22 जनवरी 2021

आलेख :- सुभाष मोदी

बिन वन भटक रहे जानवर..!
साहिबगंज: लगातार हो रहे पहाड़ों के दोहन एवं अंधाधुन जंगलों की कटाई के कारण बेजुबान जानवरों का आशियाना छीन रहा है। कभी कई सारे जंगली जानवरों का ठिकाना रहे राजमहल की पहाड़ी के अंधाधुन दोहन के कारण अब यह जानवर अपने आशियाने की खोज में इधर उधर भाग रहे हैं। महादेवगंज गौशाला में 10 फीट से ज्यादा लंबा अजगर पकड़ा गया। रसूलपुर दहला के पूर्व वार्ड पार्षद हरेंद्र पासवान का भाई जितेंद्र हजारी ने बड़े सूझबूझ और दिलेरी से इस अजगर को पकड़ा। करीब 2 माह पहले भी यहीं पर एक और अजगर लोगों ने पकड़ा था। अब इसे सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा। बड़े-बड़े पहाड़ों को अपना निवाला बना चुके इन कथित व्यापारीयों को न जंगल की फिक्र है और ना ही पर्यावरण की। ऐसे में इस अजगर को पहाड़ी क्षेत्र में छोड़ दिए जाने के बाद भी क्या यह जिंदा रह पाएंगे।

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जन-जन की भागीदारी से बनेगा राम मंदिर :- राजीव कुमार..!
साहिबगंज :- 11/01/2021. वर्षों से अटके राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम भक्तों ने मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर निर्माण हेतु धन संग्रह के लिए आरएसएस ने ग्रामीण स्तर तक के टोली गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोरियो संवाददाता के अनुसार स्थानीय सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बैठक कर मंदिर निर्माण हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और गणमान्य लोगों को साथ लेकर प्रखंड से पंचायत तक टोली का गठन किया गया। विभाग प्रचार प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर मंदिर निर्माण के हक में फैसला सुनाया। अब राम जन्म भूमि स्थान पर 2.7 एकड़ भूमि पर एक भव्यतम मंदिर व तीर्थ क्षेत्र के निर्माण की योजना है जिसके लिए निधि संग्रह अभियान की शुरुआत 15 जनवरी से होना है। जिला सह संपर्क प्रमुख संतोष कुमार ने  बताया कि प्रखंड के प्रत्येक पंचायत में अलग-अलग निधि संग्रह टोली बनाया गया है। प्रत्येक टोली के कार्यकर्ता घर-घर संपर्क करेंगे। टोली के पास  श्रीराम जन्मभूमि मंदिर व तीर्थ क्षेत्र  न्यास समिति द्वारा मुद्रित 10, 100, व 1000 रुपये का कूपन होगा  इसके अतिरिक्त निधि समर्पण रसीद भी होगा। अधिकतम 20000 नगद रूप में स्वीकार किए जा सकेंगे इससे अधिक राशि चेक अथवा ड्राफ्ट के रूप में जमा किया जा सकेगा जिसकी उन्हें रसीद भी मिलेगी। बैठक में प्राचार्य सह वनवासी कल्याण आश्रम के साहिबगंज जिला सचिव सीताराम ठाकुर,आरएसएस के खंड कार्यवाह रवि कुमार,सह खंड कार्यवाह अटल बिहारी दत्ता खंड पालक अधिकारी राकेश कुमार,देवाशीष कुमार,विश्व हिंदू परिषद के धर्मेंद्र कुमार,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संजय दत्त, इस्कोन से चंदन  कुमार भगत, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से प्रधानाचार्य उदय चौरसिया, रामदेव राम, भारतीय जनता पार्टी से जयकांत भगत, उपेंद्र प्रसाद, श्यामल चंद्र दत्त, बजरंग दल से किशोर कुमार, पतंजलि योगपीठ से बमबम कुमार, गायत्री परिवार से नंदलाल सिंह, संतमत समाज से राम नारायण पंडित,घनश्याम पंडित,वनवासी कल्याण आश्रम से जवाहर मुर्मू,पूर्व मुखिया बाबूलाल टूडू,समाजसेवी कैलाश प्रसाद दिनेश कुमार सहित दर्जनों रामसेवक उपस्थित थे।
मिर्जाचौकी संवाददाता के अनुसार रविवार को स्थानीय दुर्गा प्रांगण में राम मंदिर धन संग्रह हेतु बैठक रंजीत वर्मा के नेतृत्व में किया गया जिसमें ओम प्रकाश बरनवाल को अभियान प्रमुख एवं विष्णु वर्मा को अभियान उप प्रमुख बनाया गया !ओम प्रकाश जी के नेतृत्व में अगली बैठक 13 जनवरी शाम 3बजे स्थानीय दुर्गा मंदिर में करने का निर्णय लिया गया जिसमें संग्रह टोली का निर्माण किया जाएगा बैठक में निरंजन जी, पप्पू शाह, अरुण वर्मा, ओम प्रकाश  वर्णवाल, विष्णु वर्मा ,रवि सोनी ,अर्जुन किसको ,दीपक दास, आदि कार्यकर्ता  उपस्थित थे।
मंगलहाट संवाददाता के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के कसवा तथा सैदपुर, मोकीमपुर पंचायत के इंग्लिश, मुन्नापटाल, बुधवरिया गांव में प्रभू श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण धन संग्रह अभियान के तहत  भाजपाई कार्यकर्ताओं द्वारा बैठक की गई. जिसकी अध्यक्षता प्रखंड संयोजक राजेश मंडल ने की. बैठक का नेतृत्व कर रहे प्रखंड हिसाब प्रमुख सागर मंडल ने बताया बैठक में राम मंदिर निर्माण को‌ लेकर प्रत्येक गांव से कूपन काटने के लिए एक पंचायत समिति का गठन किया गया है। मौके पर प्रखंड प्रमुख सोनेलाल ठाकुर, लालू प्रसाद यादव, परमानंद मंडल, हरी महलदार व अन्य सदस्य मौजूद थे..!

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अब जबरदस्ती खनन करने लगे हैं खनन माफिया..!
साहिबगंज :- जिले के मिर्जाचौकी थाना अंतर्गत बनचप्पा गांव के गंगा मालतो ने उनकी जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध पत्थर खनन करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने मिर्जाचौकी थाने में लिखित आवेदन देकर खनन कार्य रोकने की गुहार लगाई है। गंगा मालतो ने बताया कि दामिन भिट्ठा मौजा अंतर्गत जमाबंदी नंबर 8 मैं कुल 40 बीघा 6 कट्ठा 9 धूर उनकी पैतृक जमीन है। इस जमीन को सीटीएस कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को 3 वर्ष पूर्व ही खनन कार्य हेतु दे चुके हैं। परंतु इन दिनों बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत पीरपैंती थाना क्षेत्र के दादर बाराहाट निवासी मो मोइन अंसारी द्वारा अवैध रूप से जबरदस्ती खनन कार्य किया जा रहा है। खनन कार्य में भारी मशीनों का उपयोग भी हो रहा है। मो मोइन को जब खनन कार्य रोकने को कहा गया तो उसके द्वारा गाली-गलौज एवं जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अवैध खनन को रोकने की मांग की है।

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फसल बीमा की राशि नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश..!
साहिबगंज :- वर्ष 2016 के फसल बीमा की राशि किसानों को नहीं मिली है जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित किसानों ने रविवार को रेलवे जनरल इंस्टिट्यूट के मैदान में भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के बैनर तले बैठक कर कई प्रस्ताव पारित किए। किसानों का नेतृत्व कर रहे शिवजी ठाकुर ने बताया कि 2016 के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भुगतान, आपदा प्रबंधन के द्वारा वर्ष 2016 में प्राप्त राशि का भुगतान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वर्ष 2017 से 2019 का भुगतान एवं उप विकास आयुक्त द्वारा बीमा जांच समिति के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की मांग की गई। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कहा कि वर्ष 2016 में जितने किसानों ने बीमा करवाया था उनमें से कुछ को बीमा की राशि मिल गई है परंतु बहुतों को नहीं मिली है। कहा कि इन 4 वर्षो में कई बार उपायुक्त से शिकायत की गई परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिले में कुल 3406 किसान है जबकि बीमा कंपनी से प्राप्त पत्र के अनुसार 2850 किसानों के 6 करोड़ 90 लाख 60 हजार 486 रुपए 52 पैसे जिले को प्राप्त हुई है। परंतु पदाधिकारी, 6 करोड़ 22 लाख रुपए बीमा कंपनी से मिलने की बात करती है। दोनों की सूचनाएं मिलाने पर 68 लाख 60 हजार रुपए का घोटाला नजर आता है। शिवजी ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2016 में ही आपदा प्रबंधन के द्वारा भी 2 करोड़ 89 लाख 20 हजार 303 रुपए जिले को उपलब्ध कराए गए थे, वह भी अभी तक किसानों को प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2017 एवं 2018 के बीमा राशि भी अभी तक किसानों को प्राप्त नहीं हुआ है। कहा कि अगर जल्द ही किसानों को बीमा की राशि प्राप्त नहीं होती है तो वे आंदोलन की शुरुआत करेंगे।

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जिले भर के शस्त्र धारकों के शस्त्रों का हुआ सत्यापन..!
साहिबगंज :- 30/12/2020. जिले के उपायुक्त के आदेशानुसार जिले भर के सभी थानों में संबंधित क्षेत्र के लाइसेंस प्राप्त शस्त्र धारकों के शस्त्रों एवं कागजातों की जांच की जा रही है। जिले के नगर थाना क्षेत्र में कुल 20 अनुज्ञप्ति प्राप्त शस्त्र धारकों ने अपने अपने शस्त्रों का सत्यापन व नवीनीकरण कराया। मौके पर सत्यापन करने हेतु मौजूद दंडाधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार जिले भर में थानावार अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जिसमें नगर की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई। उनकी उपस्थिति में 20 शस्त्र धारकों ने अपने अपने शस्त्रों का सत्यापन कराया। बताते चलें कि 28 दिसम्बर को नगर थाना में मैजिस्ट्रेट कि नहीं पहुंचने के कारण सत्यापन कार्य नहीं किया जा सका था। इसके लिए अगली तिथि 30 दिसंबर रखा गया था। तीनपहाड़ संवाददाता के अनुसार तीनपहाड़ थाना क्षेत्र में अनुज्ञप्ति प्राप्त शास्त्रधारको के शस्त्रो का सत्यापन बुधवार के दिन तीनपहाड़ थाना में की गई। जानकारी के अनुसार तीनपहाड़ थाना क्षेत्र में अनुज्ञप्ति प्राप्त कुल 28 शास्त्रधारक है, समाचार भेजे जाने तक कुल 11 अनुज्ञप्ति प्राप्त शास्त्रधारको ने अपने अपने शस्त्रो का सत्यापन अपने क्षेत्र के थानों में करवा चुके हैं। बताते चलें कि अनुज्ञप्ति प्राप्त शास्त्रधारको के शस्त्रो का सत्यापन एवं अनुज्ञप्ति नवीकरण भी होनी है, परन्तु नवीकरण के लिए शस्त्रधारको जिला मुख्यालय जा कर नवीकरण करवाना होगा जबकि सत्यापन थाना क्षेत्र से ही संभव है। इस दौरान मौके पर तीनपहाड़ थाना प्रभारी रामानुज कुमार वर्मा पीएसआई उमेश चन्द्र महतो, प्रवेश कुमार राम सत्यापन हेतु मौजूद थे। वहीं बरहरवा संवाददाता के अनुसार प्रखंड के कोटालपोखर  थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले सभी आर्म्स लाइसेंस धारकों  के आर्म्स की जांच कोटलपोखर थाना परिसर में कार्यपालक दंडाधिकारी राजमहल  एवं थाना प्रभारी राम हरीश निराला ने बारी-बारी से किया, जिसमें कोटलपोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण इलाकों के 8 आर्म्स लाइसेंस धारी अपने-अपने आर्म्स के साथ मौजूद हुए जांच के क्रम में इन लोगों से आर्म्स के लाइसेंस के संबंधित कागजातों की जांच बारीकी की गई। मौके पर थाना प्रभारी राम हरीश निराला एवं कार्यपालक दंडाधिकारी राजमहल मौजूद थे।

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एसबीआई के बोरियो शाखा में करोड़ों के घोटाले का आरोप..!
साहिबगंज :- 30/12/2020. जिले के बोरियो प्रखंड अंतर्गत बोरियों बाजार हाटपाड़ा निवासी नसीम अंसारी ने भारतीय स्टेट बैंक के बोरियों शाखा पर धोखेबाजी से करोड़ों रुपए गबन करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने समक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। दिए गए पत्र के अनुसार एसबीआई की बोरियों शाखा के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में होने के कारण बैंक के शाखा प्रबंधक, फील्ड ऑफिसर एवं कैशियर की मिलीभगत से कम पढ़े लिखे आदिवासी लोगों को कृषि ऋण एवं केसीसी ऋण में 50 प्रतिशत ही ऋण दिया गया। वहीं पीएमईजीपी के तहत कई फर्जी ऋण स्वीकृत किए गए। जो बिना किसी जांच के बैंक कर्मियों द्वारा 40 प्रतिशत कमीशन लेकर किया गया। नसीम ने बताया कि सब्सिडी की राशि भी फर्जी निकासी का लाभुक के बचत खाते में डाल कर मोटा कमीशन लिया गया जबकि स्थल पर किसी भी यूनिट का नामोनिशान नहीं है। बाद में ॠण धारकों से मोटा कमीशन लेकर सेटलमेंट भी किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि ऋण माफी योजना के तहत भी वैसे कृषकों का ऋण माफ किया जा रहा है जिसका ऋण राशि का पहले ही गबन किया जा चुका है, उस पर भी ऋण माफी के नाम पर मोटा कमीशन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सारे आरोपों की जांच उनके समक्ष किया जाना चाहिए ताकि वे स्थल पर जाकर आरोपों को सत्य साबित कर सके।

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समिति ने बाबुलाल को सौंपा गंगा पर रेल पुल की मांग का ज्ञापन..!
साहिबगंज :-25/12/2020. गंगा पुल निर्माण संघर्ष समिति के पांच सदस्यीय शिष्ठमंडल ने समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार गुप्ता के नेतृत्व में झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से परिसदन में मुलाकात कर उन्हें मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा। शिष्ठमंडल में समिति के केंद्रीय उपाध्यक्ष जगत किशोर यादव, प्रदेश अध्यक्ष ध्रुव भगत, सिद्धार्थ कुमार एवं उपेंद्र कुमार शामिल थे।केंद्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि गंगा पुल निर्माण संघर्ष समिति पिछले 30 वर्षों से साहिबगंज एवं कटिहार जिले की जनता के सहयोग से साहिबगंज से मनिहारी गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल के निर्माण के लिए आंदोलन करती आ रही थी। जिसके फलस्वरूप प्रधानमंत्री ने गंगा पुल का शिलान्यास किया। काफी जद्दोजहद के बाद साहिबगंज से मनिहारी गंगा नदी पर सड़क पुल निर्माण करवाने में सफलता हासिल हुई है। लेकिन अभी आधी सफलता मिली है, आधी अभी बाकी है।मांग के अनुरूप गंगा पुल में रेलवे लाइन शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में समिति ने गंगा नदी पर अब अलग से एक रेल पुल निर्माण के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। शिष्ठमंडल ने बाबूलाल मरांडी से रेल मंत्री से मिलकर साहिबगंज से मनिहारी गंगा नदी पर अलग से एक रेल पुल निर्माण कराने की मांग की।


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बाबुलाल ने भाजपा व झा०मु०मो० शासनकाल की तुलना कर गिनाईं उपलब्धियां..!
कहा भाजपा जो कहती है वही करती है..!
साहिबगंज :-25/12/2020. भाजपा नेता बाबुलाल मरांडी ने साहिबगंज में अपने दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन शुक्रवार को स्थानीय परिसदन में प्रेस को संबोधित करते हुए भाजपा व झामुमो के शासन काल की तुलना करते हुए भाजपा की उपलब्धियां व मौजूदा राज्य सरकार की खामियां गिनाई। कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते बीजेपी ने झारखंड को अलग राज्य की मान्यता दी। पुराना इतिहास रहा है बीजेपी जो कहती है वो करती है। जब अलग राज्य बना तो कोई सुविधा प्रदेश में नहीं थी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल सहित कानून व्यवस्था का भी माखौल बना हुआ था। परंतु बीजेपी की सरकार बनने के बाद झारखंड में हर और विकास हुआ। पहाड़िया गांव में बिजली पहुंची, पक्की सड़कें बनी तथा शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति भी अच्छी हुई। उनके मुख्यमंत्री रहते व बाद के भाजपा शासन में राज्य का चहुँमुखी विकास हुआ। लेकिन आज राज्य में अराजकता फैली है। कोरोना संक्रमण का बहाना बना कर एक वर्ष में राज्य में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। राज्य सरकार खज़ाना खाली होने का रोना रो रही है। जबकि प्राकृतिक संसाधनों का खुलेआम गैर कानूनी तरीके से दोहन हो रहा है। जेएमएम की सरकार बनने के बाद पिछले 1 वर्षों में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं। राज्य गठन के बाद पुलिस विभाग इतनी हाईटेक नहीं हुआ करती थीं, जितनी आज है। बावजूद इसके लॉ एंड ऑर्डर की धज्जियां उड़ रही हैं। गिरिडीह में इनामी नक्सली खुलेआम घूम रहे हैं। प्रखंड, अंचल एवं थानों में बिना पैसों के कार्य नहीं हो रहा है। बालू, पत्थर, कोयला एवं खनिजों की लूट हो रही है। बाबुलाल ने ज़िले की बरहेट, रांगा थाना क्षेत्र की घटनाओं का जिक्र कर सरकार व प्रशासन पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय योजनाओं पर भी ध्यान नहीं दे रही। वहीं पंचायत चुनाव टाल कर राज्य के विकास को पूरी तरह ठप करना चाहती है। कहा कि अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से चरणबद्ध आंदोलन करेगी।उन्होंने केंद्रीय कृषि बिल को किसानों के लिए फायदेमंद बताया। कहा कि कांग्रेस व सभी विपक्षी पार्टियां भ्रम फैला कर किसानों को बरगला रही हैं। वही 14 साल बाद झारखंड विकास मोर्चा के बीजेपी में विलय के विषय पर उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि 14 वर्षों।से झारखंड व यहाँ के लोगों को समझने के प्रयास में लगे थे। इसके पूर्व बाबुलाल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती केक काट कर मनायी। साथ ही उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। मौके पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष शर्मा, राजमहल विधायक अनंत ओझा, भाजपा जिला अध्यक्ष राम दरस यादव, रामानंद साह, गणेश तिवारी, राजीव चौधरी, नौशाद आलम, मो कमाल, ज्योति शर्मा, कुमारी गरिमा, गौतम यादव, प्रशांत शेखर, धर्मेन्द्र कुमार, संजय पटेल, नगर अध्यक्ष पंकज चौधरी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे..!

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लाखों मरीजों का इलाज करने वाले साहिबगंज सदर अस्पताल को इलाज की जरूरत..!
साहिबगंज :- 04/12/2020. सदर अस्पताल बीमारों का इलाज करते करते इन दिनों बीमार हो चला है। किसी भी अस्पताल या चिकित्सकीय व्यवस्था में साफ-सफाई एवं उपकरणों के चाक-चौबंद होने का काफी महत्व है, परंतु साहिबगंज सदर अस्पताल इससे इतर नजर आ रहा है। एसआरएल बिल्डिंग के पीछे बने मिनी तलाब मच्छरों का अड्डा बन चुका है। साफ सफाई ना होने से यहां काफी तादाद में मच्छर पैदा हो रहे हैं। मेडिकल कचरे के निस्तारण की यहां कोई पुख्ता व्यवस्था नजर नहीं आती। पोस्टमार्टम हाउस के बगल में मेडिकल कचरे का अंबार कभी भी देखा जा सकता है। इन कचरो को कुत्तों एवं पंछियों द्वारा नोचा एवं खाया जा रहा है। अस्पताल परिसर में आवारा पशुओं का भी जमघट सामान्य बात है। मेडिकल कचरे के निपटारे के लिए दो मेडिकल पीट तो बने हैं परंतु मेडिकल पीट के खुले होने से उसके होने या ना होने में कोई फर्क नजर नहीं आता। पशु पक्षी इन कचरों पर बैठते हैं जिससे संक्रमण खेलने की तीव्र संभावना बनी हुई है। यही नहीं, सदर अस्पताल के पीछे या अस्पताल के छत पर कचरे का अंबार लगा है। शराब की बोतलें हो या उपयोग किया जा चुका थर्माकोल के प्लेट, जिसका उपयोग या तो मरीजों के द्वारा या स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किया जाता है, बेतरतीब तरीकों से इधर-उधर फेके मिल जाएंगे। कोरोना काल में जब सारा विश्व मास्क एवं सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं तब साहिबगंज सदर अस्पताल में यह दोनों चीज नदारद है। मरीज को मास्क एवं सैनिटाइजर के लिए जागरूक करना तो दूर स्वास्थ्य कर्मी खुद भी इन चीजों का उपयोग नहीं करते हैं। सदर अस्पताल में सैनिटाइजर मशीन भी लगाए गए थे परंतु इन दिनों व शोभा की वस्तु बनी हुई है। हजारों के सैनिटाइजर मशीन एवं लाखों के मेडिकल पीट स्वास्थ्य विभाग को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहा है। सदर अस्पताल का शौचालय किसी के जाने लायक नहीं है। शौचालय की बदबू से कोई उधर से गुजरना भी पसंद नहीं करता। चिकित्सकों की कमी के कारण अक्सर एक ही चिकित्सक ओपीडी में नजर आते हैं। इन खामियों के बाबत पूछे जाने पर जवाबदेह अधिकारी सींखे निपोरने से भी बाज नहीं आते। कहते हैं मिलाजुला कर चलिए। अब इसे आप धमकी समझो या सलाह किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।


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बिना सुरक्षा उपकरण के काम करने को मजबूर है सफाईकर्मी..!
साहिबगंज :-27/11/2020. देश को गंदगी मुक्त एवं स्वच्छ बनाए रखने का जिम्मा अपने कंधों पर उठाये सफाई कर्मियों का जीवन स्तर काफी चिंताजनक है। दिन भर हर मौसम में कड़ी मेहनत करते हुए कचरा बीनते इन कामगारों को जहां तय न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन दिया जाता है वहीं इन्हें बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कचरा उठाने के लिए भेज दिया जाता है। शहर के कई गली मोहल्ले सहित चौक चौराहों पर कचरा उठाते इनके हाथों में नुकीली चीज का चुभना या जख्मी होना तो आम बात है। इन्हें हमेशा जहरीले कीड़ो एवं सांपों का भी डर बना रहता है। हद तो तब हो जाती है जब इन सफाई कर्मियों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मेडिकल कचरा उठाने के लिए भी भेज दिया जाता है। बताते चलें कि मेडिकल कचरा में कई तरह के इनफेक्टेड सुई के साथ-साथ कई खतरनाक रसायनिक दवाएं भी होती है। ऐसे खतरों को बिना सुरक्षा उपकरण के उठाना कई बार घातक सिद्ध होता है। परंतु शहर में शायद ही कोई सफाई कर्मी सुरक्षा उपकरणों के साथ दिखे। स्वास्थ विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि सफाई कर्मियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराना उनकी कंपनी का कार्य है, परंतु वही कंपनी के ओहदेदार कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं। सफाई कर्मचारी भी अपनी आवाज मुखर नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें भी अपनी नौकरी और परिवार के बच्चों का ख्याल करना होता है। एक और देश के प्रधानमंत्री के द्वारा इन सफाई कर्मियों को सम्मानित करते हुए उनका पैर धोना वहीं दूसरी ओर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के इन सफाई कर्मियों को भेजा जाना निश्चय ही सिस्टम के लचर व्यवस्था एवं उदासीनता को प्रदर्शित करता है।

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नियमों को लागू करवाने में जिला प्रशासन नाकाम..!
साहिबगंज :- कोविड़ 19 के खतरनाक संक्रमण को प्रभावहीन बनाने को लेकर लगे लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद सुस्त होती आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के उद्देश्य से अनलॉक 1 की शुरुआत की गई। परंतु खतरा कम नहीं हुआ है, यही कारण है कि अनलॉक 1 में कुछ नियम बनाए गए है। लेकिन साहिबगंज में उन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। बताते चले कि अनलॉक के दौरान जहां दुकानों में ग्राहकों को मास्क पहनना एवं सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य है वहीं वाहनों में छमता से आधे लोगों को ही बैठाना है। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। लोग इतने लापरवाह हो गए है कि वे ना तो मास्क लगाते है और ना ही सामाजिक दूरी का ही पालन करते है। टोटो ओर टेम्पो में भी छमता से अधिक लोग के साथ साथ सामानों को भी ठूस कर भरा जा रहा है। मिठाई, फास्ट फूड और चाट पकौड़ी की भी दुकाने चल रही है और लोग दुकानों के बाहर ही जायका भी ले रहे है। जबकि ये दुकान होम डिलीवरी के शर्त पर खोले गए है। प्रशासनिक लापरवाही का आलम ये है कि ये सब सड़क पर पुलिस के नाक के नीचे हो रहा है। ये अच्छी बात है कि जिले में मिले तीनों संक्रमितों को  प्रशासन अपनी निगरानी में कोवीड अस्पताल में इलाज करवा रही है, परंतु इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कई लोग छुप छुपा कर भी आ रहे हैं। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग भी घरों से बाहर निकल रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जन धन खाता धारी महिलाओ, उज्ज्वला योजना लाभुकों और अन्य को अप्रैल मई एवं जून माह की राशि खाते में भेजने से बैंकों में राशि निकालने के लिए होड़ लग गई है। वही बैंको में रुपया निकालने और खाता जाँच कराने सहित बैंको के ग्राहक भी निकासी व जमा करने बैंक आ रहे है।शहर को कई बैंको के सामने सोशल डिस्टेसन बनाए रखने में बैंक फेल होती दिख रही है परंतु बैंक प्रबंधन और जिला प्रशासन मूकदर्शक बने रहे। खतरे की आशंका बनी हुई है पर नियमों को लागू करवाने वाले बेपरवाह है।


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मां..! इस एक शब्द में पूरा संसार समाया है। एक बच्चे के जन्म के साथ ही एक मां का जन्म भी होता है और उसी के साथ शुरू होती है उस मां की जिम्मेदारियां जो अपने बच्चों के प्रति होता है। मां अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन करे तो वह अपने बच्चों को सही भविष्य दे सकती है। इसका एक उदाहरण साहिबगंज की 54 वर्षीय माया देवी है। चार पुत्रियों को जन्म देने के बाद भी उन्होंने कभी पुत्र की इच्छा नहीं की। उन्होंने पुत्रियों को ही पुत्र की तरह पाला। दो बेटियों की शादी कर देने के बाद अब माया देवी अपने तीसरी बेटी कल्याणी कुमारी का भविष्य बनाने में लगी है। वैसे तो कल्याणी बचपन से ही काफी मेधावी छात्रा रही है। परंतु मां के प्रोत्साहन के बिना वह सफलताओं की ऊंचाइयों को नहीं छुपाती जहां वह अभी है। माया देवी को शुरू में ही आभास हो गया था कि कल्याणी दूर तक जाएगी इसी कारण माया देवी शुरू से ही कल्याणी का हौसला अफजाई करती रही। स्कूल के दिनों में नृत्य प्रतियोगिता हो या भाषण प्रतियोगिता या फिर कॉलेज के कोई दूसरा कार्यक्रम, सभी में कल्याणी की मां ने कल्याणी का हौसला ही बढ़ाया। यही कारण रहा है कि आज कल्याणी साहिबगंज जैसे छोटे शहर से निकलकर मुंबई जैसे बड़े शहर में अपना भविष्य संवार रही है। 
कल्याणी जब 12 साल की हुई तो उसके सर से उसके पिता का साया हट गया। परंतु मायादेवी ने कभी भी अपने बच्चों को पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। माया देवी के पास संसाधन एवं पैसे सीमित थे पर हौसले असीमित। हालांकि बेटी के इस सफर में माया देवी को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा पर इन परेशानियों से माया देवी के हौसले और बुलंद ही हुए। नए नए अनुभवों ने परिस्थितियों से लड़ने के नए-नए गुर सिखा दिए। यह माया देवी के मेहनत का ही परिणाम था कि 2016 में दिल्ली में हुए "देश भक्ति एवं राष्ट्र निर्माण" विषय पर भाषण प्रतियोगिता में कल्याणी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं कल्याणी साउथ कोरिया जैसे देशों में जाकर भारत देश का नेतृत्व भी कर चुकी है। कल्याणी ने झारखंड और साहिबगंज का नाम रोशन करते हुए राष्ट्रपति के हाथ से इंदिरा गांधी पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी है। अर्थशास्त्र से एम ए करने के साथ-साथ कल्याणी एयर होस्टेस की ट्रेनिंग, मॉडलिंग आदि में भी प्रयास कर चुकी है। आज कल्याणी मुंबई के फिल्म जगत में अपना स्थान बना रही है। कल्याणी टीवी सीरियल एवं विज्ञापनों में कार्य कर रही है। आमतौर पर फिल्म जगत में कमजोर पृष्ठभूमि के लोग कम ही सफल हो पाते हैं परंतु यह कल्याणी के मां माया देवी के ही विश्वास एवं हिम्मत का ही नतीजा है कि कल्याणी आज बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउसों में कार्य कर रही है। निश्चय ही बच्चों को आगे बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान घरवालों का होता है और घरवालों से भी ज्यादा मां की। कल्याणी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी मां ही उसके पिता और उसके भाई भी है। मातृ दिवस के शुभ अवसर पर साहिबगंज टुडे परिवार हर उस मां को प्रणाम करता है जिन्होंने अपने दम पर समाज में उदाहरण स्थापित किया है।

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चिकित्सकों की लापरवाही से गई नवजात बच्चे की जान..!
साहिबगंज/तीनपहाड़ :- करोना महामारी से निपटने के लिए पूरा विश्व सहित भारत और भारत के हर छोटे से लेकर बड़े कस्बों तक में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। एक ओर जहां पुलिस विभाग सतर्कता और मुस्तैदी के साथ कार्य कर रही है वहीं स्वास्थ्य विभाग भी दिन रात एक किए हुए हैं। परंतु इस भागदौड़ में कहीं न कहीं इंसानियत मरती भी नजर आ रही है। ऐसा ही जिले के स्वास्थ्य विभाग की एक लापरवाही सामने आई है।
तीनपहाड़ निवासी रवि कुमार की पत्नी नेहा कुमारी ने 2 अप्रैल को घर पर ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। पूरे परिवार में खुशी का माहौल था परंतु अचानक 6 अप्रैल को सुबह बच्चे की तबीयत खराब हो गई। रवि ने 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस मंगवाया और तालझारी स्वास्थ्य केंद्र ले गया। परंतु वहां समुचित इलाज नहीं होने के कारण उन्हें साहिबगंज सदर अस्पताल भेज दिया गया। परंतु बच्चे को वहां भी किसी डॉक्टर ने नहीं देखा और उन्हें पुराना सदर अस्पताल भेज दिया गया। परंतु चिकित्सकों की उदासीनता देखिए कि उन्हें फिर से नए सदर अस्पताल यह का कर भेज दिया गया कि यहां कोई भी बच्चों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है। उन्हें समुचित इलाज के लिए भागलपुर जाने की सलाह दी गई परंतु लॉक डाउन की वजह से यह संभव नहीं था। उस नवजात बच्चे को लेकर पिता रवि और माता नेहा दोनों रोते रहे परंतु किसी ने भी इलाज की जहमत नहीं उठाई और शाम को उस नवजात बच्चे ने दुनिया छोड़ दिया। आश्चर्य होता है की पूरे विश्व में फैले कोरोनावायरस की महामारी से 100 प्रतिशत निपटने का दम भरने वाली डॉक्टरों की फौज एक नवजात बच्चे का जीवन नहीं बचा सका। यह ऐसी पहली घटना नहीं है। पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई है और आगे भी आती रहेगी। परंतु सवाल यह उठता है की चिकित्सक क्यों अपना कार्य करने से बचते हैं। रवि कुमार ने इस संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है देखना है कि कार्यवाही कब तक और क्या होता है..।

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रंगदारी नहीं मिलने पर लगाई आग..!
साहिबगंज :- 06/04/2020. जिले के तीन पहाड़ थाना स्थित शहरपुर ग्राम मैं रंगदारी ना मिलने पर पुआल में आग लगाने की घटना सामने आई है। पुआल की कीमत करीब 1 लाख रुपए थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार तीनपहर थाना क्षेत्र के शहर पुर ग्राम निवासी विजय शाह (50 वर्ष) ने अपना पुआल गांव में ही एक जमीन पर रखा था। जमीन सरकारी बताया जा रहा है। तभी कुछ ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए पुआल वहां से हटाने की मांग की। 21 मार्च तक जमीन खाली करने का अवसर भी दिया गया और 9000 रुपया भाड़े के एवज में मांगा गया। भाड़ा देने से इनकार करने पर दो लोग ठाकुर हासदा और होपना टूडू ने धमकी भी दिया। पुआल हटाना शुरू हो चुका था परंतु तब तक लॉक डाउन लग गया जिसके कारण पुआल नहीं हटाया जा सका। पुनः 5 अप्रैल को ठाकुर हासदा और होपना टूडू एक और व्यक्ति मंडल सोरेन के साथ आकर 5000 रुपया भाड़ा मांगने लगा, नहीं देने पर शाम 4:00 बजे करीब तीनों मिलकर विजय शाह के पुआल में आग लगा दिया। आग लगाते हुए स्थानीय तीन लोग करुणा देवी राम प्रसाद साह और रामविलास शाह ने देख लिया। तीनों ने विजय शाह को पुआल में आग लगाए जाने की सूचना दी परंतु वहां पानी का व्यवस्था नहीं रहने के कारण आग नहीं बुझाया जा सका। इस बारे में जब आरोपियों से बात किया गया तो आरोपियों ने मारपीट करते हुए जलती आग में विजय साह को फेंकने का प्रयास किया जिसे ग्रामीणों ने बचा लिया। फिलहाल मामले से तीन पहाड़ थाना को सूचित कर दिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है, परंतु खबर लिखे जाने तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई।

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हुस्न आरा प्रवीन को मिलेगा 87000.

साहिबगंज :- 27/03/2020. खेल कूद एवं युवा कार्य निदेशालय ने वर्ष 2019-20 के लिए अपने वेबसाईट पर झारखंड के प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए खेल छात्रवृत्ति एवं कैश अवॉर्ड की सूची जारी की है। जिले में संचालित बालिका डे बोर्डिंग एथलेटिक्स की ट्रेनी राष्ट्रीय पदक विजेता हुस्न आरा प्रवीन को छात्रवृती स्वरूप 72000 रुपए एवम् नगद पुरस्कार 15000 रुपए यानि कुल 87000/- की राशि स्वीकृत किया है..। इस पर हुस्न आरा प्रवीन ने खुशी जाहिर करते हुए खेल विभाग समेत खेल मंत्री सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया..। ज्ञात हो वर्ष 2019 में जूनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स में कांस्य पदक एवम् राष्ट्रीय विद्यालय एथलेटिक्स लंबी कूद में रजत पदक जीता था।

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एटीएम से पैसों की जगह निकलेगा पानी..!
गर्मी से लड़ने को तैयार नगर परिषद, शहर के 10 जगहों पर बन रहा है वाटर ए०टी०एम०, 30 पैसा लीटर मिलेगा मिनरल वाटर..!
साहिबगंज :- 02/03/2020. अभी तक आपने ए०टी०एम० से पैसे निकालेंगे होंगे। लेकिन अब ए०टी०एम० से पानी भी निकलेगा। नगर परिषद शहर में गर्मी से निपटने के लिए 10 स्थानों पर वाटर एटीएम लगा रहा है। जिसमें कार्ड डालते ही आपको पानी मिलेगा। साहिबगंज शहरी क्षेत्र के 28 वार्ड में कुल 10 वाटर ए०टी०एम० लगाने की योजना पर नगर परिषद कार्य कर रही है। इस वाटर ए०टी०एम० से किसी भी समय पानी लिया जा सकेगा। जिसकी कीमत 30 पैसे प्रति लीटर होगी। इसके लिए साहिबगंज सदर अस्पताल के निकट बस स्टैंड के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो चुका है। नगर परिषद क्षेत्र में 10 जगहों पर वाटर ए०टी०एम० बनाया जा रहा है। पटनिया टोला, तालबन्ना कुआं, गोपालपुर भट्टा, तिलकधारी कुआं, बरतला शनि मंदिर, पुरानी साहिबगंज लाइब्रेरी के पास, जिरवाबाड़ी पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास, केलाबाड़ी पोखरिया, झंडा मेला एवं बस स्टैंड के पास इन वाटर ए०टी०एम० को तैयार किया जा रहा है। नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार सभी वाटर ए०टी०एम० पूर्ण रूप से सॉफ्टवेयर से संचालित किया जाएगा। वाटर ए०टी०एम० की क्षमता 500 लीटर की होगी। पानी खत्म होने की स्थिति में सॉफ्टवेयर खुद मैसेज भेज कर पानी खत्म होने की सूचना कंट्रोल ऑफिस भेज देगा। लोगों को ए०टी०एम० कार्ड की तरह कार्ड दिया जाएगा। जिसे डालकर पानी लिया जा सकेगा। बताया गया कि कार्ड को रिचार्ज करने की भी व्यवस्था की जाएगी। यह रिचार्ज, रिचार्ज वेंडर या फिर दुकान में संभव हो पाएगा। ज्ञात हो कि नगर परिषद के इस महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट की फंडिंग एवं मेंटेनेंस की अवधि 3 वर्ष की होगी। इसका जिम्मा सी०जी०एफ० यानी कलेक्टिव गुड फाउंडेशन ने लिया है। नगर परिषद इसे 5 मार्च से शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। इससे एक और जहां आने वाली भीषण गर्मी से निपटने के लिए लोगों में आस बंध रही है। वही ए०टी०एम० के लगाए जाने के स्थान को लेकर विवाद हो रहा है। बस स्टैंड को छोड़ दिया जाए तो बाकी कोई ऐसी जगह नहीं है जहां लोगों का आवागमन ज्यादा होता हो। बताते चलें कि चौक बाजार, गांधी चौक, पटेल चौक से होते हुए साहिबगंज रेलवे स्टेशन, कॉलेज रोड, पूर्वी रेल फाटक, सुभाष चौक से होते हुए साहिबगंज जिला मुख्यालय के बीच लोगों का आवागमन सबसे ज्यादा होता है। परंतु इन जगहों पर एक भी वाटर ए०टी०एम० नहीं लगाया गया। जिन जगहों पर वाटर ए०टी०एम० लगाया जा रहा है वहां इक्का-दुक्का लोगों का ही आना जाना होता है। नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लोगों की ज़रूरतों को ध्यान में रखा जाएगा।

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कचरे का निपटारा नहीं होने से आम जनजीवन बेहाल..!
पैसों की कमी से नहीं बन रहा है सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट :- कार्यपालक पदाधिकारी..!
साहिबगंज :- 17/01/ 2020. एक ओर जहां केंद्र सरकार पर्यावरण को लेकर गंभीर नजर आती है और करोड़ों रुपए पर्यावरण में सुधार लाने के लिए खर्च कर रही है, वही जिले में कर्मचारियों व अधिकारियों के उदासीन रवैए के कारण केंद्र सरकार की महती योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है। ज्ञात हो कि इन दिनों साहिबगंज के हर चौक चौराहों पर कूड़े का अंबार लगा नजर आ रहा है। वहीं कचरा निस्तारण के लिए कोई प्लांट ना होने के कारण कचरे को इधर-उधर डंपिंग किया जा रहा है, जिसके कारण डंपिंग किए गए क्षेत्र के आसपास के लोग काफी त्रस्त है। बताते चलें कि शहर से प्रतिदिन 23 से 24 टन कचरा निकल रहा है परंतु कचरा के डंपिंग के लिए कोई स्थाई जगह नहीं होने के कारण इसे कृषि विज्ञान केंद्र के आसपास रेलवे के माल गोदाम के पास सहित कई अन्य जगहों पर डंपिंग किया जा रहा है। डंपिंग वाली जगह पर जब कचरा बहुत ज्यादा हो जाता है तो कर्मचारी उसे आग लगा देते हैं, जिसके कारण कचरे के जलने से तेज दुर्गंध के साथ गहरे रंग का धुआं भी निकलता है जिसके कारण वहां मौजूद आसपास के लोग काफी परेशान हैं। बताते चलें कि करीब 9 करोड़ की लागत से सॉलि़ड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट बनना है, जिसके लिए घोघी गांव में पौने 10 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर ली गई है परंतु अभी तक उस पर काम शुरू नहीं हो सका है। वहीं बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण जिले के कई प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्र मेडिकल कचरे को यूं ही कचरे का ढेर में फेंक देते हैं, और फिर वह कचरा नगरपालिका के कचरा उठाव गाड़ी के सहारे खुले में फेंक दिया जाता है। जिसके कारण कई बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। इस बाबत एक और जहां नगर पर्षद उपाध्यक्ष रामानंद साह कहते हैं कि शहर में सफाई का काम कार्य जोरों से चल रहा है और सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है, वही नगर पर्षद कार्यपालक पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार से फंड मिलते ही सॉलि़ड वेस्ट प्रोसेसिंग पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जबकि सफाई का जिम्मा लिए आकांक्षा के मैनेजर का कहना है कि सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट कब तक तैयार हो जाएगा यह तो नगर परिषद ही बता सकती है। सिविल सर्जन डॉक्टर डीएन सिंह का कहना है कि अस्पताल में मेडिकल वेस्ट कचरे का निस्तारण के लिए मेडिकल पीट का निर्माण कराया गया है, पर प्राइवेट प्राइवेट क्लीनिक से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचरे का निस्तारण कैसे हो रहा है इसकी जानकारी उनके पास नहीं है उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी प्राइवेट क्लीनिको को पत्र लिखा जाएगा। कारण जो भी हो फिलहाल तो शहर की आम जनता कचरे से परेशान है। समाधान सरकारी बाबू को ही खोजना है, पर वह अलग अलग राग अलाप रहे हैं।

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30 दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ..!
साहिबगंज :- 17/01/ 2020. भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से उद्योग विभाग के प्रशिक्षण कक्ष में शुक्रवार को 30 दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुुआ। साथ ही 30 दिवसीय ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। इस दौरान भारतीय स्टेट बैंक, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्था के निदेशक रतन कुमार दास, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम आरके तिवारी, नबार्ड के डीडीएम नैयाज इशरत ने प्रशिक्षण ले चुके प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया। वहीं कंप्यूटर प्रशिक्षण के प्रशिक्षुओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद स्वरोजगार की जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के कार्यक्रम समन्वयक हंसराज कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षुओं को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ सफल व्यवसाई बनाने के भी गुर सिखाए जाएंगे। ज्ञात हो कि ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण में 35 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। जबकि कंप्यूटर प्रशिक्षण में भी 35 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जाना है।


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बाल श्रमिक विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की उपायुक्त से नहीं हो सकी मुलाकात..!
साहिबगंज :- 17/01/ 2020. जिले में संचालित बाल श्रम विद्यालय (विशेष प्रशिक्षण केंद्र) के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त से मुलाकात करने समाहरणालय पहुंचे। लेकिन उपायुक्त के राजमहल में एक बैठक में होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। सुबोध कुमार पंडित ने बताया कि 21 माह से मानदेय नहीं मिलने से विद्यालय का संचालन अवरुद्ध है। इससे सर्वेक्षित बाल श्रमिक बच्चों, शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। शिक्षकेतर कर्मचारियों ने कहा कि पूर्व में हुए सर्वेक्षण के आधार पर 1485 बच्चों का नामांकन विद्यालयों में है। संघ सचिव विनय कुमार वर्मा ने बताया कि उपायुक्त से दूसरे दिन मुलाकात कर उनके समक्ष समस्या रखी जायेगी। मौके पर  संजय स्वर्णकार, पंकज कुमार, विजय साह, रेखा कुमारी, ममता कुमारी, गीता देवी, शिखा कुमारी, आरती कुमारी, अमित कुमार, चंदन कुमार, हरिभूषण, गणेश कुमार, कैलाश हरि, दिनेश पंडित, आशीष कुमार , अलका देवी, नगीना मंडल, अमित कुमार, विजय कुमार, संजय पासवान सहित कई मौजूद थे.!

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ढाई वर्षीय बच्ची झुलसी..!
साहिबगंज :- 17/01/ 2020. कबूतर कोपी निवासी ढाई वर्षीय अमृता कुमारी का दोनों पैर खेलने के क्रम में जल गया जिसे साहिबगंज सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। जानकारी देते हुए अंजलि के पिता रविंदर यादव ने कहा कि वह गाय का चारा बना रहे थे, तभी उसकी ढाई वर्षीय बेटी अमृता कुमारी वहां पर खेलने आ गई और खेल-खेल में ही भट्ठी पर चढ़ा गाय का चारा गिर गया जिससे अमृता के दोनों पैर बुरी तरह से जल गया। घटना 11:30 बजे की बताई जा रही है। फिलहाल बच्ची का इलाज साहिबगंज सदर अस्पताल में चल रहा है।
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साहिबगंज :- 17/01/ 2020. बचपन में मुंशी प्रेमचंद की मशहूर लेखनी पूस की रात पढ़ा था। इन दिनों की ठंड देखकर मन में विचार है कि क्या सच में पूस की रात इतनी ठंडी होती है, सोचा जरा ट्राई किया जाए बस फिर क्या था, मैंने एक टीम बनाया जिसमें मैं रब नवाज आलम अमित सिंह और इमरान शामिल हुए और रात के 11:30 बजे निकल पड़े। शहर के विभिन्न गलियों से गुजरते हुए हम साहिबगंज के सदर अस्पताल में पहुंचे। बरबस ही हमारी नजर शव परीक्षण गृह के बाहर बरगद के पेड़ के नीचे पड़ी एक हिलती डुलती गठरी पर पड़ गई। सोच में पड़ गया, भाई इतनी रात को, इतनी ठंड में आखिर कौन यहां पर सोया हुआ है। हम उसके पास जाने लगे। पास आते कदमों की आहट सुनकर उस गठरी से आवाज आई "कौन हो भाई... मुझे कंबल तो दो... कोई खाना दे दो भाई... दो ना",  हम लोग तो जैसे सकपका गए। पास जाकर हमने उससे पूछा कि तुम कौन हो और फिर उसने जो बताया उसमें दर्द भी था और सिस्टम की लापरवाही भी झलक रही थी..... उसने कहा कि मैं विदेश में हुँ.... हमने कहा नहीं या तो इंडिया है यह इंडिया है। यह सुनकर उस पगली ने कंपकंपाती लेकिन तल्ख आवाज़ में बोली " ये इंडिया है.., इंडिया है तो किसी ने कंबल क्यों नही ओढ़या....... हम सब स्तब्ध, हमारे पास उनके सवालों का कोई जबाब नही था.....कुछ देर के बाद उसका नाम पुछने पर महिला ने बताया कि उसका नाम सुनिता पिता का नाम शिवनारायण सहानी पता लशकरी बाग, नागपुर है। नागपुर से साहिबगंज कैसे आईं पूछा, तो उसने ज़माने भर के दर्द को समेट कर कहा.....
 किसी ने गाड़ी पर उसे यहाँ लाकर छोड़ दिया है...... हम सब आवाक रह गये। हम सब ने उसे प्रतीक्षालय में जाकर सोने के लिए कहा पर बार-बार जिद करने पर भी वह नहीं मानी, आखिर वह पगली थी ना... बस यही कहे जा रही थी कि "कुछ खाने को दे दो... बहुत ठंड लग रही है.... कोई रजाई तो दो...
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मन में तमाम तरह की पीड़ा और सिस्टम के प्रति आक्रोश को समेटे हम वहां से आगे बढ़े आगे हटिया, पश्चिमी रेलवे फाटक पार करते हुए हम पटेल चौक तक पहुंचे। सब ने मन बनाया की गांधी चौक तक जाया जाए। हम आगे भी बड़े पर अचानक हमारे कदम स्वामी विवेकानंद चौक पर एक बार फिर ठिठक गए। स्वामी जी बड़े शान से खड़े अपने महान इतिहास को दोहरा रहे थे, पर ठीक उसके नीचे जलता अलाव, अलाव के नीचे एक और विक्षिप्त व्यक्ति, उम्र करीब 30 साल, अपने दोनों हाथों को गर्दन में लपेटे, अलाव की राख को खुद में समेटे, अधजली लकड़ी के चिंगारी के ठीक करीब चेहरा किए इस बदन छेद देने वाली ठंड में सुनसान सड़क के किनारे सोया पड़ा था। शायद जलाए गए अलाव की गर्मी जज़्ब कर लोग अपने घर लौट गए थे। किसी ने पानी भी मार दिया होगा कि लकड़ी दूसरे दिन काम आएगी। तभी तो उस अलाव में आग कम और धुंआ ज़्यादा था। हवाओं के थपेड़ों से धुआं ज़ोर मारता तो लगता अब अधजली लकड़ी से आग भभक पड़ेगी। बिखरे बाल, चेहरे पर दाढ़ी, वो शख़्स पूरी तरह दाहिनी करवट उकड़ू था। उसके चेहरे पर अलाव की बुझी हुई राख लगी थी। उसके थरथराते पैरों में भी राख लिपटी थी। जैसे जिस्म के इन खुले हिस्सों को वो उस राख से गर्मी का एहसास करा रहा हो....जैसे आग के करीब रहे अपने चेहरे से पूरे जिस्म को गर्मी पहुंचाने की कोशिश कर रहा हो.... मेरे पाँव जैसे जड़ हो गए, आवाज़ हलक से निकलनी बंद हो गयी..निःशब्द..मेरी आँखें भरोसा नहीं कर पा रही थीं..दर्द का एक ऐसा मंज़र मेरे सामने था..मेरा वजूद अंदर तक हिल गया। वहीं पास ही उसकी टूटी चप्पल, गुदड़ी सी चादर पड़ी थी। ठीक उसके पास एक नई गर्म चादर भी थी। जिस पर कुछ कुत्ते बैठ कर अपनी ठंड दूर कर रहे थे। वो नई गर्म चादर शायद किसी भले इंसान ने उसकी हालत पर तरस खा कर उसे दी होगी.....लेकिन पूस की अंतिम रात की ठंड ने उस नई गर्म चादर को भी छेद दिया होगा। उस पगले ने नई गर्म चादर सड़क पर फेंक अधजली अलाव का आलिंगन कर लिया था....

पता नहीं मन में कौन सा विचार उमड़ा कि मेरी नजर विवेकानंद की उस आलीशान मूर्ति पर पड़ी। मन ही मन मैंने कहा "क्या यही है आपका भारत" ,  अभी मैं मन ही मन यही बोल ही रहा था कि दूर से झांकती महात्मा गांधी की उस प्रतिमा पर भी नजर पड़ गई जो नगर थाना के सामने ही है। चेहरा घुमाया तो नगरपालिका के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर भी नजर पड़ी और साथ ही नजर पड़ गई लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर। सभी थे वहां...,  सारे महापुरुष।  एक ने संविधान दिया एक ने पूरे भारत को एक किया एक ने आजादी दिलवाई तो एक ने भारत को पूरे विश्व में मशहूर कर दिया। पर क्या फायदा। हमें आजादी मिली संविधान भी मिला गौरवपूर्ण इतिहास भी मिला, पर आज परिणाम कुछ और है। आज हमारे सिस्टम के सिस्टम में ऐसा कोई भी सिस्टम नहीं है जो इन लाचार बेबस लोगों को एक अदद आशियाना भी दिला सके। मैं खींज भरी मुस्कुराहट को मन में समेटे आगे बढ़ गया ....


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साहिबगंज:- 15/08/2018. स्वतंत्रता दिवस पर हर प्रकार के जीव हत्या पर प्रतिबंध है पर यहां तो तिरंगे के नीचे ही ऐसा हो रहा है..। यह नजारा झारखंड के साहेबगंज जिले के कृष्णा नगर का है..। किसे शर्म आनी चाहिए हमे, जो एक दिन भी अपने जीभ को नियंत्रण में नही रख सकते है या उस दुकानदार को जिसे इस नियम की कोई खबर नही है या उन लोगो को जो आते-जाते देखकर भी अंधे बने है या उन अधिकारियों को जिसके जिम्मे इस नियम को लागु करवाना है या फिर इन सबको..।
मुर्गे और बकरे भी काटे जा रहे है जनाब पर पुरी सुरक्षा में..। आप होटलो या रेस्टोरेंटो मे इसका लुफ्त उठा सकते है..। मुझे शर्म आई तो मैने आवाज उठाया यदि आपको भी आई तो आप क्या कर रहे है..।
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साहिबगंज 22/12/2017.
कंबल क्यों नहीं बदला रे.....
रंग बदला रूप बदला ,
रंग-रूप के मायने बदला,
रंगने वाला हाथ भी बदला,
रूप का संसार भी बदला,
पर कंबल क्यों नहीं बदला रे....



बिकने वाला बाजार भी बदला,
सौदागर  दिलदार भी बदला,
देने वाले का हाथ भी बदला,
लेने वाले का जात बदला,
पर कंबल क्यों नहीं बदला रे..... 

सार बदला सरोकार भी बदला,
चीत्कारों का रार भी बदला,
गरीबों का संसार भी बदला ,
जख्मी हाथों का आकार भी बदला,
पर कंबल क्यों नहीं बदला रे.....

देश का सरकार भी बदला,
विकास का पैरोकार भी बदला,
चाल बदला चालबाज बदला,
आंकड़ों का सुर और साज भी बदला
पर कंबल क्यों नहीं बदला रे.....

सुभाष मोदी के उत्कृष्ट रचना " कम्बल क्यू नहीं बदला रे " का मैथिल रूपांतरण निर्भीक समाज-सेवी व लेखक विजय झा ने किया l 
कम्बल क्यू नहीं बदला रे का मैथिल रूपांतरण विस्तृत पढने के लिए विजय झा के फेसबुक पेज को निचे लिंक पर क्लिक करे l
https://www.facebook.com/vijayjha90 

साहिबगंज 20/08/2017 
ट्रेन की चपेट मे आने से दोनो पैर गंभीर रूप से जख्मी ! संतोष साह उम्र 28 वर्ष ! रेल अस्पताल ने रेफर किया !


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नेस्ट न्यूज़ 
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साहिबगंज 23/07/2017 
पिछले 20 जुलाई को बांझी में बाइक और स्कार्पियो की टक्कर मे दो व्यक्तियों की मौत हो जाने से विद्यार्थी वर्ग में काफी शोक व्याप्त है। इसी संदर्भ मे आज शहर के चैती दुर्गा मोड़ पर स्थित बजरंग बली मंदिर प्रांगण मे विद्यार्थीयों के एक ग्रुप ने शोक व्यक्त करते हुए मृतक के तस्वीर के सामने मोमबत्ती जलाकर उनकी आत्मा की शांति की कामना की।
ज्ञात हो की पिछले 20 जुलाई को शिवम व शुभम नाम के दो युवक बाइक पर सवार व्यक्ति साहिबगंज की तरफ आ रहे थे Scorpio गाड़ी संख्या जी एच 18 6254 साहिबगंज की ओर आ रहे थे। दोनों में टक्कर हुई  व घटनास्थल पर ही बाइक पर सवार दोनो व्यक्ति की मौत हो गई थी।


साहिबगंज 15/07/2017 
सावन महीने के पवित्र अवसर पर "न्यू झारखंड युवा क्लब की ओर से साहिबगंज के "होटल अभिनव श्री " के सभागार में  बच्चियों के मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।  जिसमें मुख्य अतिथि श्री अनुकूल मिश्रा जी , वरिष्ठ अतिथि श्रीमती उषा गुप्ता जी , निर्मल मोदी जी, उत्तम जी , सद्दाम हुसैन और सभी सहयोगी  एवं सभी  प्रतिभागी को पुरूस्कृत भी किया गया ।।




साहिबगंज 14 /07 /2017
शराब किस किस तरह से आपको नुकशान पंहुचा सकते है इसकी ढेरो बानगी अक्सर देखने सुनने को मिलता है ऐसा ही एक बानगी आज दिनांक 14  जुलाई को साहिबगंज के पश्चिमी रेलवे फाटक के पास एक अज्ञात व्यक्ति का लावारिश हालत में पड़ा शव के रूप में देखने को मिला.
वहां उपस्थित लोगो ने बताया की दिन के करीब 11  बजे ये पास ही के शराब के ठेके से शराब पीकर यहाँ नशे में धुत्त बैठा था फिर अचानक ये गिर पड़ा. जबतक लोग कुछ समझ पाते या कुछ कर पाते उससे पहले ही इसकी मौत हो चुकी थी. लोगो ने बताया की ये कौन है या कहा से आया है ये पता नहीं है और न ही वहां उपस्थित किसी चश्मदीद ने भी उस मृत व्यक्ति की शिनाख्त नहीं  की ! समाचार प्रेषित किये जाने तक इस व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो पाई है और ना ही मौके पर कोई पुलिस पहुंची थी ! ज्ञात हो की 11  बजे से लावारिश हालत में साहिबगंज के पश्चिमी रेलवे फाटक केबिन परिषर के अंदर पड़े इस शव का सुध शाम के 4 .30 बजे तक किसी प्रशासनिक अमले ने नहीं ली है.




साहिबगंज 02 /07 /2017

ओस की बून्द...।


बेटी कान छिदवाई थी। पता नही क्या मन मे आया उसके ! एक दिन उसकी मां बाजार गई थी तो वहां से उसने गुलाबी रंग के गले और कान का मोतियो का सेट लेते आई। गुलाबी रंग पसंद था उसे। बस फिर क्या था , बगल के सुनार के पास गई और कान छिदवा ली। लेकिन फिर जैसा होता है वही हुआ ! कान पक गया l किसी ने बताया था की घास पर जमा होने वाली ओस की बुँदे इसमें बहुत काम आती है l शायद कान का घाव तुरंत भर जाता है l बस फिर क्या था मैं सुबह सवेरे उठ कर गाड़ी  निकाला और चल पड़ा ओस की बून्द तलाशने l टाउन हॉल के पीछे के मैदान में गया पर वह कुछ पता ही नहीं चला l मैंने सोचा कि घास में पैदल चलता हूँ जहा कही भी ओस होगा तो मेरे पैरो में लग जायेगा और मुझे पता चल जायेगा पर पूरा मैदान चलने के बाद भी एक बून्द ओस का नहीं मिला. फिर मैं पुलिस लाइन, पुलिस कवार्टर, गंगा विहार पार्क, पहाड़ी मैदान, स्टेडियम और रेलवे जेनरल इंस्टिट्यूट के मैदान में भी चक्कर मार लिया पर शायद ओस की दो बून्द मुझे नहीं मिलना था सो नहीं मिला l लेकिन आखिर ऐसा हुआ कैसे ? गर्मी के दिन भी नहीं है ! अच्छी खासी  ठण्ड पड़ रही है ! इसके बाद भी ओस  का नहीं मिलना क्या साबित करता है ? काफी सोच विचार करने पर एक बात पता चला की हर ओर घास का रंग पीला या लाल था यानी घास तो था ही नहीं l मतलब घास तो था , लेकिन वो मृतप्राय: था !
मन बड़ा व्याकुल हो गया l ये प्रदुषण के कारण है या कुछ और यदि अभी ये हाल है तो आने वाले  कुछ सालो के बाद क्या होगा ! कुछ बड़े लोगो के गार्डन में हरे हरे घास मिल भी जाते है तो क्या अब घास भी सामाजिक स्तर बताने वाला वस्तु हो गया है ? मोबाइल के रेडिएशन के कारण पक्षी मर रहे है, मृदा प्रदुषण के कारण पेड़ पौधे ख़त्म हो रहे है. सवाल ये है कि हम कहा जा रहे है ? ये तरक्की कि निशानी है ! पैसो में आंके तो शायद हां ! क्योकि ,पैसे वालो ने तो हर चीज को केवल शो-पीस बनाकर रख दिया है !   लेकिन क्या यही सच्चाई है ? ये सवाल कौन करे और किस्से करे ? शायद ये आधुनिकता और विकास  के अंधी दौड़ का मलबा है , जिससे एक दिन पूरा विश्व भर जाएगा !  

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