा रहे हैं और प्रशासन भी अपनी तरफ से उन्हे वापस लाने की पूरी कोशिश में जुटा है, ध्यान रहे पिछले साल लगे सम्पूर्ण लॉकडाउन के समय भी जिला प्रशासन ने इसी तरह से कई श्रमिकों को वापस लाया था इस आंशिक लॉकडाउन में अभी अभी ही नेपाल से 26 श्रमिकों को वापस लाया गया है जिनमे से 5 को कोरोना संक्रमित पाया गया है जिन्हे उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया गया है जबकि बाकी 21 श्रमिकों को आइसुलेट किया गया है।
अब अन्य श्रमिकों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय प्रशासन श्रमिकों के फंसे होने वाले स्थानों के प्रशासन से संपर्क में है और उन्हे जल्द से जल्द लाने की कोशिश कर रहा है।
फिलहाल वापस आए श्रमिकों का कहना है नमक रोटी खा लेंगे मगर अब बाहर कमाने नही जायेंगे। अब जिले से बाहर जाने वाले श्रमिकों को जिले में चल रही मनरेगा योजना में शामिल करने की कोशिश स्थानीय प्रशासन को करनी चाहिए क्योंकि जिले में चल रही इस योजना से ज्यादा श्रमिक नही जुड़े हैं कारण चाहे जो भी हो मगर अब प्रशासन को अपनी तरफ से ठोस पहल करते हुए इन श्रमिकों को प्रवासी श्रमिक बनने से बचाना चाहिए। हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से जिले के 27 पंचायतों में चल रही मनरेगा योजना में मात्र 8000 के लगभग ही सक्रिय श्रमिक है जबकि आवश्यकता इस संख्या से कहीं ज्यादा की है इसलिए प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की भी विशेष आवश्यकता है।
इसी क्रम में पिछले दिनों मधुपुर स्टेशन पर स्पेशल ट्रेन से विभिन्न जिलों के कुल 65 प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार जनों को लाया गया जिसमे से कोई भी श्रमिक कोविड संक्रमित नही पाया गया है फिर भी सावधानी बरतते हुए इन्हें 7 दिनों के लिए आइसोलेशन पर रखा गया है साथ ही इनकी सेहत पर नजर रखने के लिए आरोग्य सेतु ऐप की सहायता ली जा रही है,लाए गए इन प्रवासी श्रमिकों में देवघर जिले के 5, दुमका के 5, और गिरिडीह के 45 श्रमिकों के होने की जानकारी प्राप्त हुई है।

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4471 संक्रमितों में से 4270 लोग हुए स्वस्थ..!
साहेबगंज :- 23/05/2021. आज मिले मरीजों में बरहरवा से 03, बोरियो से 10, राजमहल से 01, तालझारी से 01, सदर प्रखंड साहिबगंज से 07 व्यक्ति कोरोना टेस्ट के दौरान पॉजिटिव पाए गए हैं।
जिले में फिलहाल कोविड-19 के 159 सक्रिय मामले हैं और अभी तक जिले में कुल 4471 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है जिसमे से 4270 लोगों का स्वास्थ्य उपचार कर उन्हे घर भेजा जा चुका हैं। 
स्वाथ्य विभाग द्वारा जारी की गई  रिपोर्ट के अनुसार आज एक व्यक्ति की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई। जबकि साहिबगंज जिले में अब तक कुल 42 मरीजों का कोरोना से निधन हुआ है।


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नेपाल में फंसे सभी 26 प्रवासी श्रमिक सकुशल स्वदेश पहुंचे..!
साहिबगंज/दुमका :- 22/05/2021. आज देर रात सभी 26 प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित नेपाल से भारत के झारखंड राज्य के दुमका जिला लाया गया है, जिसके लिए दुमका प्रशासन द्वारा एक टीम को बना कर इन श्रमिकों को लाने के लिए कल ही नेपाल भारत सीमा (विराटनगर) भेजा गया था, अब इन सभी श्रमिकों की कोविड संबंधी जांच की जाएगी जिसके बाद इन्हे अगले 7 दिनों के लिए कोरांटाइन में रखा जाएगा। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है की वापस लौटे श्रमिकों में से कितने कोविड संक्रमित हैं मगर सूत्रों की माने तो कुछ श्रमिकों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है..।

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कल वापस आयेंगे नेपाल में फंसे प्रवासी श्रमिक..!
राज्य सरकार से वापस देश लौटने की लगाई थी गुहार..!
वैश्विक महामारी कोविड से सिर्फ अपने देश में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश की भी हालत गंभीर बनी हुई है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की राज्य के कुछ मजदूरों की हालत पड़ोसी देश नेपाल में बहुत बुरी है। ये सभी लोग यहां की एक हाइड्रो पावर कंपनी में श्रमिक का काम करते थे, हो रहे बुरे हालातों का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की वहां (नेपाल) के स्थानीय लोग झारखंड से गए इन मजदूरों की किसी तरह की सहायता करना तो दूर इस लॉकडाउन में फंसे इन मजदूरों से मिलना-जुलना भी नही चाहते हैं, ये बाते वहां पर मुसीबतों का सामना करने वाले मजदूरों ने खुद एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिए सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद मुर्मू से कही हैं, अपने इस मैसेज में उन्होंने राज्य सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है की सरकार उन्हे किसी भी तरह से वापस अपने देश लाने का प्रबंध करें जिसके लिए वो अपनी वापसी का किराया भी देने को तैयार हैं। उन्होंने बताया की उन्हे पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और वो नाले का पानी पीने को मजबूर है साथ ही उनके रहने का भी कोई प्रबंध नही है, उनके पास उनके द्वारा वीडियो में बताए अनुसार वो खुले में ही रहते हैं और बारिश के पानी से खुद को किसी तरह से बचाते हैं..!
झारखण्ड के जामा सिमरा, रामगढ़ एवं अन्य क्षेत्रों के लगभग 26 मजदूरों के यहां फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है, प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों में से ज्यादातर मजदूरों की हालत अच्छी नहीं बताई जा रही है..! इनमे से अधिकांश मजदूरों को चिकित्सा की आवश्यकता है..! इन लोगों की हालत बहुत ही खराब बताई गई है, कई मजदूरों को बुखार, सर्दी, खांसी जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और वहां की सरकार, स्वास्थ्य विभाग या स्थानीय नागरिकों द्वारा उन्हे किसी तरह की चिकित्सकीय सहायता भी नही मिलने का समाचार प्राप्त हुआ है।
उचित चिकित्सा नही मिलने के कारण इन लोगों को अपनी मृत्यु का डर भी सता रहा है और ये सभी मजदूर बिना किसी काम-धंधे के वहां फंसे हैं मतलब उनकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय ही होगी, अब राज्य सरकार को मामले में पहल करते हुए अपने राज्य के नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उन्हें तुरंत वापस उनके देश लाने का प्रबंध करना चाहिए, हालांकि राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम भी उठाते हुए नेपाल के अधिकारियों से इन लोगों की देश वापसी को ले कर वार्ता किए जाने की जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है।
इन सभी लोगों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार फिलहाल ये लोग नेपाल के गैरीगांव में हैं जो नेपाल के सिंधुपाल चौक जिले के बागमती अंचल में पड़ता है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ लोगों के नाम तथा उनका आधार नंबर भी उन्ही के द्वारा उपलब्ध करवाया गया है इनमे से कुछ मजदूरों के नाम पप्पू दास, मनोज दास, नारायण दास, दयानंद मंडल,  कार्तिक मुर्मू, बाबूलाल मुर्मू, शिवलाल मुर्मू, शनीलाल भंडारी, रसिक भंडारी, अंजन भंडारी, कपिल भंडारी, शंकर महतो,  अशोक पंडित, कांग्रेस मंडल, किशन मेहरा,अशोक ठाकुर, धनंजय ठाकुर, राहुल कुमार, देव कुमार, महेश कुमार, इत्यादि है..! जब इनके द्वारा उपलब्ध करवाए नंबरों पर संपर्क किया तो इन्होंने सिर्फ एक ही बात बार-बार कही की किसी भी तरह से झारखंड सरकार इन्हे इनके देश वापस लाने का इंतजाम करें।
श्रमिक नारायण दास जो वहां फंसे हुए हैं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की उनके पास नेपाल एम्बेसी से फोन आया था की आज 8 बजे रात्रि को बस की व्यवस्था हो जाएगी मगर फिर बाद में एम्बेसी से फोन आया कि कल 5 बजे शाम तक बस की व्यवस्था होगी।
आज पड़ोसी देश नेपाल में फंसे सभी 26 श्रमिकों को वापस भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल सरकार ने उनके वापस लौटने के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध करवा दी है, जिसके लिए नेपाल एंबेसी द्वारा इन सभी श्रमिकों को भारत नेपाल बॉर्डर विराटनगर तक पहुंचाया जाएगा, जिसके बाद भारत सरकार के निर्देश पर इन्हे लाने की लिए बनी टीम के सदस्यों द्वारा इन्हे दुमका तक लाया जाएगा, जिसके लिए दुमका से नियुक्त अधिकारियों का दल निकल चुका है, इस दल के अधिकारी अनूप कुमार से शाम को फोन द्वारा संपर्क कर स्थिति की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने बताया की कल किसी भी समय सभी प्रवासी श्रमिकों को दुमका के फूलो झन्नो मेडिकल कॉलेज लाया जा सकता है, फिलहाल वो इन सभी श्रमिकों को वापस लाने की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए भारत-नेपाल सीमा स्तिथ विराटनगर के लिए पूरे इंतजामों के साथ जा रहें हैं।
वही जब इन श्रमिकों से नेपाल में फोन द्वारा संपर्क किया तो उन्होंने बताया की शाम 6:30 बजे तक उन्हे लेने के लिए कोई वाहन नहीं आया है पर उनके लिए काठमांडू से वाहन निकल चुका है और सम्बंधित अधिकारियों से उनका लगातार संपर्क बना हुआ है, उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए हुए बताया की अगले एक घंटे के अंदर वो सभी अपने देश लौटने के लिए नेपाल एंबेसी द्वारा भेजे जा रहे वाहन में होंगे, उन्होंने बताया की सुबह के 5 बजे तक वे सभी विराटनगर पहुंच जाएं, जिसके बाद भारत सरकार की तरफ से उनको सकुशल लाने के लिए बनाए गए दल को नेपाल सरकार द्वारा उन्हे सौंप दिया जाएगा, जिसके लिए नेपाल एंबेसी द्वारा एक आदेश पत्र भी जारी किया गया है।
जिले के रामगढ़ प्रखंड के इन सभी 26 प्रवासी श्रमिकों को नेपाल के ग्राम गैरीगाँव, नगरपालिका बारहविषे, जिला सिंघुपाल चौक, अंचल बागमती से राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन उन्हें वापस लाने के लिए नेपाल के विराटनगर की सीमा तक बस भेजने का प्रबंध कर दिया गया है। इन प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए उपायुक्त के निर्देश पर आज शुक्रवार को इंडोर स्टेडियम से बस को रवाना किया गया है। 

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टी०एम०सी० समर्थकों द्वारा भगाए भा०ज०पा० कार्यकर्ता जान बचाने के लिए झारखंड में बने शरणार्थी..!
साहिबगंज :- 10/05/2021. अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए चुनाव के पश्चात वहां के विभिन्न भाजपा समर्थक विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले भाजपा समर्थकों का रहना जीना मुश्किल हो गया है तथा उन पर आए दिन टीएमसी कार्यकर्ता और उनके गुंडों द्वारा लगातार हमले हो रहें हैं जिसमे भाजपा समर्थकों के न सिर्फ घर जला दिए जा रहे हैं साथी ही इन भाजपा समर्थकों को चुन चुन कर निशाना भी बनाया जा रहा है।
ये सब हम नही कहते ये वो भाजपा समर्थक कह रहे हैं जो अपनी जान बचाने के लिए बंगाल से भाग कर झारखंड के जामताड़ा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से अपने शुभचिंतकों के पास शरण लिए हुए है, इस संदर्भ में हमने जब जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की तब पता चला की दुबराज विधानसभा क्षेत्र के कुछ दिनों से भाजपा समर्थक यहां कुछ दिनों पहले बंगाल से आ कर शरण लिए हुए हैं जिसमे 6 दिन पहले लोहपुर विधान सभा क्षेत्र के कुछ कार्यकर्तों ने यहां के विष्णु मंडल के पास कुछ दिनों तक शरण ली इस संबंध में उन्होंने ने बताया के वहां से जान बचा कर आए कार्यकर्ताओं की स्तिथि बहुत ही दयनीय थी वो कुछ दिनों तक यहां रहे उसके बाद कहीं और चले गए, वहीं पता चला है की अभी 25 अन्य भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं को यहां के भाजपा मंडल के अध्यक्ष सजल दास ने अपने यहां शरण दे रखी है जिन्हे टीएमसी के समर्थकों और बंगाल पुलिस द्वारा मार पीट कर भागा दिया गया है। इस विषय पर हमने सजल दास से बात की तो उन्होंने बताया की ये सभी लोग यहां पिछले 6 दिनों से रह रहें हैं साथ में इन सबका परिवार भी यही शरण लिए हुए है आगे उन्होंने बताया की ये लोग अभी भी इतने घबराए हुए हैं की एक जगह पर ज्यादा दिन रुकना नही चाह रहें हैं जिसकी वजह से हर एक दो दिन बाद इनके रहने की जगह बदलनी पड़ती है और इसने छुपा कर रखना पड़ता है बार बार जगह बदलने की वजह से थोड़ी परेशानी आ रही है फिर भी हम इन सभी लोगों और इनके परिवार वालों का पूरा ख्याल रखे हुए हैं साथ ही अपनी पार्टी के वरिष्ट नेताओं से इनको फिर से बसाने के लिए अपने स्तर पर बात भी कर रहें हैं।
इसके साथ ही हमने पालाजोरी पंचायत स्तिथ बोराडीह गांव में जगबंधु घोष से भी संपर्क कर जानकारी ली जिसमे उन्होंने बताया की उनके यहां भी बंगाल से भाग कर पिछले कुछ दिनों से कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने  शरण ले रखी है तथा वो भी अपने स्तर पर इन सभी कार्यकर्ताओं को पुनःस्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं
अपनी जान बचा कर आए लोगों से जब हमने मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने सिर्फ इतना बताया की बंगाल सिर्फ कोलकाता और सियालदा नहीं है असली बंगाल तो वहां से काफी दूर है जहां हम जैसे लोग रहते हैं और कोई हमारी सुध लेने वाला नही रहता, अगर आज कोई हमारे लिए वहां रहता तो हमे इस तरह अपना घर खेत कारोबार छोड़ कर अपनी जान बचाने के लिए अपने परिवार के साथ नही भागना पड़ता, आगे उन लोगों ने बताया की हमारे घरों को जला दिया गया है हमे मारा पीटा जा रहा है साथ ही हमे जान से मारने और भाग जाने की धमकियां भी लगातार मिल रही है जिसके बाद हमे अपनी और अपने परिवार की जान और इज्जत बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा और हम दर दर की ठोकरें खा रहें हैं। आगे उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं से विनती करते हुए कहा है की पार्टी के बड़े नेता लोग मामले को ले कर गंभीरता से विचार करें और हम जैसे लोगों का ख्याल करते हुए हमे फिर से हमारे अपने गांवों में बसने में हमारी सहायता करे।
इसके अलावा हमने नाला निवासी उत्तम गोराई से भी बात की हमे पता चला की वहां पर भी कुछ लोग अपने पूरे परिवार के साथ पिछली 3 मई से ही शरण लिए हुए हैं जो की बदबोनी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले है, वहां शरण लिए लोगों ने हमे बताया की राज्य में जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित हुए और टीएमसी की जीत की घोषणा हुई उसके तुरंत बाद ही टीएमसी समर्थकों ने हम पर तरह तरह से अत्याचार करना शुरू कर दिया हमारे कई जगहों पर कई लोगों के घरों को बम से भी उड़ा दिया गया है। चुनाव परिणाम की घोषणा के दूसरे दिन ही 40-50 की संख्या में टीएमसी समर्थकों ने उनके घर पर हमला कर दिया था जिसकी वजह से उन्हें जान बचा कर भागना पड़ा।
अब भाजपा की पूरी जिम्मेदारी बनती है की वो अपने इन सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए बिना समय गवाएं उचित और सार्थक कदम उठाए जिससे पार्टी पर से इन जैसे कार्यकर्ताओं का भरोसा न उठे।
यहां के विभिन्न लोगों के यहां शरण लिए सभी कार्यकर्ताओं के विषय में अभी हमारी खोज जारी है हमे सूत्रों से पता चला है की इस क्षेत्र में और भी कई भाजपा के कार्यकर्ता बंगाल से अपनी जान बचा कर भाग आए हैं और अपने शुभचिंतकों के पास छिप कर रह रहे हैं।
रही बात बंगाल और टीएमसी की तो उन्हे बस इतना समझना चाहिए की लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नही होती है रही बात चुनावी जनसभा में नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों और किए गए वादों की तो  टीएमसी को ये भी समझना होगा की चुनावी सभा में जो भी कहा जाता है वो सिर्फ अपने वोटरों को लुभाने का प्रयास भर ही होता है सब कुछ सत्य नही कहा जाता है किसी भी जनसभा में इस लिए टीएमसी को बंगाल में हो रहे इस अत्याचार पर लीपापोती करने की जगह तुरंत अंकुश लगाना चाहिए।
ऐसा नहीं है की बंगाल की इस हालत से देश की जनता या केंद्र सरकार अवगत नहीं है हर तरफ इसकी निंदा भी की जा रही है और साथ ही बंगाल में राष्ट्रपति शासन को लागू किए जाने की मांग भी चारों तरफ से उठ रही है, इसके अलावा देश के गृह मंत्रालय द्वारा भी मामले को ले कर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है, उम्मीद लगाई जा रही है की बस कुछ समय बाद सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा मगर फिलहाल भाजपा के ऐसे कार्यकर्ता और समर्थकों की मुश्किलें बढ़ी हुई है जिन्होंने बंगाल चुनाव के समय बंगाल में भाजपा का साथ दिया था, अब ये सभी लोग दर दर भटक रहें हैं साथ ही अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को ले कर चिंतित हैं।

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डाक विभाग की गलती या लापरवाही..??
साहिबगंज :- देश में सबसे बड़ी सेवा देने की श्रृंखला में डाक सेवा प्रमुख है, देश में आजादी के समय (1947) में लगभग 23344 इतने डाल कार्यालय थे, जो इन 70 सालों में बढ़ कर आज लगभग 155015 की संख्या में हो गए हैं, वर्तमान में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 810 मुख्य डाक घर है, वहीं 24599 के लगभग उप डाक घर है और इनकी 131312 के आस पास साखाएं देश भर में फैली हुई है जबकि 444266 के लगभग लेटर बॉक्स है।
जबकि अकेले झारखंड में ही 13 मुख्य डाकघर, 454 उप डाकघर, 3355 इनकी साखाए है जबकि 9964 के लगभग लेटर बॉक्स है।
इतने बड़े पैमाने पर चलने वाली इस व्यवस्था में कहीं न कहीं कोई कमी रह जाए तो ये कोई बड़ी बात नहीं होती, आज हम जो बताने जा रहें हैं इसका मतलब विभाग्य कमी को उजागर करना कतई नहीं है बल्कि हम विभाग को उसके कर्मचारियों द्वारा हो रही गलतियों की तरफ ध्यान दिलाना चाहते हैं।
ऐसी ही एक गलती साहिबगंज के मुख्य और सबसे व्यस्त इलाके में हमारे इस संवाददाता को देखने को मिली शहर के ग्रीन होटल मोड़ के पास डाक विभाग का एक लेटर बॉक्स है जिसमे ताला नहीं लगा है सिर झूल रहा है और ऐसा एक दिन से नहीं है पिछले कई दिनों से हमारे संवाददाता इस पत्र पेटी पर नजर रखे हुए है, और जब विभाग की नजर इस गलती पर नहीं पड़ी तो हमे विभाग का ध्यान इस तरफ करना पड़ रहा है।
नियम के अनुसार सरकारी छुट्टी को छोड़ कर हर दिन विभाग द्वारा हर एक पत्र पेटी को खोल कर उसमे मौजूद पत्र को उसके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए निकलना होता है, बावजूद इसके पिछले कई दिनों से ये ताला सही तरीके से नहीं लगा है इसका मतलब अगर इसको विभाग की गलती न कह कर विभाग की लापरवाही भी कह सकते हैं।
ये भी सही है के आज के डिजिटल युग में लोग पत्रों से कम ही संदेश भेजते है मगर इसका मतलब विभाग को लापरवाही करने का हक नहीं मिल जाता है।
अब चुकी विभाग का ध्यान इस तरफ दिलाया जा रहा है तो उम्मीद की जा रही है की विभाग न सिर्फ इस लेटर बॉक्स पर ध्यान देगा साथ ही राज्य और देश में जहां कहीं भी लेटर बॉक्स की व्यवस्था है उन सभी जगहों पर विभाग ध्यान देगा जिससे इस सेवा का उपयोग करने वाले नागरिकों में विभाग के प्रति जो विश्वास है उसमे कोई कमी न आए।

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एक मार्च के बाद हुई मृत्यु की जाँच और मृत्यु के कारणों का पता कर जल्द रिपोर्ट पेश करें :- जिलापाल..!
साहिबगंज :- 17/04/2021. जिले में बढ़ते कोरोना के मामलों को नियंत्रण करने के लिए प्रशासन अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रहा है इसमें कोई दो राय नहीं है की बिना आम जन के सहयोग के प्रशासन को उसकी मेहनत का पूरा नतीजा नहीं मिलता है।
आज इसी के संबंध में साहिबगंज जिले के जिलापाल ने अपने सहयोगियों के लिए कई नए दिशा निर्देश जारी किए है जिसमे कई सारी सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है जिसका लाभ आम लोग ले सके।
इसी क्रम में आज जिलापाल श्री रामनिवास यादव की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभा कक्ष में कोविड वेक्सीनेशन की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। जिसमे कई तरह के विषयों पर चर्चा हुई  जिससे इस महामारी में आम जन को ज्यादा से ज्यादा बचाव करने में सुविधा हो जिलापाल श्री यादव ने कहा कि सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी अपने अधीनस्थ स्वास्थ्यकर्मियों का ड्यूटी रोस्टर बनाकर जिला नियंत्रण कक्ष को भेजना सुनिश्चित करें, ताकि जिला स्तर से उनकी निगरानी की जा सके।
साथ ही शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका और जे एस एल पी एस के सदस्य अपने- अपने क्षेत्रों में एक मार्च के बाद हुई मृत्यु की जाँच और मृत्यु के कारणों का पता कर जल्द रिपोर्ट पेश करें।
इसी के साथ जिले में वेक्सीनेशन का कार्य उम्मीद जितना बेहतर नहीं होने की वजह से उन्होंने चिंता व्यक्त  करते हुए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को वैक्सिनेशन में तेजी लाने का निर्देश दिया जिसके लिए  अपने-अपने प्रखंडों में माइकिंग के द्वारा बृहद प्रचार- प्रसार करने को कहा, इसके अलावा उन्होंने जनसंपर्क विभाग को भी वेक्सीनेशन के सुरक्षित होने संबंधित प्रचार- प्रसार और कोविड जाँच के होर्डिंग सभी प्रखंडों में लगाने का निर्देश दिया।
वही उन्होंने कहा के अब जिले के कई रेलवे स्टेशनों पर भी बाहर से आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी जिसमे से मुख्य रूप से बरहरवा, राजमहल, साहिबगंज और मिर्जाचौकी है जहां मेडिकल टीम के द्वारा बाहर से आने वाले यात्रियों का स्वास्थ्य जाँच कराते हुए सैंपल कलेक्शन और वेक्सीनेशन करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया।
श्री यादव ने अंचल अधिकारियों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों और थाना प्रभारियों को दिन में दो बार मास्क चेकिंग अभियान नियमित रूप से करने का निर्देश दिया। साथ ही हाट- बाजारों को शहरी और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से खाली स्थानों पर स्थानांतरित करते हुए सोशल डिस्टेंसिन्ग के साथ हाट लगवाने को कहा। तथा हाट में मास्क की नियमित जाँच का निर्देश दिया। उन्होंने चेकनाका पर भी लगातार चेकिंग करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है।
साहिबगंज के जिलापाल ने जिला के सभी पदाधिकारियों,स्वास्थ्यकर्मियों, कर्मचारियों एवं फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना संक्रमण के इस काल में आम जनता की सेवा करने के साथ-साथ स्वयं का भी नियमित रूप से कोविड टेस्ट कराते रहने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कर्मियों का हौंसला अफजाई करते हुए निरंतर सेवा का संदेश दिया।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी से डरे नहीं बल्कि कोरोना संक्रमण के फैलने से रोकने के नियमों का पालन करते हुए स्वयं और दूसरों को सुरक्षित रखें।


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क्रेशर मालिकों और प्रशासन को आना होगा सामने..!
उनका उदासीनता भरा रवैया हो सकता है जानलेवा..!
साहिबगंज :- 05/04/2021. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की शहर और आसपास के कई गांवों में आज जो चूल्हे जलते हैं उसमे यहां पर स्थित पत्थर उद्योग की काफी बड़ी भूमिका है और कुछ लोग इसी उद्योग पर पूरी तरह से आश्रित हैं, इस बात को क्रशरों के नजदीक रहने वाले मजदूर वर्ग स्वीकार भी करतें हैं..! इन लोगों का मानना है की अगर उनके इलाकों में सक्रीय क्रेशर किसी भी कारण से बंद होते हैं तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा, जो भूख या फिर काम की तलाश में पलायन के रूप में भी हो सकता है, जो अभी की तुलना में शायद ज्यादा कष्टदाई हो क्योंकि अगर यहां आसपास के इलाकों में अगर क्रशरों की वजह से प्रदूषण है तो बड़े शहरों में भी प्रदूषण कुछ कम नहीं है।
हमारे संवाददाता ने इस विषय पर जब थोड़ी छानबीन कि तो कई बातें निकल कर सामने आई है जिसमे सभी की अपनी अपनी समस्या है, ये सही है की वर्तमान में जिले में पत्थर उद्योग के अलावा दूसरा कोई अन्य ऐसा बड़ा उद्योग नहीं है जिससे सैकड़ों परिवारों का भरण-पोषण हो सके इसलिए इस उद्योग का बने रहना जरूरी तो है, साथ ही नियमों का सख्ती से पालन भी किया जाना जरूरी है, जिससे इस उद्योग से होने वाले प्रदूषण को काबू में किया जा सके..! इसके लिए न सिर्फ क्रेशर मालिकों को बल्कि प्रशासन को भी पूरी ईमानदारी से बिना किसी लीपापोती के सामने आना होगा वरना इनका उदासीनता भरा रवैया स्थानीय लोगों के लिए भविष्य में जानलेवा ही साबित होगा।
वहीं शहर और पहाड़ के आसपास सटे दुकानदारों से जब हमने बात की तो पता चला कि उनका व्यापार काफी हद तक पहाड़ पर मौजूद पत्थर उद्योग में काम कर रहे मजदूरों पर निर्भर करता है और ये हालात तब से बने हैं जब से साहिबगंज से लोको सिस्टम को हस्तांतरित कर दिया गया है, अब शहर के दुकानदार खास कर छोटे दुकानदार उस दौर को शहर के एक सुनहरे दौर के रूप में याद करते नजर आते हैं पर फिलहाल शहर के छोटे दुकानदारों और मजदूर वर्ग के लिए पत्थर उद्योग ही कमाई का एक बड़ा मध्यम बना हुआ है  हालांकि कुछ लोगों को बन रहे गंगा पुल से भी काफी उम्मीदें है पर अभी इसमें काफी समय लगने वाला है, इसलिए सभी चाहते हैं के जिले में पत्थर उद्योग हमेशा के लिए बना तो रहे पर कुछ इस तरह के लोगों की सेहत पर इसका दुष्प्रभाव कम पड़े।

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जिले में एक 16 दिवसीय गंगा स्वच्छता अभियान कार्यक्रम को "नमामी गंगे" योजना के तहत शुरू किया गया है आज जिसका पांचवा दिन है।
और आज आपको जानना चाहिए के जिले की पवित्र नदी मां गंगा की ये हालत कैसे हुई, इस विषय पर हमने कुछ जानकारों से बात की तो पता चला सन 1974-75 में बने फरक्का बांध की भूमिका भी कुछ कम नहीं है, कहने को तो फरक्का बांध (बैराज) का निर्माण कलकत्ता स्तिथ बंदरगाह को गाद मुक्त करने के लिए किया गया था, पर अब यही बैराज जिले में गंगा की दुर्गती का कारण बनता दिख रहा है।
जानकारों की माने तो अभी वर्तमान में गंगा में जो गाद जमी पड़ी है उसका एक कारण ये बैराज भी है, क्योंकि इस बैराज ने गंगा के प्रवाह को काफी हद तक प्रभावित किया है।
वैसे केंद्र सरकार ने "नमामी गंगे" योजना की शुरुआत गंगा नदी जो की कुल 2525 किलोमीटर और जिले में 83 किलोमीटर का अपना सफर करती है को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य से किया, मगर अफसोस करोड़ों की लागत वाली इस योजना से गंगा को कुछ ज्यादा लाभ नहीं हुआ।
गंगा कुल मिला कर 2525 किलोमीटर का सफर तय करती है मगर अब कई जगहों पर ये धीरे धीरे एक नाले में परिवर्तित होती दिख रही है।
यूं तो केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए इसके के लिए आवंटित किए हैं जिसमे गंगा से जुड़ी कई योजनाओं को शामिल किया गया है जिन्हे वर्ष 2035 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
हलांकि वर्ष 2019-20 में ही गंगा सफाई का बजट लगभग 20000 करोड़ का रखा गया मगर इसमें काफी प्रयासों के बाद भी कुछ ज्यादा सफलता नहीं मिली, और इस असफलता के लिए सिर्फ सरकार को या संबंधित अधाकरियों को दोषी ठहराना भी उचित नहीं होगा इसके लिए गंगा के आस पास रह रहे नागरिकों को स्वयं जागरूक होना होगा जिसके लिए सरकार अपने साधनों का उपयोग कर नागरिकों को गंगा के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर भी रही है।
अब अगर हम सिर्फ साहिबगंज जिले में गंगा की वर्तमान स्थिति के विषय में बात करें तो लगभग 83 किलोमीटर तक बहती इस नदी की हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं दिखती है, कई जगह गंगा न सिर्फ नाले और गाद में बदल गई है बल्कि वहां के पानी का बहाव भी लगभग ठहर सा गया है।
ऐसे में देखना ये होगा की इस 16 दिवसीय गंगा स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम से गंगा को कितना लाभ मिलता है साथ ही इस पर भी नजर रखनी होगी के आने वाले दिनों में जिले में गंगा की स्तिथि क्या रहती है।
इस स्वच्छता पखवाड़ा में जिले के विभिन्न तटों पर न सिर्फ गंगा की सफाई पर काम किया जा रहा है साथ ही नागरिकों को गंगा के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।


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खबर राष्ट्रीय स्तर की है पर है साहिबगंज जिले की जहां परिवहन विभाग ने एक कठोर कदम उठाया है जिससे बेवजह रोब गाठने वालों पर बिजली गिरी है, दरअसल कुछ लोग जो छापते तो पंपलेट है मगर अपने वाहन पर "प्रेस" लिखवाए घूमते हैं पुलिस में नौकरी पिताजी करते है पर उनका लड़का "पुलिस" लिखवा कर शहर में घूमता है और ऐसा सिर्फ इसी जिले में नहीं हो रहा ये हाल तो देश के हर छोटे बड़े शहर और कस्बे का है जिस पर नकेल लगाने की जरूरत है।

साहिबगंज जिला परिवहन विभाग के अधाकारियों ने स्पष्ट किया है के अब यदि कहीं किसी वाहन पर इस तरह का कोई शब्द लिखा मिला तो उस पर कार्यवाही की जाएगी जिसके लिए अब विभाग खास निरीक्षण करेगा और गलत पाए जाने वाले को न सिर्फ जुर्माना किया जाएगा बल्कि दोबारा उसी अपराध में संलिप्त पाए जाने पर दोषी को दंडित भी किया जाएगा।
सिर्फ न्यायिक एवम पुलिस पदाधकारियों के वाहनों को एक हद तक इस नियम से अलग रखा गया है।
जरूरत तो ऐसे नियम को पूरे राष्ट्र में लागू करने की है जिससे कोई अवांछनीय व्यक्ति किसी तरह की कोई गलत हरकत करने या यूं ही रूवाब दिखाने के लिए अपने वाहनों पर इस तरह के शब्दों का प्रयोग न करें, इस नियम में ध्यान देने वाली बात ये भी है के अब वाहन के नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखवाना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।

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