इस दुनिया की मैं अभारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ |
मैं असहाय हूँ
पर कमजोर नहीं
अवला हूँ पर अनपढ़ नहीं |
निज को साबित करते करते
अब मैं थक गई |
पुरूष महिला की इस होर मे
मैं तो ओझल सी हो गई |
मैंने कभी हार ना मानी
इस समाज ने मुझे हराया है |
वरना मैंने तो यह दुनिया ही बनाया है |
मैं आगे बढ़ना चाहती हूँ
पर मुझे हर बार गिराया जाता है |
इस समाज से शोषित मैं हूँ
हाँ मैं नारी हूँ |
रंगों का है उत्सव होली
रंग विरंगा त्यौहार है.
सबका मन रंग जाता है
होली के आ जाने से,
बच्चे झूम उठते है
इसके आ जाने से,
सारा वातावरण खिल उठता है,
रंगों के भर जाने से ||1||
यूँ ही अपना भारत महान नहीं
यहाँ त्योहारों का मेला है.
झूम उठते है लोग सहर्ष,
त्यौहारों के आ जाने से ||2||
ऋतु राज बसंत आया,
फगुआ का है संदेश लाया
रंग, गुलाल,अविर हमने उड़ाया
और झूम झूम कर होली मनाया
*********
रक्षा बंधन..!
भाई बहन का प्यारा उत्सव..,
ये मनाते हर्षोल्लास से..।
सारे जग में सबसे सच्चा होता,
भाई बहन का प्यार..।। 1।।
लड़ना, झगड़ना और मना लेना..,
यही है भाई बहन का प्यार..l
*इसी प्यार को बढ़ाने आ गया..,
रक्षा बंधन का त्यौहार..।। 2।।
आया सावन का महीना..!
राखी बांधो प्यारी बहना..!
मेघ की ढोल ताप पर.,
बसुंधरा मुस्काते है..।। 3।।
धरती ने चांद मामा को इंद्रधनुषी राखी पहनाई..!
बिजली चमकी खुशियों से रिमझिम जी ने झड़ी लगाई..!!
राजी खुशी सदा तुम रहना..,
राखी बांधो प्यारी बहना..।। 4।।
यह लम्हा कुछ खास है..!
बहन के हाथों में भाई का हाथ है..!!
ओ बहन तेरे लिए मेरे पास कुछ खास है
तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना
तेरा भाई हमेशा तेरे साथ है..।। 5।।
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