कंप्यूटर के दौर में भी बच्चों में कम नहीं हुई जानवरों के प्रति उत्सुकता..!
हाई टेक दौर में कंप्यूटर, इंटरनेट व एंड्राइड मोबाइल, वर्चुअल गेम के बढ़ते प्रचलन के बावजूद जंगली जानवरों के प्रति बच्चों की उत्सुकता आज भी बरक़रार है..! पहले के दौर में डमरू या बांसुरी बजते ही इलाके के बच्चों में ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता था. उन संकेतों से बच्चे समझ जाते थे कि कोई मदारी भालू, बंदर का करतब लेकर या सांप का खेल दिखाने आया है और बच्चे अपने घरों से दौड़ कर सडकों पर पहुंच जाते थे और बड़े चाव से भालू, बंदर/बंदरिया व साँप का खेल को देखते थे..! लेकिन बदलते समय के साथ मनोरंजन के साधन बदल गए, लेकिन जनवरों को सामने से देखने की ललक आज भी बच्चों में मौजूद है..! हालांकि अब तो गाहे-बगाहे ही ऐसा नजारा बच्चों को मिलता है..! जानवरों को कब्जे में रखने की कानूनन मनाही के बाद कुछ लोग चोरी छुपे आज भी इस पेशे से अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं..! ऐसे में गुरुवार को शहर के गुल्लीभट्टा मोहल्ला में एक मदारी बंदर का करतब दिखाने पहुंच गया..! डमरू की आवाज़ सुन देखते ही देखते बच्चों की भीड़ वहां पहुंच गयी..! बच्चों के चेहरों पर ख़ुशी व उत्सुकता के भाव साफ नजर आ रहे थे..! मदारी की हर बोल व बंदर की नकल व हरकत पर बच्चे जम कर ताली बजा रहे थे..!
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गंगा नदी मे बढ़ा कोसी नदी का दबाव, गंगा उफान पर..! गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से 52 सेमी उपर, खतरे के निशान से मात्र 48 सेमी निचे..! फोरकास्ट मे मिला सात सेमी जलस्तर बढ़ने का संकेत..!
साहिबगंज :- 18.7.2020. लगातार नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण कोसी नदी उफान पर है.वही कोसी नदी का दबाव गंगा नदी मे बढ़ने लगा है. जिसके कारण गंगा का जलस्तर मे लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है.पिछले 24 दिनो से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है.जलस्तर चेतावनी रेखा को तीन दिन पूर्व ही पार कर गया है.वहीं लगातार जलस्तर बढ़ने से साहिबगंज जिले के दियारा क्षेत्रो के खेतो मे गंगा का पानी प्रवेश कर गया है.सैकड़ो एकड़ मे लगी मक्के की फसल जलमग्न हो जाने के कारण किसान परेशान है.किसान बाढ़ के पानी मे घुस कर व नाव के माध्यम से पानी मे डुबे मक्के की फसलो को काटने मे लगे हैैै.किसान हनी सिंह, उमेश यादव,कपिल ने बताया कि इस बार हम किसानो को दोहरी मार झेलनी पड़ी है.अत्यधिक बारिश ने फसलो को नुकसान पहुंचाया ही है.अब बाढ़ फसलो को नुकसान पहुंचा रहा है.गंगा के जलस्तर मे हो रही वृद्धि के कारण सैकड़ो एकड़ मे लगी मक्के की फसल डुबने लगा है.हमलोग अपनी जान दाव पर लगा कर पाने मे घुसकर फसल को काट रहे है.बाढ़ के पानी मे फसल डुबने के कारण लगभग 40 से 50 टन मक्के की फसल सड़ गया है.जानकारी के अनुसार गंगा में पिछले 24 घंटों में जलस्तर में 09 सेमी की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है.केंद्रीय जल आयोग पटना से जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की सुबह छ: बजे साहिबगंज में गंगा का जलस्तर 26.77 मीटर मापा गया. जो चेतावनी रेखा 26.25 से 52 सेमी से ऊपर एवं खतरे के निशान 27.25 से मात्र 48 सेमी नीचे बह रही है. जल आयोग ने जलस्तर में लगातार वृद्धि की संभावना जताई है.वही फोरकास्ट मे गंगा का जलस्तर रविवार को सुबह छ: बजे 26.84 मीटर होने की संभावना जतायी गयी है.यानि 24 घंटे मे गंगा का जलस्तर 07 सेमी बढ़ेगी. बढ़ते जलस्तर के बीच ज़िले के दियारा क्षेत्र व शहरी क्षेत्रो के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगी है.और दियारा व गंगा के निचली इलाको मे रहने वाले हजारों परिवारो को बाढ़ का भय सताने लगी है..!
बक्सर से फरक्का तक का खतरे का निशान व वर्तमान जलस्तर इस प्रकार है :-
साइट--- खतरे का निशान --- आज का जल स्तर..!
1.बक्सर-60:32मीटर.--53:28 मीटर.
2.दीघा घाट पटना-50:32मीटर--48:36 मीटर
3.गांधी घाट पटना-
48:60 मीटर--47:50 मीटर
4.हाथीदाह-41:76मीटर --40:81 मीटर
5.मुंगेर-39:33 मीटर --37:19 मीटर
6.भागलपुर-33:68 मीटर --32:18 मीटर
7.कहलगांव-31:09 मीटर --30:80 मीटर
8.साहिबगंज-27:25 मीटर --26:77 मीटर
9.फरक्का-22:25 मीटर --22:29 मीटर
नोट :- यह आंकड़ा केंद्रीय जल आयोग पटना के द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट से ली गयी है..!
क्या कहते है अंचलाधिकारी..?? साहिबगंज के गंगा नदी मे बाढ़ को लेकर बाढ़ राहत कोष की तैयारी पूरी कर ली गयी है.मानव व पशुओं के लिये शिविर एवं मेडिकल कैम्प का स्थल चयन कर लिया गया है.बाढ़ राहत व लोगो के आवागमन के लिये नाव की सीज करने की प्रक्रिया जारी है.हमलोग गंगा के जलस्तर पर नजर बनाये रखे है..! महेंद्र माँझी, अंचलाधिकारी, सदर प्रखंड साहिबगंज..!
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उफनाई गंगा..!
दियारा के सैकड़ो बीघा खेतों में लगी मक्के की फसल जलमग्न, किसान चिंतित..! लाखों रुपयों की मक्के की फसल बर्बाद..! चेतावनी रेखा से 43 सेमी उपर बह रही है गंगा का जलस्तर, दियारा के निचले इलाकों में घुसने लगा बाढ़ का पानी..!
साहिबगंज :- 17.7.2020. साहिबगंज की गंगा नदी उफान पर है..! गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है..! अगर इसी रफ्तार से जलस्तर बढ़ता रहा तो दो-चार दिनों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएँगा..! वही जलस्तर बढ़ने से दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है..! जिसके कारणखेतों में लगे मक्के की फसल जलमग्न हो गया है..! पीड़ित किसान बाढ़ के पानी में घुसकर व नाव के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के अलावे मजदुरों के सहयोग से पानी में डुबे मक्के की फसलों को काटने मे जुटे है..! इस संबंध मे किसान उमेश यादव, हनी सिंह, राजा कुमार यादव ने बताया कि सैकड़ो बीघा में लगे मक्के की फसल जलमग्न हो गया है..! पानी मे घुस कर व नाव से फसल को काट रहे है..! हमलोगों की आधी फसल पानी में डुबने के कारण सड़ गया है..! मिली जानकारी के अनुसार गंगा में पिछले 24 घँटों में जलस्तर में 11सेमी की वृद्धि हुई है..! इसके साथ ही जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है..! केंद्रीय जल आयोग पटना से जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार की सुबह छ: बजे साहिबगंज में गंगा का जलस्तर 26.68 मीटर मापा गया..! जो चेतावनी रेखा 26.25 से 43 सेमी से ऊपर एवं खतरे के निशान 27.25 से मात्र 57 सेमी नीचे बह रही है..! जल आयोग ने जलस्तर में लगातार वृद्धि की संभावना जताई है..! वही फोरकास्ट मे गंगा का जलस्तर शनिवार को सुबह छ: बजे 26.78 मीटर होने की संभावना जतायी गयी है..! यानि 24 घंटे मे गंगा का जलस्तर 10 सेमी बढ़ेगी..! बढ़ते जलस्तर के बीच ज़िले के दियारा क्षेत्र व शहरी क्षेत्रों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगी है..!
बाढ़ से दियारा के इन गांव हो जाते हैं जलमग्न..! गंगा में बाढ़ आने पर सदर प्रखंड के रामपुर दियारा, रामपुर दुर्गा स्थान टोला, शोभनपुर दियारा, गरम टोला,छटु टोला, मकई टोला, निचला टोला, लाल बथानी दियारा, कारगिल दियारा, मुनीलाल टोला सहित दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हो जाता है..! जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर से अधिक होने की स्थिति इन दियारो में रहने वाले परिवार अपने पशुओं व परिवारों को लेकर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगते हैं..! कुल मिलाकर देखा जाए तो इन दियारो में रहने वाले लोगों को प्रतिवर्ष 2 से 3 माह तक बाढ़ की त्रासदी से जूझना पड़ता है..!
क्या कहते है अंचलाधिकारी..?? बाढ़ को लेकर बाढ़ राहत कोष की तैयारी पूरी कर ली गयी है..! मानव व पशुओं के लिये शिविर एवं मेडिकल कैम्प का स्थल चयन कर लिया गया है..! बाढ़ राहत व लोगों के आवागमन के लिये नाव को सीज करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गयी है..! हमलोग गंगा के जलस्तर पर नजर बनाये रखे है..! महेंद्र माँझी, अंचलाधिकारी, सदर प्रखंड, साहिबगंज..!
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दुर्भाग्य..!
साहिबगंज में 12.5 लाख की आबादी पर जिले मे नही है एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक..! विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को पश्चिम बंगाल व बिहार के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल पर रहना पड़ता है निर्भर..!
साहिबगंज :- 15.7.2020. सूबे के अंतिम छोर पर बसा साहिबगंज जिला की 12.5 लाख आबादी में 60 प्रतिशत आबादी पठारी व दियारा क्षेत्र में निवास करती है..! नीति आयोग की सूची में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में साहिबगंज जिला काफी पिछडा जिला के सूची में दर्ज है..! इसके बावजूद राज्य सरकार के द्वारा साहिबगंज जिले में जितनी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करानी थी, वह नही करा पा रहा है..! साहिबगंज जिले के लिये दुर्भाग्य की बात यह है कि 12.5 लाख आबादी पर एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नही है..! जिसके कारण विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को पश्चिम बंगाल व बिहार के सरकारी व गैर-सरकारी अस्पतालो पर निर्भर रहना पड रहा है..! जिले की 50 प्रतिशत महिलाओं के केस को विशेषज्ञ चिकित्सक नही रहने के कारण चिकित्सकों के द्वारा हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है..! मजबूरी में महिला मरीज बिहार के भागलपुर व पटना, पश्चिम बंगाल के मालदा व कोलकाता व झारखंड के धनबाद व रांची के गैर-सरकारी व सरकारी अस्पतालो में इलाज कराते है..! वैसी स्थिति में महिला मरीज का समय तो बर्बाद होता ही है साथ में पैसे भी पानी की तरह बहते है..! साहिबगंज जिले में लगभग 12 महिला चिकित्सा पदाधिकारी की जरूरत है, लेकिन वर्तमान समय में मात्र 6 महिला चिकित्सा पदाधिकारी ही पदस्थापित है..!
सप्ताह में दो दिन होता है गर्भवती महिलाओ का अल्ट्रा साउंड..! साहिबगंज जिला सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओ का अल्ट्रासाउंड मंगलवार व बुधवार को डॉ० देवेश कुमार के द्वारा किया जाता है..! अन्य दिनों में अगर अल्ट्रासाउंड किन्ही गर्भवती महिलओ को कराना होता है तो उसे बाहर के अल्ट्रासाउंड में जाना पडता है.
दो वर्षो में बढा सिजेरियन ऑपरेशन की संख्या..! साहिबगंज सदर अस्पताल मेंं पिछले दो वर्षो से सिजेरियन ऑपरेशन का प्रचलन बढा है..! सूत्र बताते है कि पहले हर दस प्रसव में 8 प्रसव सामान्य रूप से व दो सिजेरियन से होता था, लेकिन वर्तमान समय में हर दस प्रसव में चार सामान्य व 6 सिजेरियन ऑपरेशन हो रहा है..!
मात्र छह चिकित्सा पदाधिकारी है कार्यरत..! साहिबगंज जिले में वैसे 12 महिला चिकित्सा पदाधिकारी की जरूरत है, लेकिन वर्तमान समय में छह महिला चिकित्सा पदाधिकारी कार्यरत है..! राजमहल में एक महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 मीता सिन्हा पिछले चार वर्षो से आवेदन देकर छुटटी पर है..!
साहिबगंज जिले में पदस्थापित महिला चिकित्सकों के नाम व कार्यक्षेत्र की सूची इस प्रकार है :-
डॉ0 पूनम कुमारी बरहेट सीएचसी
डॉ0 सरिता टुडू बरहडवा सीएचसी
डॉ0 प्रीति नयन राजमहल अनुमंडल अस्पताल
डॉ0 किरण माला सदर अस्पताल साहिबगंज
डॉ0 पुष्पम भारती सदर अस्पताल साहिबगंज
डॉ0 दिव्या सदर सीएचसी
नोट :- राजमहल अनुमंडल में पदस्थापित महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 मीता सिन्हा चार वर्षो से छुटटी पर चली गई है..!
क्या कहते है सिविल सर्जन डॉ0 डी०एन० सिंह..?? निश्चित तौर पर साहिबगंज जिले में डॉ० पी०पी० पांडेय के सेवानिवृत होने से एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नही है..! महिला चिकित्सा पदाधिकारी की भी कमी है, लेकिन उपलब्ध चिकित्सक व संसाधनो में किसी तरह लोगो को सेवा उपलब्ध करायी जा रही है..!
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आवारा कुत्तों का आतंक, शहर में रात को बाहर निकलने मे शहरवासियों का कापता है हाड़, एक दिन मे बनाया 19 लोगो को शिकार, साहिबगंज नगर परिषद के पास नही है आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने की व्यवस्था..!
साहिबगंज :- 13.7.2020. साहिबगंज नगर परिषद क्षेत्र के अलावे आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों लोग आवारा कुत्तो के आतंक से काफी भयभीत है..! साहिबगंज नगर की सड़कों पर रात मे अपने घरों से बाहर निकलने पर लोगों की हाड़ कापने लगती है..! कारण यह है कि नगर के प्रायः सभी वार्डो मे सड़कों पर आवारा कुत्ते घुमते रहते है और रात में सडकों पर आते-जाते लोगों को अपना शिकार बनते है..! आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा है कि मोटरसाईकिल चालको तक को सडकों पर दौड़ाते रहते है..! ऐसे मे मोटरसाईकिल दुर्धटना जैसी घटना अक्सर घटती रहती है..! सोमवार को एक दिन मे आवारा कुत्तो ने कुल 19 लोगो को अपना शिकार बनाया..! पीड़ित सभी लोगो ने साहिबगंज सदर अस्पताल मे पहुंच कर अपना इलाज कराया एवं कुत्ता काटने पर लगाये जाने वाली एंटी रेविज की सुई ली..!
रात मे इन मुहल्लों मे घुमता रहता है आवारा कुत्ता..! सदर साहिबगंज नगर परिषद क्षेत्र के तालबन्ना, भरतिया काँलनी,दहला दुर्गा स्थान,बनियाँपट्टी, गुल्लीभट्ठा, पटनियाँ टोला,रसुलपुर दहला,एलसी रोड,दुशाद पाड़ा,बंगाली टोला,न्यू रोड,चौक बाजार, कृष्णा नगर,हबीबपुर, पुरानी साहिबगंज,काँलेज रोड,नार्थ काँलनी,साउथ कालनी,झरना काँलनी,जिरवावाड़ी सहित दर्जनो मुहल्लों मे रात व दिन मे आवारा कुत्ता सड़को पर विचरण करता रहता है.
क्या कहते है नप के सिटी मैनेजर..?? नगर परिषद के पास वर्तमान समय मे सड़को पर घुमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिये औजार व गाड़ी उपलब्ध नही है.इसके लिये नगर परिषद नगर विकास विभाग राँची को पत्र लिखेगी :- विरेश कुमार, सिटी मैनेजर, नगर परिषद साहिबगंज..!
क्या कहते है सिविल सर्जन..?? कुत्ता काटने पर लगाये जाने वाली एंटी रेविज की सुई सदर अस्पताल मे उपलब्ध है लेकिन नगर परिषद को चाहिए कि सड़को पर घुमने वाले आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर लगाम लगाये.नही तो स्थिति गंभीर हो सकती है :- डा० डी०एन० सिंह, सिविल सर्जन, साहिबगंज..!
एक दिन मे आवारा कुत्तो के शिकार हुये पीड़ितों की सूची इस प्रकार है :-
नाम उम्र पता
1.मो बाबु 06वर्ष रसुलपुर दहला.
2.बीबी रजिल 40वर्ष दुशाद पाड़ा.
3.प्रताप राय 05वर्ष तालबन्ना.
4.शिवानी कुमारी 06वर्ष जिरवावाड़ी.
5.अजय चौधरी 13वर्ष छोटा पचगड़.
06.पिंटू यादव 26वर्ष शोभनपुर भट्ठा.
07.दुर्गा कुमार 12वर्ष
शोभनपुर भट्ठा.
08.अंगद साह 12वर्ष सकरीगली.
09.मो मिराज 24 वर्ष महराजपुर
10.मंझली हेम्ब्रम 40 वर्ष सकरीगली.
11.अर्पिता कुमारी 05
वर्ष सकरीगली.
12.बाबु लाल चौधरी 40 वर्ष सकरीगली.
13.महेन्द्र उराँव 35 वर्ष सकरीगली.
14.मुकेश कुमार 16 वर्ष मसकलैया.
15.संजय तिवारी 51 वर्ष महाराजपुर.
16.शेख असफाक 05
वर्ष महाराजपुर.
17.विकास कुमार मंडल 25 वर्ष मसकलैया.
18.करण कुमार मंडल 15 वर्ष मसकलैया.
19.अनिल कुमार यादव 35 वर्ष समदा.
नोट पीड़ितों की सूची सदर अस्पताल से ली गये है..!
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खबर का असर..!
प्रकाशित खबर का हुआ असर, राँची विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने दिया जाँच का आदेश..!
साहिबगंज विशेष शाखा के हवलदार पहुंचे मामले की जाँच करने बरहेट प्रखंड के अलगोड़ी..!
साहिबगंज :- 18/03/2020. साहिबगंज-गोविंदपुर टू लाइन हाइवे के अलगोड़ी के पास पेड़ों की कटाई से संबंधित खबर साहिबगंज टुडे ब्लॉग स्पॉट डॉट कॉम में प्रमुखता से प्रकाशित किये जाने के मामले को लेकर विशेष शाखा झारखंड राँची के पुलिस अधीक्षक ने 16 मार्च को विशेष शाखा साहिबगंज के पुलिस उपाधीक्षक को पत्र भेज कर मामले की जाँच कर तीन दिनो के अंदर जाँच रिपोर्ट मांगा है..! पत्र में विशेष शाखा झारखंड राँची के पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि 16 मार्च 2020 को साहिबगंज टुडे ब्लॉग स्पॉट डॉट कॉम साहिबगंज में प्रकाशित लकड़ी माफियाओं ने करीब 40 पेड़ों को किया धराशायी से संबंधित जाँच प्रतिवेदन तीन दिनो के अंदर समर्पित करे..! वही विशेष शाखा झारखंड राँची के पुलिस अधीक्षक के पत्र मिलते ही विशेष शाखा साहिबगंज के हवलदार कपिल देव यादव ने मंगलवार को बरहेट प्रखंड के अलगोड़ी पहुँच कर मामले की जाँच की..!
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विडंवना...! वन विभाग द्वारा लगाये गये पेड़ो को खा रहे है जानवर, विभाग मौन..!
साहिबगंज - गोविंदपुर हाइवे के बाँझी से बरहेट तक किनारे लगे पेड़ों की सुरक्षा भगवान भरोसे, कंटीले तार व पीलर क्षतिग्रस्त..!
मेंटेनेंस के नाम पर लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारी व कर्मचारियों की बढ़ी बैचैनी..!
साहिबगंज :- 17/03/2020. पर्यावरण असंतुलित ना हो इसके लिये केंद्र सरकार, राज्य सरकार, पर्यावरण विभाग के अलावे देश के लोग समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन एवं पेड़ों की रक्षा के लिये जन जागरूकता अभियान चलाते रहते है..! सरकार व जनताओं का मकसद होता है कि देश का पर्यावरण संतुलित व पर्यावरण हरा-भरा रहे जिससे लोग आये दिन हो रही प्राकृतिक आपदाओं के कोप भाजन का शिकार ना बन सके..! लेकिन झारखंड प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे साहिबगंज जिले में पर्यावरण को संतुलन बनाने के लिये वन विभाग कतई सजग नही है..! विभाग द्वारा लगाये गये पेड़ों को लोग व जानवर क्षतिग्रस्त कर रहे है और विभाग मौन है..! हलांकि साहिबगंज टुडे ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम में पिछले चार दिनो से लगातार वन माफियाओं के द्वारा कीमती पेड़ों की कटाई किये जाने, लकड़ी माफियाओं ने करीब 40 पेड़ों को किया धरासायी, पेड़ों की सुरक्षा के लिये गाड़े गये पिलर व तार क्षतिग्रस्त शीर्षक खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है..! वही लगातार खबर प्रकाशित होने पर वन विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ गयी है..! आज साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे के बोरियो हरिणचरा मोड़ से बरहेट तक की स्थिति से रू-ब-रू कराते है..! साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के साहिबगंज से बरहेट जाने के क्रम में हाइवे के दोनो ओर किये गये वृक्षारोपण की सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया गया तो पाया गया कि हरिणचरा मोड़ से बरहेट के बीच तेलो, हाथमारी, फुलभंगा, अलगोड़ी, रांगा, बाबुपुर, पचकठिया, पेटखस्सा मोड़ व गुमानी नदी तक कई जगहो पर पिलर व तार क्षतिग्रस्त रहने के कारण घेराबंदी के अंदर घुस कर जानवर पेड़ को खाते दिखे..! एक जगह तो घेरा बंदी के अंदर पुआल व गोयठा का ढ़ेर रखा हुआ था..! दर्जनों जगहों पर पेड़ रख-रखाव के अभाव में सुख गया है, पेड़ों की सुरक्षा के लिये वन विभाग के द्वारा लगाये आरसीसी पीलर को लोगो ने कई पीलर क्षतिग्रस्त कर दिया है..! तो कई जगह कंटीले तार की घेराबन्दी तो है, लेकिन लगाये गये पेड़ है ही नही..! कई जगहों पर कंटीला तार को अज्ञात लोगों ने इसे काट दिया है..! सवाल उठना लाजमी है कि
साहिबगंज - गोविंदपुर टू लेन हाईवे के किनारे वर्ष 2015-16 मे करोड़ों रूपया खर्च कर वन विभाग ने वृक्षारोपण किया था..! पेड़ों की सुरक्षा के लिये वन विभाग प्रति वर्ष लाखो रूपया खर्च कर रही है..! दर्जनों कर्मचारियों को लगाये गये पेड़ो की सुरक्षा के लिये दायित्व दिया गया..! इसके वावजूद लगाये गये पेड़, आरसीसी पिलर व कंटीले तार को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है तो निश्चित तौर पर वन विभाग को इसका जबाब देना ही होगा..!
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पेड़ों की सुरक्षा के लिये लगाये गये पीलर व तार क्षतिग्रस्त, विभाग मौन..!
साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के किनारे लगे पेड़ों की सुरक्षा गार्ड का नही हो रहा मेंटेनेंस..!
मेंटेनेंस के नाम पर वन विभाग कर रही है खानापूर्ति..!
साहिबगंज :- 17/03/2020. पर्यावरण व हरियाली से हर किसी को प्रेम है..! क्योंकि पर्यावरण संतुलित रहने से मनुष्य भी स्वस्थ्य रहता है..! लोगों को स्वच्छ हवा भी मिलती रहती है..! यही कारण है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं वन एवं पर्यावरण विभाग पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिये वृक्षारोपण कराती है..। इसके लिये कई प्रकार की योजना संचालित है..! लेकिन सुबे के अंतिम छोर पर बसे साहिबगंज जिला में लगाये गए पौधों की सुरक्षा चक्र टूट गया है..! जिले में 35 प्रतिशत आबादी पहाड़ों पर रहती है..! वन विभाग के द्वारा भी समय-समय पर योजना संचालित कर वृक्षारोपण किया जाता है..! लेकिन लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा की बात आती है तो विभाग पेड़ों की सुरक्षा व उसके मेंटेनेंस में असक्षम साबित हो रहा है..! जिला वन एवं प्रमंडल साहिबगंज के द्वारा साहिबगंज - गोविंदपुर टू-लेन हाईवे के किनारे साहिबगंज के लोहंडा से हाथीबगान तक लगभग 45 किलोमीटर तक वर्ष 2015-16 में वृक्षारोपण किया गया था, और लगाये गये पेड़ो के मेंटेनेंस के लिये प्रतिवर्ष लाखों रूपये खर्च भी विभाग कर रही है..! इसके वावजूद नतीजा सिफर है..! साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के साहिबगंज से बोरियो जाने के क्रम मे हाइवे के दोनो ओर किये गये वृक्षारोपण की सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया गया तो पाया गया कि बाँझी के पहले कई पेड़ रख-रखाव के अभाव मे सुख गया है, बाँझी के एक किलोमीटर आगे पेड़ो की सुरक्षा के लिये वन विभाग के द्वारा लगाये आरसीसी पीलर को उखाड़ दिया गया, तो कई पीलर क्षतिग्रस्त कर दिया गया..! मझौना के पास कई जगहो पर लगाये पेड़ सुख गया है, तो कई जगह पीलर व तार की घेराबन्दी तो है लेकिन लगाये गये पौधे व पेड़ नही है..! हरिणचरा मोड़ से पहले पेड़ों की सुरक्षा के लिये विभाग के द्वारा लगाया गया पीलर व कंटीला तार क्षतिग्रस्त हो गया है या अज्ञात लोगों ने इसे काट दिया है..! कई जगहों पर तो पीलर को तोड़कर पीलर के अंदर का छड़ निकाल लिया गया है..! तो कई जगह पेड़ है ही नही..! सवाल उठना लाजमी है कि जिला वन एवं प्रमंडल साहिबगंज के द्वारा साहिबगंज - गोविंदपुर टू-लेन हाईवे के किनारे वर्ष 2015-16 मे वृक्षारोपण किया गया था, और लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा के लिये विभाग प्रतिवर्ष लाखो रूपया खर्च कर रही है..! पेड़ों की सुरक्षा के लिये दर्जनों कैटल गार्ड, वनरक्षी, वनपाल व रेंजर लगा रखे है..! तो पेड़ो की कटाई, लगे आरसीसी पीलर व कंटीले तार को क्षतिग्रस्त कौन कर रहा है..? सुरक्षा मे लगाये गये पदाधिकारी एवं कर्मचारी क्या कर रहा है..?? और वन विभाग इस मामले मे क्या कारवाई कर रही है..?? हालांकि मामले को लेकर डीएफओ विकास पालीवाल ने विभाग के सकरूगढ़/बरहरवा प्रक्षेत्र के रेंजर रविंद्र तिवारी को जाँच करने का आदेश दिया है...!
क्या कहते है डी०एफ०ओ०..?? साहिबगंज- गोविंदपुर हाइवे के किनारे लगाये गये पेड़ो को सुखने, पीलर व तार का क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिलते ही रेंजर को मामले की जाँच करने को कहा गया है, मै भी जल्द मामले का निरीक्षण करूगाँ..! विकास पालीवाल, डी०एफ०ओ०, साहिबगंज..!
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लापरवाही.....! मुख्यमंत्री के विस क्षेत्र में किशोरावस्था मे पहुंचे पेड़ों पर चलायी जा रही है कुल्हाड़ी, वन विभाग मौन..! मामला.....! बरहेट प्रखंड क्षेत्र के अरगोड़ी मे साहिबगंज- गोविंदपुर हाइवे के किनारे लगे 30 से 40 पेड़ कटाई किये जाने का..! करोड़ों रूपया खर्च किया गया था हाइवे किनारे वृक्षारोपण करने में..! वर्ष 2015-16 की है योजना, मेंटेनेंस पर विभाग खर्च कर रहा है प्रतिवर्ष लाखो की राशि..!
साहिबगंज :- 17/03/2020. हमारे देश के महानगरों की हवा इतनी प्रदुषित एवं जहरीली हो गयी है कि महानगरों में रहने वाले लोगों को सड़क पर निकलने के लिये सोचना पड़ रहा है और लोग प्रदुषित हवाओं से बचने के लिये अपने चेहरे पर मास्क लगा कर ही अपने घरो से निकलते है, यही कारण है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं वन एवं पर्यावरण विभाग पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिये वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण करने के लिये कई प्रकार की योजना संचालित कर रखी है..! वृक्षारोपण करने व पेड़ों की कटाई पर अंकुश लगाने के लिये विभाग अपने तंत्र व मानव संसाधन पर अरबों रूपया खर्च कर रही है, लेकिन झारखंड राज्य के संथाल परगना प्रमंडल के साहिबगंज जिले के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधान सभा क्षेत्र बरहेट मे बड़े तो बड़े किशोरावस्था की दहलीज पर पहुंचे पेड़ की कटाई दिन के उजाले मे हो रही है, और वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी को इस मामले की जानकारी तक नही है..!
साहिबगंज - गोविंदपुर टू-लेन हाईवे के किनारे साहिबगंज के लोहंडा से हाथीबगान यानि साहिबगंज-पाकुड़ जिले के सीमा क्षेत्र तक तक वन विभाग के द्वारा वर्ष 2015-16 मे करोड़ों रूपया राशि खर्च कर लगे कीमती सागवान, शीशम, मोहगनी के अलावे फलदार पेड़ लगाया गया था..! हाइवे किनारे लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध है, इसके लिये विभाग ने रेंजर , वनपाल, वनरक्षी व कैटल गार्ड को लगाये रखा है..! मेंटेनेंस के लिये प्रतिवर्ष लाखो रूपये खर्च भी किये जा रहे है..! इसके वावजूद बरहेट प्रखंड क्षेत्र के अरगोड़ी के समीप साहिबगंज- गोविंदपुर हाइवे के किनारे किशोरावस्था मे पहुंचे पेड़ो पर कुलाहड़ी चलायी जा रही है..! अरगोड़ी के पास 30 से 40 किशोरावस्था मे पहुंचे पेड़ को काट कर गिरा दिया गया है और इस मामले की जानकारी तक वन विभाग को नही है..! सवाल उठाना लाजमी है कि विभाग ने जब लगाये गये पेड़ो के देखभाल के लिये मानव संसाधन के अलावे भारी राशि खर्च कर रही है, तो पेड़ो की कटाई कैसे हो रही है..? किशोरावस्था में पहुंचे पेड़ो को कौन काट रहा है..? पेड़ो की हो रही कटाई की जानकारी संबंधित क्षेत्र के रेंजर एवं डीएफओ को क्यों नही है..? क्या विभाग ने लगाये गये पेड़ो की देखभाल के लिये जिन कर्मचारियों को लगाया है वे पेड़ो की रखवाली नही कर रहे है..? ऐसे कई सबालो का जबाब तो साहिबगंज वन एवं पर्यावरण विभाग को देना ही होगा..?
क्या कहते है रेंजर..?? साहिबगंज :- सकरूगड़/बरहरवा प्रक्षेत्र के रेंजर रविंद्र तिवारी ने कहा कि गोविंदपुर हाइवे के किनारे अरगोड़ी के समीप छोटे पेड़ो की कटाई किये जाने की जानकारी नही है..! अगर ऐसा मामला है तो मामले को देख कर कारवाई की जाएँगी..!
क्या कहते है डीएफओ..?? साहिबगंज :- जिला वन प्रमडल पदाधिकारी विकास पालीवाल ने कहा कि गोविंदपुर हाइवे के अरगोड़ी के समीप पेड़ो की गयी कटाई की जानकारी नही है, पेड़ो की सुरक्षा के लिये वनरक्षी तैनात रहते है, अगर ऐसा मामला है तो मामले की जाँच कर कारवाई की जाएँगी..!
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शीशम के पेड़ को बेखौफ काट रहे है माफिया, वन विभाग मौन..! साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे के बाँझी-बोरियो के बीच लगे पेड़ो को काट रहे है माफिया..!
साहिबगंज :- 16/03/2020. पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिये केंद्र सरकार, राज्य सरकार,पर्यावरण विभाग के अलावे पुरा देश के लोग समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन पेड़ लगाते है एवं पेड़ो की रक्षा के लिये जन जागरूकता अभियान चलाते है.मकसद होता है कि पर्यावरण संतुलित व पर्यावरण हरा भरा रह सके.और आम लोगो को स्वच्छ हवा मिल सके.लेकिन सुबे के अंतिम छोर पर बसा साहिबगंज जिले मे लगाये गये पेड़ो की रक्षा करने मे जिला वन प्रमंडल विभाग असंक्षम साबित हो रहा है.पूर्व के दिनो मे रात के अंधेरे मे वन माफियाओ के द्वारा बोरियो,बरहेट के अलावे अन्य पहाड़ो मे लगे कीमती पेड़ की चोरी छिपे कटाई किया जाता था.लेकिन वन विभाग के शिथिलता के कारण वन माफियाओं का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है. कि अब माफियाओ के द्वारा दिन के उजाले मे भी साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे के बाँझी-बोरियो के बीच लगे पेड़ो को बेखौफ तरीके से काटा जा रहा है. लेकिन विभाग हाथ पर हाथ रखकर बैठा है..!
क्या है मामला..?? साहिबगंज गोविंदपुर टू लाइन हाईवे के किनारे लगे कीमती शीशम के पेड़ों को लकड़ी माफियाओं के द्वारा काटा जा रहा है. लेकिन साहिबगंज वन प्रमंडल हाथों पर हाथ रख बैठी है जबकि पेड़ों की सुरक्षा के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध है. इसके अलावे रेंजर ,वनपाल, वनरक्षी की भी तैनाती की गई है. इसके बावजूद सड़क के किनारे लगे कीमती पेड़ को बेखौफ होकर लकड़ी माफियाओं के द्वारा काटा जाना कई सवाल खड़े कर रहे है. लेकिन विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. साहिबगंज-टुडे प्रतिनिधि ने साहिबगंज से बरहेट तक साहिबगंज - गोविंदपुर हाईवे के किनारे लगे पेड़ों की पड़ताल की जिसमें पाया गया कि साहिबगंज से बोरियों जाने के क्रम में बाँझी से दो किलोमीटर आगे सड़क के किनारे विशाल शीशम का पेड़ गिरा पड़ा मिला.देखने से लगा कि पेड़ को दो दिन पूर्व ही काटा गया होगा. पूछे जाने पर कुछ लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बगल के एक जले हुए शीशम के पेड़ की जड़ को दिखाते हुए कहा कि पेड़ों की कटाई अंधाधुन हो रही है. पेड़ के किनारे आग लगाकर पेड़ पेड़ो को कमजोर कर दिया जाता है. फिर पेड़ों को काटकर गिरा दिया जाता है और कटे पेड़ों को कई भागों में काटकर सिल्ली तैयार कर लिया जाता है. और लकड़ी माफिया रात में ट्रैक्टर पर कटे सिल्ली को लोड कर निकल जाते हैं. एक युवक ने कहा कि निश्चित तौर पर विभाग के मिली भगत से ही पेड़ों की कटाई माफियाओं के द्वारा की जा रही है.इस मामले मे रेंजर रविंद तिवारी ने कहा कि मामले की जानकारी हमे नही है.मामले की जांच कर कारवाई की जाएँगी..!
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गाजे-बाजे के साथ 151 महिलाओं ने निकाली भव्य कलश शोभा यात्रा, किया नगर भ्रमण..! जय भोले नाथ की जयकारो से गुंजायन हुआ नगर..!
साहिबगंज :- 10/02/2020. नगर के गुल्लीभट्ठा बम काली मंदिर परिसर मे बने शिव व हनुमान की प्रतिष्ठापित प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत बम काली पूजा समिति के नेतृत्व मे सोमवार को सुबह 10:30 बजे बम काली मंदिर परिसर से 151 कुँवारी कन्या व सुहागिन महिलाओं ने गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली..! शोभा यात्रा मंदिर परिसर से निकल कर दहला दुर्गा स्थान, भरतिया रोड, चौक बाजार, गांधी चौक, नार्थ काँलनी, होते हुये गंगा घाट पहुंचा..! जहाँ पुरोहित आर्चाय रंजय शास्त्री, प्रमोद पाण्डेय, वेदानंद पाण्डेय, अम्रेश पाण्डेय, संतोश पाण्डेय, गुरूदेव पाण्डेय एवं यजमान संदीप कुमार सपत्नी के द्वारा गंगा पूजन, दस विध स्नान व प्राशिचत कर्म करने के बाद कलश यात्रा मे शामिल सभी महिलाओं ने अपनी-अपनी कलश मे गंगा जल भर कर गंगा घाट, बायसी स्थान, नयाटोला, कमल टोला,चैती दुर्गा, काँलेज रोड, ग्रीन होटल चौक,स्टेशन चौक, पटेल चौक, बाटा चौक, नया सड़क,दहला दुर्गा स्थान होते हुये बम काली मंदिर परिसर पहुंची. जहाँ महिलाओं ने अपनी कलश को रखी.वही दोपहर तीन बजे से मंदिर परिसर मे पुरोहित आर्चाय रंजय शास्त्री ने नेतृत्व मे देवघर से आये पुरोहितों ने पंचांग पूजन,वेदी निर्माण व वेदी पूजन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ की. आर्चाय रंजय शास्त्री ने बताया 11 फरवरी को जलाधिवास, अन्नाधिवास, अष्टयाम हरि कीर्तन प्रारंभ,12 फरवरी को कर्मकुटी, नगर भ्रमण, शय्याधिवास, हरि कीर्तन विराम,13 फरवरी को महास्नन, प्रसादाधिवास, प्राण प्रतिष्ठा,14 फरवरी को महारूद्राभिषेक, हवन व प्रसाद वितरण 21 फरवरी को भगवान शिव व मैया पार्वती का विवाह उत्सव एवं भंडारा कार्यक्रम की जाएंगी. मौके पर मौके पर समिति के अशोक दयाल,अनिमेश सिंहा,अनिल कुमार ताँती,प्रमोद पाण्डेय, गौतम गुप्ता,अभिषेक सिंहा,पियुष कुमार गुप्ता,जीवा पासवान, गंगा पासवान,संतोष मोदी,संजीव कुमार आर्या,आशिष गुप्ता, दीपक ताँती, विकास कुमार सहित समिति के सदस्यगण व सैकड़ो गुल्लीभठा मुहल्ले व नगर के महिला, पुरूष व बच्चे उपस्थित थे।
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तो याद आ जाएगा हॉरर फिल्म के भुत बंगले की याद......
बंगले पर काबिज वृक्ष की जद्दोजहद दे रही है सीख..!
साहिबगंज :- 07/02/2020. अपना घर है स्वर्ग से सुंदर... आप ने 80-90 के दशक में ये गाना ज़रूर सुना होगा. कहते हैं घर की रौनक उसमें रहने वालों से होती है. लेकिन जब घर में कोई ना हो तो वो घर घर नहीं रहता बल्कि भूत बंगला बन जाता है. विवादों में पड़े ऐसे कई घर आपको मिलेंगे जो किसी फिल्मी भूत बंगले की बरबस को याद दिला देते हैं .साहिबगंज नगर के केलाबाड़ी धंगड़सी में एक ऐसा ही मकान है जो इतना डरावना है कि आपको रात में किसी हॉरर फिल्म की याद दिला देने में सक्ष्म है. बस अगर आप उस मोहल्ले के नहीं हैं तो उधर से गुज़र जाइये.....सड़क किनारे अवस्थित इस मकान की हालत ऐसी क्यों है बताना ज़रा मुश्किल है. लेकिन इतना ज़रूर है कि ये मकान इंसानी जिंदगी के कई पहलुओं को उजागर कर रहा है.....एक पहलू तो ये है कि घर का वजूद घर में रहने वालों से है. लेकिन घर वाले ना हों तो उस पर कोई न कोई कब्ज़ा ज़रूर जमा लेता है. ठीक इसी तरह उस मकान पर प्राकृतिक तौर पर एक पीपल के वृक्ष ने अपना कब्जा जमा लिया है. उसकी जड़ें मकान की छत व दीवारों पर गोशे गोशे में समाई है.....पीपल का वृक्ष खाली मकान की मजबूती को अपनी शाखाओं से ताकत देने में लगा है. उसे लगता है कि इस मकान के सहारे वो अपना वजूद बचाने में कामयाब होगा.
क्योंकि उसे पता है कि बिना सहारे के वृक्ष को आज कल काट दिया जाता है. इसी घर को बनाने में लोग जंगल का जंगल काट देते हैं. उसे लगता है कि उसकी बर्बादी का कारण अगर घर ही है तो क्यों ना उस घर को ही अपनी गिरफ्त में ले लिया जाए. पर्यावरण को संतुलित रखने वाले उस पीपल के पेड़ को ये पता है कि उसकी तमाम तर कोशिश भी कभी काम नहीं आ सकेगी..किसी न किसी दिन उसे भी धराशायी कर दिया जाएगा.....बावजूद इसके जीवन के लिए उसकी जद्दोजहद हम सबको कई सीख देती है.......
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आखिर इस दर्द की दवा क्या है..???
साहिबगंज :- 18/01/ 2020. उम्र के कई पड़ाव हैं..! बालपन से लेकर बुढ़ापा तक एक ऐसी लीला है जिससे ज़्यादातर लोग वाकिफ होते हैं. एक इंसान इस दौरान जाने कितने दर्द के मरहले से गुजरता है. कहते हैं हर दर्द की दवा होती है. लेकिन कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जिसकी दवा नहीं होती...ये दास्तां है एक ऐसे गरीब परिवार की जिसका एक सदस्य ठेला चला कर ज़िन्दगी का पहिया खींच रहा है. एक 95 वर्षीय बुजुर्ग भी उस परिवार का हिस्सा है....
जिला मुख्यालय के शोभनपुर भट्ठा के रहने वाले वृद्ध चुनचुन सिन्हा शारीरिक रूप से अस्वस्थ्य हैं. चुनचुन सिन्हा गैस्टिक की बिमारी से परेशान रहते है. सदर अस्पताल से उनका इलाज चल रहा है. 95 वर्षीय वृद्ध चुनचुन सिंहा सप्ताह में दो दिन दवा लेने के लिये लाठी के सहारे अपने घर से दो-ढाई किलोमीटर की दूरी दो घंटा में तय कर अस्पताल पहुंचते हैं. और दवा लेने के बाद दो घंटा की दूरी लाठी के सहारे तय कर वापस घर पहुंचते हैं.वृद्ध चुनचुन सिन्हा को रास्ते में लाठी के सहारे कछुआ की गति से धीरे-धीरे आते-जाते देख हरेक इंसान को उन पर दया आती है.लोग उनके हिम्मत व जज़्बे की दाद देते हैं.अपनी दवा लेने सदर अस्पताल पहुंचे चुनचुन सिन्हा से उनके बारे मे बात करने का अवसर मिला तो उन्होने बताया कि उनका एक पुत्र है.पुत्र ठेला चलाकर परिवार चलाता है.उनका भी भरण पोषण करता है. लेकिन उन्हें दवा लाने के लिये अकेले ही सदर अस्पताल सप्ताह में दो दिन आना होता है.कहते हैं...पुत्र अगर उन्हें अस्पताल लाएगा तो घन्टे भर की आमदनी मार खा सकती है. ऐसे में मुश्किल खड़ी हो सकती है. हालांकि पुत्र इसकी ज़िद करता भी है...लेकिन घर का मुखिया होने के नाते मेरी भी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं पुत्र की उस आमदनी में रुकावट ना बनूँ, जिसकी मेहनत पूरे परिवार के भरण पोषण का जरिया है....किया भी क्या जा सकता है.....वृद्ध चुनचुन सिन्हा खामोशी से लाठी के सहारे आगे निकल जाते हैं....जैसे कह रहे हों..."आखिर इस दर्द की दवा क्या है".....???
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फॉलोअप..!
खबर प्रकाशित होने के बाद टुटी नींद, हटवायी मेडिकल वेस्ट कचड़ा..!
साहिबगंज :- 17/01/ 2020. सदर अस्पताल के एसआरएल पैथोलैब के पीछे भारी मात्रा में फेका पड़ा मेडिकल वेस्ट कचड़ा की खबर प्रकाशित होने के बाद साहिबगंज सदर अस्पताल के एसआरएल पैथोलैब हरकत मे आया. और अपने पैथोलैब के भवन के पीछे फेके गये मेडिकल वेस्ट कचड़ा व पोजेटिव कीट को हटवा दिया.दुसरे दिन उक्त जगह पर मेडिकल वेस्ट कचड़ा व कीट नही मिला.सुत्रो के अनुसार फेके पड़े मेडिकल वेस्ट कचड़ा को कर्मियो के द्वारा हटाया गया है.वही सिविल सर्जन डा डीएन सिंह ने बताया कि राज्य का साफ तौर पर निदेश है कि सरकारी,गैर सरकारी अस्पतालो के अलावे पैथोलैब जैसी मेडिकल संस्थान मेडिकल वेस्ट कचड़ो निस्तारण नियमानुसार करना है.अगर कोई संस्थान इस मामले मे लापरवाही बरतती है तो उसपर एफआईआर दर्ज कराया जाएँगा. मामला संज्ञान मे है.जाँच कर कारवाई की जाएँगी.
फेके पड़े मेडिकल वेस्ट कचड़े मे थे कई कीट पोजेटिव..! फेके पड़े मेडिकल वेस्ट कचड़ो मे कई कीट पोजेटिव थे. एचआईवी, भीडीआरएल, डेंगू, मलेरिया प्रेगनेंसी टेस्ट का कीट, ब्लड ग्रुपिंग करने की केमिकल के अलावे भारी मात्रा में स्लाईड फेका पड़ा था।
पीट मे डाला जाता है सदर अस्पताल का कचड़ा..! सिविल सर्जन डा डीएन सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल से प्रतिदिन निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचड़ो को सदर अस्पताल मे मौजूद दो पीट मे डाला जाता है.रही बात एसआरएल लैब के पीछे मेडिकल वेस्ट कचड़ो की बात तो फेके गये कीट सदर अस्पताल की कीट नही है. विभाग मामले की जाँच कर रही है.
नही है एसआरएल का अपना मेडिकल वेस्ट पीट..! सहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथो लैब का अपना मेडिकल वेस्ट कचड़ो व कीट के निस्तारण के लिये मेडिकल वेस्ट पीट नही है.इस संबंध मे साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथोलैब के इंचार्ज डॉ राजीव लोचन ने कहा कि हमारे संस्थान से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचड़ो को जला कर नष्ट करने के बाद जमीन मे गाड़ या सदर अस्पताल के पीट मे डाल दिया जाता है.उन्होने बताया कि एसआरएल का सदर अस्पताल मे अपना मेडिकल वेस्ट पीट नही है।
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लापरवाही...!
लोगों को मौत बांट रहा है एसआरएल पैथ लैब..!
उच्च न्यायालय व स्वास्थ सचिव के आदेश का किया जा रहा है उल्लंघन..!
सदर अस्पताल के एस०आर०एल० पैथोलैब के पीछे भारी मात्रा में फेका पड़ा है मेडिकल वेस्ट कचड़ा..!
साहिबगंज :- 16/01/2020. एक ओर राज्य सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक स्वास्थ सेवा पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है वहीं दूसरी और साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथोलैब खुले में मेडिकल वेस्ट कचड़े को फेंक कर लोगों को मौत बांट रहा है.फेके गये मेडिकल वेस्ट कचड़े मे कई कीट पोजेटिव है..! जबकि स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी,गैर सरकारी अस्पतालो के अलावे पैथोलैब जैसी मेडिकल संस्थान मेडिकल वेस्ट कचड़ो निस्तारण नियमानुसार करे.लेकिन साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथोलैब के द्वारा प्रयोग किए गए मेडिकल वेस्ट स्लाइड व कीट को लैब के पीछे खुले स्थान में फेंक दिया जाता है.
वहीं खुले स्थानों में मेडिकल वेस्ट कचड़ो को फेंकने से सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों, कर्मचारियों के अलावे इलाज कराने आए मरीजों व मरीज के परिजनों को संक्रमण का खतरा बना रहता है. साथ ही लोग भयभीत है. मिली जानकारी के अनुसार एसआरएल पैथोलैब के पीछे एचआईवी, भीडीआरएल,डेंगू ,मलेरिया प्रेगनेंसी टेस्ट का कीट, ब्लड ग्रुपिंग करने की केमिकल के अलावे भारी मात्रा में स्लाईड फेका मिला है.
सवाल उठना लाजमी है की एसआरएल जैसे बड़े संस्थान के द्वारा नियमों को ताक में रखकर इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है. जबकि बायोमेडिकल वेस्ट को लेकर झारखंड हाईकोर्ट भी सख्त है. कई बार स्वास्थ्य विभाग और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद को भी कड़ी फटकार लगा चुका है वही सूबे के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने भी मेडिकल वेस्ट ककचड़ो का सही तरह से निस्तारण नहीं करने व मेडिकल वेस्ट कचड़ो को खुले में फेंकने वाले संस्थान पर संबंधित जिले के सिविल सर्जन को संबंधित संस्थानो पर एफ०आई०आर० कराने की बात कही है..!
क्या कहते है एस०आर०एल० इंचार्ज..??
साहिबगंज :- 16/01/2020. एस०आर०एल० इंचार्ज डॉ० राजीव लोचन ने मामले को लेकर कहा कि हमारे संस्थान से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचड़ो को जला कर नष्ट करने के बाद जमीन मे गाड़ दिया जाता है.फेके पड़े कचड़े हमारे नही है.जब उन्हे बताया गया कि मेडिकल वेस्ट कचड़े जो फेका पड़ा है वे आपके लैब के पीछे पड़ा है.और वे कचड़े सदर अस्पताल का नही है तो उन्होने कहा ठीक है देखते है।
क्या कहते है सिविल सर्जन..??
साहिबगंज :- 16/01/2020. डा०डी०एन० सिंह (सिविल सर्जन), साहिबगंज ने कहा की सदर अस्पताल परिसर के एस०आर०एल० पैथो लैब के पीछे एस०आर०एल० पैथो लैब के द्वारा फेके गये मेडिकल वेस्ट कचड़ो की जानकारी नही है..! मेडिकल वेस्ट कचड़ो का निस्तारण हर हाल मे नियमानुसार करना है..! मामले गंभीर है मामले की जाँच कर आवश्यक कारवाई की जाएँगी..।
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मुझे भी पता है एप्पल का स्वाद.....
साहिबगंज :- 14/01/2020. जिन्दगी को अपने तरीके से जीने के लिये मनुष्य क्या नही करता. हरेक सुख व तरह तरह के व्यंजनों के स्वाद से अपनी अंतर आत्मा को संतुष्ट करने मे किसी प्रकार की कमी होने नही देता.जिस तरह मनुष्य तरह तरस के व्यंजनों व फल फुलो का स्वाद लेने से नही चुकते.ठीक यही लक्षण पक्षियों में भी पाया जाता है. मनुष्य को उसके पसंद का व्यंजन मिल जाने पर वे बड़े चाव से उसका स्वाद लेता है.ठीक उसी तरह पक्षियाँ को भी उसके पसंद की चीज खाने को मिल जाए तो वे बडे़ चाव से उसका स्वाद लेने से नही चूकते हैं. तोता की प्रजाति में सबसे बड़ा हीरामन तोता होता है. बड़े सरल तरीके से मनुष्य के बोले गये शब्दो को सुन बोलने लगता है.तोते का सबसे पसंददीदा फल वैसे तो अमरूद व बेर है. लेकिन जब बात सेब की हो तो मनुष्यों की तरह तोते को भी इसका जायका बहुत पसंद आता है. एक बच्चे ने तोते के पिंजरा में सेब का टुकड़ा उसे खाने के लिये डाल दिया.बच्चे से मिले सेब को तोते ने खाना शुरू कर दिया.लेकिन उसे सेब को खाने मे थोड़ी परेशानी हो रही थी. तो तोता सेब के टुकड़े को अपने दाहिने पंजे से पकड़ कर एक पैर पर खड़ा हो गया.और बड़े आराम से सेब को खाने लगा.तोते के सेब खाने के अनोखे दृश्य को देखने लोग उनके पिंजरा के पास खिंचे चले आये.तोता के सेब खाने के तरीके से ऐसा लग रहा था.शायद तोता यही कह रहा था कि उसे भी एप्पल का स्वाद पता है....
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एक नज़र इधर भी..! पेट के लिए जद्दोजहद........
साहिबगंज :- 13/01/2020. ज़िन्दगी को जीना है तो जद्दोजहद करना ही होगा..! एहसास के माद्दे की बिना पर मनुष्य की जद्दोजहद तो दिखती है, लेकिन जानवरों की जद्दोजहद पर नज़र कम ही जाती है..! जब भूख लगी हो तो इंसान दो जून की रोटी के लिए सब कुछ कर गुज़रता है..! ठीक यही लक्षण जानवरों में भी पाए जाते हैं..! सदर अस्पताल में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला..! एक भूखी बकरी सदर अस्पताल में लगे सागवान की हरी पत्तियों को देख उसे खाने के लिए आतुर थी..! पहले तो उसने गर्दन ऊंची कर पत्ती तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन जब उसकी पहुंच वहां तक नहीं हुई तो वो उछलने लगी..! इस पर भी वो पत्तियों तक नहीं पहुंच सकी तो पेड़ के चारो ओर चक्कर लगाने लगी फिर भी वह पेड़ की पत्तियों तक पहुंचने मे असफल रही तो अचानक वो वृक्ष के नीचे खड़ी स्कूटी पर चढ़ने के प्रयास मे जुट गयी गई..! खड़ी स्कूटी पर चढ़ने का चार बार प्रयास की लेकिन वह असफल रही..! पाँचवीं बार के प्रयास मे खड़ी स्कूटी पर चढ़ने मे सफलता हासिल कर ली..! बड़ी सावधानी से बकरी ने स्कूटी के सीट पर दो पैर व स्कूटी के हैडलाइट पर दो पैर रख कर अपनी गर्दन उँची कर आखिरकार सागवान के पेड़ की पत्तियों तक पहुंच कर बड़े आराम से पत्तियों को खाती रही और यह बकरी की जद्दोजहद को सदर अस्पताल मे मौजूद सैकड़ो लोग देख कर यही बात कर रहे थे मनुष्य हो या जानवर ज़िन्दगी को जीना है तो जद्दोजहद करनी ही होगी..!
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पूस की रात..!
आधी रात मे सड़कों पर छायी थी विरानी, कनकनाती ठंड में ठुठुर रही थी जिंदगानी..!
अलाव के बगल में सो कर ठंड को मात देने का प्रयास करता मिला युवक..!
साहिबगंज :- 11/01/2020. पुरानी कहावत है कि पूस की रात की विरानी व ठंड को काटना सबो के बस की बात नही है.जो पूस की रात की ठंड को काट ले वह हर ठंड को झेल सकता है.पूस की कनकनाती ठंडी रात का एहसास करने व शहरो मे बिना छत वाले गरीब व असहाय लोगो की जिंदगानी को करीब से जानने के लिये मै पूस की पूर्णिमा की रात ठीक 11:30 बजे साहिबगंज की सड़को पर निकल पडा़.
अपने घर से निकल कर मैं सुनसान गलियों से गुजरते हुए शहर के व्यस्ततम पटेल चौक पर पहुंचा. यहां से अपनी पड़ताल शुरू की. पटेल चौक तक जाने के क्रम मे एक- दो ई रिक्शा सड़को पर फर्राटा मारते दिखे.पटेल चौक से साहिबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे तो साउथ काँलनी की जाने वाले आरओबी के निचे ठंड से बचने के लिये एक महिला सहित तीन लोग चादर व प्लास्टिक ओढ़े सोये हुये मिले.वही रेलवे एससी एसटी कर्मचारी संघ कार्यालय के बरामदे पर तीन लोग,रेलवे स्टेशन के पोटिको मे दर्जनो लोग,द्वितीय श्रेणी के प्रतिक्षालय मे 20 से 25 रेल यात्री,प्लेटफार्म संख्या एक पर सात यात्री व प्लेटफार्म संख्या दो पर दो बच्चे के साथ एक दंपत्ति ठंड से बचने के लिये पैदल पुल के निचे सो रहे थे. पुरूष बैठे हुये सो रहे थे.पुछे जाने पर उन्होने कहा कि हमलोगो को भागलपुर जाना है बाबु ठंड अधिक है इसलिये ठंड से बचने के लिये पुल के निचे शरण लिये है.ताकि ठंड हवा से बचा जा सके. 12:03 बजे प्लेटफार्म संख्या एक पर आजिमगंज भागलपुर पैसेंजर ट्रेन खड़ी थी.वही 12:10 बजे प्लेटफार्म संख्या तीन पर हावड़ा राजगीर पैसेंजर ट्रेन पहुंचने वाली थी. प्लेटफार्म संख्या 3 पर सात से आठ यात्री ट्रेन पकड़ने के लिये खड़े थे.
रेलवे स्टेशन से निकल कर मैं काँलेज रोड की ओर बढ़ा. फिर सकरूगड़, पूर्वी रेलवे फाटक,सुभाष चौक,विकास भवन रोड,गंगा विहार पार्क,स्टेडियम रोड होते हुये 12:30 बजे सदर अस्पताल पहुंचे तो सदर अस्पताल परिसर के तीन मेडिकल स्टोर खुला था. होमगार्ड का एक जवान हाथ में लाठी लिये अस्पताल के गेट पर खड़ा मिला. लेकिन चिकित्सक व कर्मचारी नही मिले.एक सिस्टर उपर ओटी मे गयी हुयी है.अस्पताल परिसर के वट वृक्ष के निचे जमीन पर एक महिला सोयी हुयी थी.और कुछ और ओढ़ने व खाने देने की बात कह रही थी.उसे उठ कर प्रतिक्षालय मे जाने की बात कहा गया तो बस एक ही बात कही जा रही थी कि कुछ खाने व ओढ़ने को दे दो. प्रतिक्षालय मे चार चेयर पर व दो मरीज के परिजन जमीन पर सोये हुये थे.सदर अस्पताल से निकलने के बाद गोड़ाबाडी हाट,पश्चिमी रेलवे फाटक,बादशाह चौक, सब्जी मंडी होते हुये एमसीएच रात के 1: 35 बजे पहुंचे. एमसीएच का बड़ा गेट पर ताला लगा था. छोटा गेट खुला हुआ था. अंदर प्रवेश करने पर पूरा परिसर सुनसान पड़ा था.गार्ड रूम से गाने की आवाज़ आ रही थी.डियुटी रूम का दरवाजा लगा हुआ था.कुपोषण उपचार केंद्र के चार वार्ड मे ताला लगा हुआ था.दो वार्ड अदर से बंद थे.करीब 12 मिनट तक वहां रहने के बाद स्वामी विवेकानंद चौक की ओर बढ़े. पहुँचे तो विवेकानंद की प्रतिमा के सामने एक दृश्य ने ठिठका दिया. जिसने मुझे अंदर से झंझकोर कर रख दिया. 10 किमी प्रति घन्टे की रफ्तार से चल रही ठंडी हवाओं के बीच वहां अलाव जल रहा था.शाम मे उक्त चौक पर नेताओं के अलावे अन्य लोगो का जमावड़ा लगा रहता है.प्रतिदिन शाम के वक्त चौक पर अलावा जलता है.लेकिन रात को ठीक 1:47 बजे एक व्यक्ति ठंड से बचने के लिये जल रहे अलाव से महज 6 से 8 इंच की दूरी पर सोया हुआ था.उसके बगल मे एक चादर पड़ी थी.ठंड से राहत पाने के लिये अलाव के बगल मे सोये हुये व्यक्ति की हदय विदारक तस्वीर खीच कर लगभग 2 बजे अपने घर लौट गया।
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ये इंडिया है तो किसी ने कंबल क्यों नही ओढ़या.......!
कुछ ओढ़ने व खाने के लिये दे दो कहती ठंड से ठिठुरती मिली महिला..!
साहिबगंज :- 11/01/2020. कुछ ओढ़ने व खाने के लिये दे दो.. कंपकपाती आवाज़ में ठंड से ठिठुरती विछिप्त महिला साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर के वट वृक्ष के नीचे रात 12:30 बजे बुदबुदाती मिली. जब उस महिला की आवाज सुन कर उसके करीब पहुंचा.ओर उनसे पुछा आप ठंड मे यहाँ क्या कर रही है.तो उन्होने कहा मै विदेश मे हुँ.तो मैने कहा यह इंडिया है तो वह बोली कि ये इंडिया है तो किसी ने कंबल क्यों नही ओढ़या.......?? मेरे पास उनके सवालों का जबाब नही था.कुछ देर के बाद उनका नाम पुछे जाने पर कंपकपाते हुए महिला ने बताया कि उसका नाम सुनिता पिता का नाम शिवनारायण सहानी पता लशकरी बाग, नागपुर बतायी. नागपुर से साहिबगंज कैसे आयी सवालों के जबाब मे उन्होने बताया कि किसी ने गाड़ी पर उसे यहाँ लाकर छोड़ दिया.तब उससे प्रतिक्षालय मे जाकर सोने की बात कही गयी तो वो बोली कि यहीं रहने दो साहब, कुछ ओढ़ा दो, कुछ खाने को दे दो...
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फेंक कर कंबल आग के करीब कर दिया चेहरा..!
हाई टेक दौर में कंप्यूटर, इंटरनेट व एंड्राइड मोबाइल, वर्चुअल गेम के बढ़ते प्रचलन के बावजूद जंगली जानवरों के प्रति बच्चों की उत्सुकता आज भी बरक़रार है..! पहले के दौर में डमरू या बांसुरी बजते ही इलाके के बच्चों में ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता था. उन संकेतों से बच्चे समझ जाते थे कि कोई मदारी भालू, बंदर का करतब लेकर या सांप का खेल दिखाने आया है और बच्चे अपने घरों से दौड़ कर सडकों पर पहुंच जाते थे और बड़े चाव से भालू, बंदर/बंदरिया व साँप का खेल को देखते थे..! लेकिन बदलते समय के साथ मनोरंजन के साधन बदल गए, लेकिन जनवरों को सामने से देखने की ललक आज भी बच्चों में मौजूद है..! हालांकि अब तो गाहे-बगाहे ही ऐसा नजारा बच्चों को मिलता है..! जानवरों को कब्जे में रखने की कानूनन मनाही के बाद कुछ लोग चोरी छुपे आज भी इस पेशे से अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं..! ऐसे में गुरुवार को शहर के गुल्लीभट्टा मोहल्ला में एक मदारी बंदर का करतब दिखाने पहुंच गया..! डमरू की आवाज़ सुन देखते ही देखते बच्चों की भीड़ वहां पहुंच गयी..! बच्चों के चेहरों पर ख़ुशी व उत्सुकता के भाव साफ नजर आ रहे थे..! मदारी की हर बोल व बंदर की नकल व हरकत पर बच्चे जम कर ताली बजा रहे थे..!
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गंगा नदी मे बढ़ा कोसी नदी का दबाव, गंगा उफान पर..! गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से 52 सेमी उपर, खतरे के निशान से मात्र 48 सेमी निचे..! फोरकास्ट मे मिला सात सेमी जलस्तर बढ़ने का संकेत..!
साहिबगंज :- 18.7.2020. लगातार नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण कोसी नदी उफान पर है.वही कोसी नदी का दबाव गंगा नदी मे बढ़ने लगा है. जिसके कारण गंगा का जलस्तर मे लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है.पिछले 24 दिनो से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है.जलस्तर चेतावनी रेखा को तीन दिन पूर्व ही पार कर गया है.वहीं लगातार जलस्तर बढ़ने से साहिबगंज जिले के दियारा क्षेत्रो के खेतो मे गंगा का पानी प्रवेश कर गया है.सैकड़ो एकड़ मे लगी मक्के की फसल जलमग्न हो जाने के कारण किसान परेशान है.किसान बाढ़ के पानी मे घुस कर व नाव के माध्यम से पानी मे डुबे मक्के की फसलो को काटने मे लगे हैैै.किसान हनी सिंह, उमेश यादव,कपिल ने बताया कि इस बार हम किसानो को दोहरी मार झेलनी पड़ी है.अत्यधिक बारिश ने फसलो को नुकसान पहुंचाया ही है.अब बाढ़ फसलो को नुकसान पहुंचा रहा है.गंगा के जलस्तर मे हो रही वृद्धि के कारण सैकड़ो एकड़ मे लगी मक्के की फसल डुबने लगा है.हमलोग अपनी जान दाव पर लगा कर पाने मे घुसकर फसल को काट रहे है.बाढ़ के पानी मे फसल डुबने के कारण लगभग 40 से 50 टन मक्के की फसल सड़ गया है.जानकारी के अनुसार गंगा में पिछले 24 घंटों में जलस्तर में 09 सेमी की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है.केंद्रीय जल आयोग पटना से जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की सुबह छ: बजे साहिबगंज में गंगा का जलस्तर 26.77 मीटर मापा गया. जो चेतावनी रेखा 26.25 से 52 सेमी से ऊपर एवं खतरे के निशान 27.25 से मात्र 48 सेमी नीचे बह रही है. जल आयोग ने जलस्तर में लगातार वृद्धि की संभावना जताई है.वही फोरकास्ट मे गंगा का जलस्तर रविवार को सुबह छ: बजे 26.84 मीटर होने की संभावना जतायी गयी है.यानि 24 घंटे मे गंगा का जलस्तर 07 सेमी बढ़ेगी. बढ़ते जलस्तर के बीच ज़िले के दियारा क्षेत्र व शहरी क्षेत्रो के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगी है.और दियारा व गंगा के निचली इलाको मे रहने वाले हजारों परिवारो को बाढ़ का भय सताने लगी है..!
बक्सर से फरक्का तक का खतरे का निशान व वर्तमान जलस्तर इस प्रकार है :-
साइट--- खतरे का निशान --- आज का जल स्तर..!
1.बक्सर-60:32मीटर.--53:28 मीटर.
2.दीघा घाट पटना-50:32मीटर--48:36 मीटर
3.गांधी घाट पटना-
48:60 मीटर--47:50 मीटर
4.हाथीदाह-41:76मीटर --40:81 मीटर
5.मुंगेर-39:33 मीटर --37:19 मीटर
6.भागलपुर-33:68 मीटर --32:18 मीटर
7.कहलगांव-31:09 मीटर --30:80 मीटर
8.साहिबगंज-27:25 मीटर --26:77 मीटर
9.फरक्का-22:25 मीटर --22:29 मीटर
नोट :- यह आंकड़ा केंद्रीय जल आयोग पटना के द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट से ली गयी है..!
क्या कहते है अंचलाधिकारी..?? साहिबगंज के गंगा नदी मे बाढ़ को लेकर बाढ़ राहत कोष की तैयारी पूरी कर ली गयी है.मानव व पशुओं के लिये शिविर एवं मेडिकल कैम्प का स्थल चयन कर लिया गया है.बाढ़ राहत व लोगो के आवागमन के लिये नाव की सीज करने की प्रक्रिया जारी है.हमलोग गंगा के जलस्तर पर नजर बनाये रखे है..! महेंद्र माँझी, अंचलाधिकारी, सदर प्रखंड साहिबगंज..!
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उफनाई गंगा..!
दियारा के सैकड़ो बीघा खेतों में लगी मक्के की फसल जलमग्न, किसान चिंतित..! लाखों रुपयों की मक्के की फसल बर्बाद..! चेतावनी रेखा से 43 सेमी उपर बह रही है गंगा का जलस्तर, दियारा के निचले इलाकों में घुसने लगा बाढ़ का पानी..!
साहिबगंज :- 17.7.2020. साहिबगंज की गंगा नदी उफान पर है..! गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है..! अगर इसी रफ्तार से जलस्तर बढ़ता रहा तो दो-चार दिनों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएँगा..! वही जलस्तर बढ़ने से दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है..! जिसके कारणखेतों में लगे मक्के की फसल जलमग्न हो गया है..! पीड़ित किसान बाढ़ के पानी में घुसकर व नाव के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के अलावे मजदुरों के सहयोग से पानी में डुबे मक्के की फसलों को काटने मे जुटे है..! इस संबंध मे किसान उमेश यादव, हनी सिंह, राजा कुमार यादव ने बताया कि सैकड़ो बीघा में लगे मक्के की फसल जलमग्न हो गया है..! पानी मे घुस कर व नाव से फसल को काट रहे है..! हमलोगों की आधी फसल पानी में डुबने के कारण सड़ गया है..! मिली जानकारी के अनुसार गंगा में पिछले 24 घँटों में जलस्तर में 11सेमी की वृद्धि हुई है..! इसके साथ ही जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है..! केंद्रीय जल आयोग पटना से जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार की सुबह छ: बजे साहिबगंज में गंगा का जलस्तर 26.68 मीटर मापा गया..! जो चेतावनी रेखा 26.25 से 43 सेमी से ऊपर एवं खतरे के निशान 27.25 से मात्र 57 सेमी नीचे बह रही है..! जल आयोग ने जलस्तर में लगातार वृद्धि की संभावना जताई है..! वही फोरकास्ट मे गंगा का जलस्तर शनिवार को सुबह छ: बजे 26.78 मीटर होने की संभावना जतायी गयी है..! यानि 24 घंटे मे गंगा का जलस्तर 10 सेमी बढ़ेगी..! बढ़ते जलस्तर के बीच ज़िले के दियारा क्षेत्र व शहरी क्षेत्रों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगी है..!
बाढ़ से दियारा के इन गांव हो जाते हैं जलमग्न..! गंगा में बाढ़ आने पर सदर प्रखंड के रामपुर दियारा, रामपुर दुर्गा स्थान टोला, शोभनपुर दियारा, गरम टोला,छटु टोला, मकई टोला, निचला टोला, लाल बथानी दियारा, कारगिल दियारा, मुनीलाल टोला सहित दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हो जाता है..! जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर से अधिक होने की स्थिति इन दियारो में रहने वाले परिवार अपने पशुओं व परिवारों को लेकर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगते हैं..! कुल मिलाकर देखा जाए तो इन दियारो में रहने वाले लोगों को प्रतिवर्ष 2 से 3 माह तक बाढ़ की त्रासदी से जूझना पड़ता है..!
क्या कहते है अंचलाधिकारी..?? बाढ़ को लेकर बाढ़ राहत कोष की तैयारी पूरी कर ली गयी है..! मानव व पशुओं के लिये शिविर एवं मेडिकल कैम्प का स्थल चयन कर लिया गया है..! बाढ़ राहत व लोगों के आवागमन के लिये नाव को सीज करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गयी है..! हमलोग गंगा के जलस्तर पर नजर बनाये रखे है..! महेंद्र माँझी, अंचलाधिकारी, सदर प्रखंड, साहिबगंज..!
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दुर्भाग्य..!
साहिबगंज में 12.5 लाख की आबादी पर जिले मे नही है एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक..! विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को पश्चिम बंगाल व बिहार के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल पर रहना पड़ता है निर्भर..!
साहिबगंज :- 15.7.2020. सूबे के अंतिम छोर पर बसा साहिबगंज जिला की 12.5 लाख आबादी में 60 प्रतिशत आबादी पठारी व दियारा क्षेत्र में निवास करती है..! नीति आयोग की सूची में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में साहिबगंज जिला काफी पिछडा जिला के सूची में दर्ज है..! इसके बावजूद राज्य सरकार के द्वारा साहिबगंज जिले में जितनी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करानी थी, वह नही करा पा रहा है..! साहिबगंज जिले के लिये दुर्भाग्य की बात यह है कि 12.5 लाख आबादी पर एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नही है..! जिसके कारण विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को पश्चिम बंगाल व बिहार के सरकारी व गैर-सरकारी अस्पतालो पर निर्भर रहना पड रहा है..! जिले की 50 प्रतिशत महिलाओं के केस को विशेषज्ञ चिकित्सक नही रहने के कारण चिकित्सकों के द्वारा हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है..! मजबूरी में महिला मरीज बिहार के भागलपुर व पटना, पश्चिम बंगाल के मालदा व कोलकाता व झारखंड के धनबाद व रांची के गैर-सरकारी व सरकारी अस्पतालो में इलाज कराते है..! वैसी स्थिति में महिला मरीज का समय तो बर्बाद होता ही है साथ में पैसे भी पानी की तरह बहते है..! साहिबगंज जिले में लगभग 12 महिला चिकित्सा पदाधिकारी की जरूरत है, लेकिन वर्तमान समय में मात्र 6 महिला चिकित्सा पदाधिकारी ही पदस्थापित है..!
सप्ताह में दो दिन होता है गर्भवती महिलाओ का अल्ट्रा साउंड..! साहिबगंज जिला सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओ का अल्ट्रासाउंड मंगलवार व बुधवार को डॉ० देवेश कुमार के द्वारा किया जाता है..! अन्य दिनों में अगर अल्ट्रासाउंड किन्ही गर्भवती महिलओ को कराना होता है तो उसे बाहर के अल्ट्रासाउंड में जाना पडता है.
दो वर्षो में बढा सिजेरियन ऑपरेशन की संख्या..! साहिबगंज सदर अस्पताल मेंं पिछले दो वर्षो से सिजेरियन ऑपरेशन का प्रचलन बढा है..! सूत्र बताते है कि पहले हर दस प्रसव में 8 प्रसव सामान्य रूप से व दो सिजेरियन से होता था, लेकिन वर्तमान समय में हर दस प्रसव में चार सामान्य व 6 सिजेरियन ऑपरेशन हो रहा है..!
मात्र छह चिकित्सा पदाधिकारी है कार्यरत..! साहिबगंज जिले में वैसे 12 महिला चिकित्सा पदाधिकारी की जरूरत है, लेकिन वर्तमान समय में छह महिला चिकित्सा पदाधिकारी कार्यरत है..! राजमहल में एक महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 मीता सिन्हा पिछले चार वर्षो से आवेदन देकर छुटटी पर है..!
साहिबगंज जिले में पदस्थापित महिला चिकित्सकों के नाम व कार्यक्षेत्र की सूची इस प्रकार है :-
डॉ0 पूनम कुमारी बरहेट सीएचसी
डॉ0 सरिता टुडू बरहडवा सीएचसी
डॉ0 प्रीति नयन राजमहल अनुमंडल अस्पताल
डॉ0 किरण माला सदर अस्पताल साहिबगंज
डॉ0 पुष्पम भारती सदर अस्पताल साहिबगंज
डॉ0 दिव्या सदर सीएचसी
नोट :- राजमहल अनुमंडल में पदस्थापित महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 मीता सिन्हा चार वर्षो से छुटटी पर चली गई है..!
क्या कहते है सिविल सर्जन डॉ0 डी०एन० सिंह..?? निश्चित तौर पर साहिबगंज जिले में डॉ० पी०पी० पांडेय के सेवानिवृत होने से एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नही है..! महिला चिकित्सा पदाधिकारी की भी कमी है, लेकिन उपलब्ध चिकित्सक व संसाधनो में किसी तरह लोगो को सेवा उपलब्ध करायी जा रही है..!
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आवारा कुत्तों का आतंक, शहर में रात को बाहर निकलने मे शहरवासियों का कापता है हाड़, एक दिन मे बनाया 19 लोगो को शिकार, साहिबगंज नगर परिषद के पास नही है आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने की व्यवस्था..!
साहिबगंज :- 13.7.2020. साहिबगंज नगर परिषद क्षेत्र के अलावे आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों लोग आवारा कुत्तो के आतंक से काफी भयभीत है..! साहिबगंज नगर की सड़कों पर रात मे अपने घरों से बाहर निकलने पर लोगों की हाड़ कापने लगती है..! कारण यह है कि नगर के प्रायः सभी वार्डो मे सड़कों पर आवारा कुत्ते घुमते रहते है और रात में सडकों पर आते-जाते लोगों को अपना शिकार बनते है..! आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा है कि मोटरसाईकिल चालको तक को सडकों पर दौड़ाते रहते है..! ऐसे मे मोटरसाईकिल दुर्धटना जैसी घटना अक्सर घटती रहती है..! सोमवार को एक दिन मे आवारा कुत्तो ने कुल 19 लोगो को अपना शिकार बनाया..! पीड़ित सभी लोगो ने साहिबगंज सदर अस्पताल मे पहुंच कर अपना इलाज कराया एवं कुत्ता काटने पर लगाये जाने वाली एंटी रेविज की सुई ली..!
रात मे इन मुहल्लों मे घुमता रहता है आवारा कुत्ता..! सदर साहिबगंज नगर परिषद क्षेत्र के तालबन्ना, भरतिया काँलनी,दहला दुर्गा स्थान,बनियाँपट्टी, गुल्लीभट्ठा, पटनियाँ टोला,रसुलपुर दहला,एलसी रोड,दुशाद पाड़ा,बंगाली टोला,न्यू रोड,चौक बाजार, कृष्णा नगर,हबीबपुर, पुरानी साहिबगंज,काँलेज रोड,नार्थ काँलनी,साउथ कालनी,झरना काँलनी,जिरवावाड़ी सहित दर्जनो मुहल्लों मे रात व दिन मे आवारा कुत्ता सड़को पर विचरण करता रहता है.
क्या कहते है नप के सिटी मैनेजर..?? नगर परिषद के पास वर्तमान समय मे सड़को पर घुमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिये औजार व गाड़ी उपलब्ध नही है.इसके लिये नगर परिषद नगर विकास विभाग राँची को पत्र लिखेगी :- विरेश कुमार, सिटी मैनेजर, नगर परिषद साहिबगंज..!
क्या कहते है सिविल सर्जन..?? कुत्ता काटने पर लगाये जाने वाली एंटी रेविज की सुई सदर अस्पताल मे उपलब्ध है लेकिन नगर परिषद को चाहिए कि सड़को पर घुमने वाले आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर लगाम लगाये.नही तो स्थिति गंभीर हो सकती है :- डा० डी०एन० सिंह, सिविल सर्जन, साहिबगंज..!
एक दिन मे आवारा कुत्तो के शिकार हुये पीड़ितों की सूची इस प्रकार है :-
नाम उम्र पता
1.मो बाबु 06वर्ष रसुलपुर दहला.
2.बीबी रजिल 40वर्ष दुशाद पाड़ा.
3.प्रताप राय 05वर्ष तालबन्ना.
4.शिवानी कुमारी 06वर्ष जिरवावाड़ी.
5.अजय चौधरी 13वर्ष छोटा पचगड़.
06.पिंटू यादव 26वर्ष शोभनपुर भट्ठा.
07.दुर्गा कुमार 12वर्ष
शोभनपुर भट्ठा.
08.अंगद साह 12वर्ष सकरीगली.
09.मो मिराज 24 वर्ष महराजपुर
10.मंझली हेम्ब्रम 40 वर्ष सकरीगली.
11.अर्पिता कुमारी 05
वर्ष सकरीगली.
12.बाबु लाल चौधरी 40 वर्ष सकरीगली.
13.महेन्द्र उराँव 35 वर्ष सकरीगली.
14.मुकेश कुमार 16 वर्ष मसकलैया.
15.संजय तिवारी 51 वर्ष महाराजपुर.
16.शेख असफाक 05
वर्ष महाराजपुर.
17.विकास कुमार मंडल 25 वर्ष मसकलैया.
18.करण कुमार मंडल 15 वर्ष मसकलैया.
19.अनिल कुमार यादव 35 वर्ष समदा.
नोट पीड़ितों की सूची सदर अस्पताल से ली गये है..!
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खबर का असर..!
प्रकाशित खबर का हुआ असर, राँची विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने दिया जाँच का आदेश..!
साहिबगंज विशेष शाखा के हवलदार पहुंचे मामले की जाँच करने बरहेट प्रखंड के अलगोड़ी..!
साहिबगंज :- 18/03/2020. साहिबगंज-गोविंदपुर टू लाइन हाइवे के अलगोड़ी के पास पेड़ों की कटाई से संबंधित खबर साहिबगंज टुडे ब्लॉग स्पॉट डॉट कॉम में प्रमुखता से प्रकाशित किये जाने के मामले को लेकर विशेष शाखा झारखंड राँची के पुलिस अधीक्षक ने 16 मार्च को विशेष शाखा साहिबगंज के पुलिस उपाधीक्षक को पत्र भेज कर मामले की जाँच कर तीन दिनो के अंदर जाँच रिपोर्ट मांगा है..! पत्र में विशेष शाखा झारखंड राँची के पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि 16 मार्च 2020 को साहिबगंज टुडे ब्लॉग स्पॉट डॉट कॉम साहिबगंज में प्रकाशित लकड़ी माफियाओं ने करीब 40 पेड़ों को किया धराशायी से संबंधित जाँच प्रतिवेदन तीन दिनो के अंदर समर्पित करे..! वही विशेष शाखा झारखंड राँची के पुलिस अधीक्षक के पत्र मिलते ही विशेष शाखा साहिबगंज के हवलदार कपिल देव यादव ने मंगलवार को बरहेट प्रखंड के अलगोड़ी पहुँच कर मामले की जाँच की..!
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विडंवना...! वन विभाग द्वारा लगाये गये पेड़ो को खा रहे है जानवर, विभाग मौन..!
साहिबगंज - गोविंदपुर हाइवे के बाँझी से बरहेट तक किनारे लगे पेड़ों की सुरक्षा भगवान भरोसे, कंटीले तार व पीलर क्षतिग्रस्त..!
मेंटेनेंस के नाम पर लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारी व कर्मचारियों की बढ़ी बैचैनी..!
साहिबगंज :- 17/03/2020. पर्यावरण असंतुलित ना हो इसके लिये केंद्र सरकार, राज्य सरकार, पर्यावरण विभाग के अलावे देश के लोग समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन एवं पेड़ों की रक्षा के लिये जन जागरूकता अभियान चलाते रहते है..! सरकार व जनताओं का मकसद होता है कि देश का पर्यावरण संतुलित व पर्यावरण हरा-भरा रहे जिससे लोग आये दिन हो रही प्राकृतिक आपदाओं के कोप भाजन का शिकार ना बन सके..! लेकिन झारखंड प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे साहिबगंज जिले में पर्यावरण को संतुलन बनाने के लिये वन विभाग कतई सजग नही है..! विभाग द्वारा लगाये गये पेड़ों को लोग व जानवर क्षतिग्रस्त कर रहे है और विभाग मौन है..! हलांकि साहिबगंज टुडे ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम में पिछले चार दिनो से लगातार वन माफियाओं के द्वारा कीमती पेड़ों की कटाई किये जाने, लकड़ी माफियाओं ने करीब 40 पेड़ों को किया धरासायी, पेड़ों की सुरक्षा के लिये गाड़े गये पिलर व तार क्षतिग्रस्त शीर्षक खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है..! वही लगातार खबर प्रकाशित होने पर वन विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ गयी है..! आज साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे के बोरियो हरिणचरा मोड़ से बरहेट तक की स्थिति से रू-ब-रू कराते है..! साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के साहिबगंज से बरहेट जाने के क्रम में हाइवे के दोनो ओर किये गये वृक्षारोपण की सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया गया तो पाया गया कि हरिणचरा मोड़ से बरहेट के बीच तेलो, हाथमारी, फुलभंगा, अलगोड़ी, रांगा, बाबुपुर, पचकठिया, पेटखस्सा मोड़ व गुमानी नदी तक कई जगहो पर पिलर व तार क्षतिग्रस्त रहने के कारण घेराबंदी के अंदर घुस कर जानवर पेड़ को खाते दिखे..! एक जगह तो घेरा बंदी के अंदर पुआल व गोयठा का ढ़ेर रखा हुआ था..! दर्जनों जगहों पर पेड़ रख-रखाव के अभाव में सुख गया है, पेड़ों की सुरक्षा के लिये वन विभाग के द्वारा लगाये आरसीसी पीलर को लोगो ने कई पीलर क्षतिग्रस्त कर दिया है..! तो कई जगह कंटीले तार की घेराबन्दी तो है, लेकिन लगाये गये पेड़ है ही नही..! कई जगहों पर कंटीला तार को अज्ञात लोगों ने इसे काट दिया है..! सवाल उठना लाजमी है कि
साहिबगंज - गोविंदपुर टू लेन हाईवे के किनारे वर्ष 2015-16 मे करोड़ों रूपया खर्च कर वन विभाग ने वृक्षारोपण किया था..! पेड़ों की सुरक्षा के लिये वन विभाग प्रति वर्ष लाखो रूपया खर्च कर रही है..! दर्जनों कर्मचारियों को लगाये गये पेड़ो की सुरक्षा के लिये दायित्व दिया गया..! इसके वावजूद लगाये गये पेड़, आरसीसी पिलर व कंटीले तार को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है तो निश्चित तौर पर वन विभाग को इसका जबाब देना ही होगा..!
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पेड़ों की सुरक्षा के लिये लगाये गये पीलर व तार क्षतिग्रस्त, विभाग मौन..!
साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के किनारे लगे पेड़ों की सुरक्षा गार्ड का नही हो रहा मेंटेनेंस..!
मेंटेनेंस के नाम पर वन विभाग कर रही है खानापूर्ति..!
साहिबगंज :- 17/03/2020. पर्यावरण व हरियाली से हर किसी को प्रेम है..! क्योंकि पर्यावरण संतुलित रहने से मनुष्य भी स्वस्थ्य रहता है..! लोगों को स्वच्छ हवा भी मिलती रहती है..! यही कारण है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं वन एवं पर्यावरण विभाग पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिये वृक्षारोपण कराती है..। इसके लिये कई प्रकार की योजना संचालित है..! लेकिन सुबे के अंतिम छोर पर बसे साहिबगंज जिला में लगाये गए पौधों की सुरक्षा चक्र टूट गया है..! जिले में 35 प्रतिशत आबादी पहाड़ों पर रहती है..! वन विभाग के द्वारा भी समय-समय पर योजना संचालित कर वृक्षारोपण किया जाता है..! लेकिन लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा की बात आती है तो विभाग पेड़ों की सुरक्षा व उसके मेंटेनेंस में असक्षम साबित हो रहा है..! जिला वन एवं प्रमंडल साहिबगंज के द्वारा साहिबगंज - गोविंदपुर टू-लेन हाईवे के किनारे साहिबगंज के लोहंडा से हाथीबगान तक लगभग 45 किलोमीटर तक वर्ष 2015-16 में वृक्षारोपण किया गया था, और लगाये गये पेड़ो के मेंटेनेंस के लिये प्रतिवर्ष लाखों रूपये खर्च भी विभाग कर रही है..! इसके वावजूद नतीजा सिफर है..! साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के साहिबगंज से बोरियो जाने के क्रम मे हाइवे के दोनो ओर किये गये वृक्षारोपण की सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया गया तो पाया गया कि बाँझी के पहले कई पेड़ रख-रखाव के अभाव मे सुख गया है, बाँझी के एक किलोमीटर आगे पेड़ो की सुरक्षा के लिये वन विभाग के द्वारा लगाये आरसीसी पीलर को उखाड़ दिया गया, तो कई पीलर क्षतिग्रस्त कर दिया गया..! मझौना के पास कई जगहो पर लगाये पेड़ सुख गया है, तो कई जगह पीलर व तार की घेराबन्दी तो है लेकिन लगाये गये पौधे व पेड़ नही है..! हरिणचरा मोड़ से पहले पेड़ों की सुरक्षा के लिये विभाग के द्वारा लगाया गया पीलर व कंटीला तार क्षतिग्रस्त हो गया है या अज्ञात लोगों ने इसे काट दिया है..! कई जगहों पर तो पीलर को तोड़कर पीलर के अंदर का छड़ निकाल लिया गया है..! तो कई जगह पेड़ है ही नही..! सवाल उठना लाजमी है कि जिला वन एवं प्रमंडल साहिबगंज के द्वारा साहिबगंज - गोविंदपुर टू-लेन हाईवे के किनारे वर्ष 2015-16 मे वृक्षारोपण किया गया था, और लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा के लिये विभाग प्रतिवर्ष लाखो रूपया खर्च कर रही है..! पेड़ों की सुरक्षा के लिये दर्जनों कैटल गार्ड, वनरक्षी, वनपाल व रेंजर लगा रखे है..! तो पेड़ो की कटाई, लगे आरसीसी पीलर व कंटीले तार को क्षतिग्रस्त कौन कर रहा है..? सुरक्षा मे लगाये गये पदाधिकारी एवं कर्मचारी क्या कर रहा है..?? और वन विभाग इस मामले मे क्या कारवाई कर रही है..?? हालांकि मामले को लेकर डीएफओ विकास पालीवाल ने विभाग के सकरूगढ़/बरहरवा प्रक्षेत्र के रेंजर रविंद्र तिवारी को जाँच करने का आदेश दिया है...!
क्या कहते है डी०एफ०ओ०..?? साहिबगंज- गोविंदपुर हाइवे के किनारे लगाये गये पेड़ो को सुखने, पीलर व तार का क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिलते ही रेंजर को मामले की जाँच करने को कहा गया है, मै भी जल्द मामले का निरीक्षण करूगाँ..! विकास पालीवाल, डी०एफ०ओ०, साहिबगंज..!
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लापरवाही.....! मुख्यमंत्री के विस क्षेत्र में किशोरावस्था मे पहुंचे पेड़ों पर चलायी जा रही है कुल्हाड़ी, वन विभाग मौन..! मामला.....! बरहेट प्रखंड क्षेत्र के अरगोड़ी मे साहिबगंज- गोविंदपुर हाइवे के किनारे लगे 30 से 40 पेड़ कटाई किये जाने का..! करोड़ों रूपया खर्च किया गया था हाइवे किनारे वृक्षारोपण करने में..! वर्ष 2015-16 की है योजना, मेंटेनेंस पर विभाग खर्च कर रहा है प्रतिवर्ष लाखो की राशि..!
साहिबगंज :- 17/03/2020. हमारे देश के महानगरों की हवा इतनी प्रदुषित एवं जहरीली हो गयी है कि महानगरों में रहने वाले लोगों को सड़क पर निकलने के लिये सोचना पड़ रहा है और लोग प्रदुषित हवाओं से बचने के लिये अपने चेहरे पर मास्क लगा कर ही अपने घरो से निकलते है, यही कारण है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं वन एवं पर्यावरण विभाग पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिये वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण करने के लिये कई प्रकार की योजना संचालित कर रखी है..! वृक्षारोपण करने व पेड़ों की कटाई पर अंकुश लगाने के लिये विभाग अपने तंत्र व मानव संसाधन पर अरबों रूपया खर्च कर रही है, लेकिन झारखंड राज्य के संथाल परगना प्रमंडल के साहिबगंज जिले के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधान सभा क्षेत्र बरहेट मे बड़े तो बड़े किशोरावस्था की दहलीज पर पहुंचे पेड़ की कटाई दिन के उजाले मे हो रही है, और वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी को इस मामले की जानकारी तक नही है..!
साहिबगंज - गोविंदपुर टू-लेन हाईवे के किनारे साहिबगंज के लोहंडा से हाथीबगान यानि साहिबगंज-पाकुड़ जिले के सीमा क्षेत्र तक तक वन विभाग के द्वारा वर्ष 2015-16 मे करोड़ों रूपया राशि खर्च कर लगे कीमती सागवान, शीशम, मोहगनी के अलावे फलदार पेड़ लगाया गया था..! हाइवे किनारे लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध है, इसके लिये विभाग ने रेंजर , वनपाल, वनरक्षी व कैटल गार्ड को लगाये रखा है..! मेंटेनेंस के लिये प्रतिवर्ष लाखो रूपये खर्च भी किये जा रहे है..! इसके वावजूद बरहेट प्रखंड क्षेत्र के अरगोड़ी के समीप साहिबगंज- गोविंदपुर हाइवे के किनारे किशोरावस्था मे पहुंचे पेड़ो पर कुलाहड़ी चलायी जा रही है..! अरगोड़ी के पास 30 से 40 किशोरावस्था मे पहुंचे पेड़ को काट कर गिरा दिया गया है और इस मामले की जानकारी तक वन विभाग को नही है..! सवाल उठाना लाजमी है कि विभाग ने जब लगाये गये पेड़ो के देखभाल के लिये मानव संसाधन के अलावे भारी राशि खर्च कर रही है, तो पेड़ो की कटाई कैसे हो रही है..? किशोरावस्था में पहुंचे पेड़ो को कौन काट रहा है..? पेड़ो की हो रही कटाई की जानकारी संबंधित क्षेत्र के रेंजर एवं डीएफओ को क्यों नही है..? क्या विभाग ने लगाये गये पेड़ो की देखभाल के लिये जिन कर्मचारियों को लगाया है वे पेड़ो की रखवाली नही कर रहे है..? ऐसे कई सबालो का जबाब तो साहिबगंज वन एवं पर्यावरण विभाग को देना ही होगा..?
क्या कहते है रेंजर..?? साहिबगंज :- सकरूगड़/बरहरवा प्रक्षेत्र के रेंजर रविंद्र तिवारी ने कहा कि गोविंदपुर हाइवे के किनारे अरगोड़ी के समीप छोटे पेड़ो की कटाई किये जाने की जानकारी नही है..! अगर ऐसा मामला है तो मामले को देख कर कारवाई की जाएँगी..!
क्या कहते है डीएफओ..?? साहिबगंज :- जिला वन प्रमडल पदाधिकारी विकास पालीवाल ने कहा कि गोविंदपुर हाइवे के अरगोड़ी के समीप पेड़ो की गयी कटाई की जानकारी नही है, पेड़ो की सुरक्षा के लिये वनरक्षी तैनात रहते है, अगर ऐसा मामला है तो मामले की जाँच कर कारवाई की जाएँगी..!
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शीशम के पेड़ को बेखौफ काट रहे है माफिया, वन विभाग मौन..! साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे के बाँझी-बोरियो के बीच लगे पेड़ो को काट रहे है माफिया..!
साहिबगंज :- 16/03/2020. पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिये केंद्र सरकार, राज्य सरकार,पर्यावरण विभाग के अलावे पुरा देश के लोग समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन पेड़ लगाते है एवं पेड़ो की रक्षा के लिये जन जागरूकता अभियान चलाते है.मकसद होता है कि पर्यावरण संतुलित व पर्यावरण हरा भरा रह सके.और आम लोगो को स्वच्छ हवा मिल सके.लेकिन सुबे के अंतिम छोर पर बसा साहिबगंज जिले मे लगाये गये पेड़ो की रक्षा करने मे जिला वन प्रमंडल विभाग असंक्षम साबित हो रहा है.पूर्व के दिनो मे रात के अंधेरे मे वन माफियाओ के द्वारा बोरियो,बरहेट के अलावे अन्य पहाड़ो मे लगे कीमती पेड़ की चोरी छिपे कटाई किया जाता था.लेकिन वन विभाग के शिथिलता के कारण वन माफियाओं का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है. कि अब माफियाओ के द्वारा दिन के उजाले मे भी साहिबगंज गोविंदपुर हाइवे के बाँझी-बोरियो के बीच लगे पेड़ो को बेखौफ तरीके से काटा जा रहा है. लेकिन विभाग हाथ पर हाथ रखकर बैठा है..!
क्या है मामला..?? साहिबगंज गोविंदपुर टू लाइन हाईवे के किनारे लगे कीमती शीशम के पेड़ों को लकड़ी माफियाओं के द्वारा काटा जा रहा है. लेकिन साहिबगंज वन प्रमंडल हाथों पर हाथ रख बैठी है जबकि पेड़ों की सुरक्षा के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध है. इसके अलावे रेंजर ,वनपाल, वनरक्षी की भी तैनाती की गई है. इसके बावजूद सड़क के किनारे लगे कीमती पेड़ को बेखौफ होकर लकड़ी माफियाओं के द्वारा काटा जाना कई सवाल खड़े कर रहे है. लेकिन विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. साहिबगंज-टुडे प्रतिनिधि ने साहिबगंज से बरहेट तक साहिबगंज - गोविंदपुर हाईवे के किनारे लगे पेड़ों की पड़ताल की जिसमें पाया गया कि साहिबगंज से बोरियों जाने के क्रम में बाँझी से दो किलोमीटर आगे सड़क के किनारे विशाल शीशम का पेड़ गिरा पड़ा मिला.देखने से लगा कि पेड़ को दो दिन पूर्व ही काटा गया होगा. पूछे जाने पर कुछ लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बगल के एक जले हुए शीशम के पेड़ की जड़ को दिखाते हुए कहा कि पेड़ों की कटाई अंधाधुन हो रही है. पेड़ के किनारे आग लगाकर पेड़ पेड़ो को कमजोर कर दिया जाता है. फिर पेड़ों को काटकर गिरा दिया जाता है और कटे पेड़ों को कई भागों में काटकर सिल्ली तैयार कर लिया जाता है. और लकड़ी माफिया रात में ट्रैक्टर पर कटे सिल्ली को लोड कर निकल जाते हैं. एक युवक ने कहा कि निश्चित तौर पर विभाग के मिली भगत से ही पेड़ों की कटाई माफियाओं के द्वारा की जा रही है.इस मामले मे रेंजर रविंद तिवारी ने कहा कि मामले की जानकारी हमे नही है.मामले की जांच कर कारवाई की जाएँगी..!
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गाजे-बाजे के साथ 151 महिलाओं ने निकाली भव्य कलश शोभा यात्रा, किया नगर भ्रमण..! जय भोले नाथ की जयकारो से गुंजायन हुआ नगर..!
साहिबगंज :- 10/02/2020. नगर के गुल्लीभट्ठा बम काली मंदिर परिसर मे बने शिव व हनुमान की प्रतिष्ठापित प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत बम काली पूजा समिति के नेतृत्व मे सोमवार को सुबह 10:30 बजे बम काली मंदिर परिसर से 151 कुँवारी कन्या व सुहागिन महिलाओं ने गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली..! शोभा यात्रा मंदिर परिसर से निकल कर दहला दुर्गा स्थान, भरतिया रोड, चौक बाजार, गांधी चौक, नार्थ काँलनी, होते हुये गंगा घाट पहुंचा..! जहाँ पुरोहित आर्चाय रंजय शास्त्री, प्रमोद पाण्डेय, वेदानंद पाण्डेय, अम्रेश पाण्डेय, संतोश पाण्डेय, गुरूदेव पाण्डेय एवं यजमान संदीप कुमार सपत्नी के द्वारा गंगा पूजन, दस विध स्नान व प्राशिचत कर्म करने के बाद कलश यात्रा मे शामिल सभी महिलाओं ने अपनी-अपनी कलश मे गंगा जल भर कर गंगा घाट, बायसी स्थान, नयाटोला, कमल टोला,चैती दुर्गा, काँलेज रोड, ग्रीन होटल चौक,स्टेशन चौक, पटेल चौक, बाटा चौक, नया सड़क,दहला दुर्गा स्थान होते हुये बम काली मंदिर परिसर पहुंची. जहाँ महिलाओं ने अपनी कलश को रखी.वही दोपहर तीन बजे से मंदिर परिसर मे पुरोहित आर्चाय रंजय शास्त्री ने नेतृत्व मे देवघर से आये पुरोहितों ने पंचांग पूजन,वेदी निर्माण व वेदी पूजन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ की. आर्चाय रंजय शास्त्री ने बताया 11 फरवरी को जलाधिवास, अन्नाधिवास, अष्टयाम हरि कीर्तन प्रारंभ,12 फरवरी को कर्मकुटी, नगर भ्रमण, शय्याधिवास, हरि कीर्तन विराम,13 फरवरी को महास्नन, प्रसादाधिवास, प्राण प्रतिष्ठा,14 फरवरी को महारूद्राभिषेक, हवन व प्रसाद वितरण 21 फरवरी को भगवान शिव व मैया पार्वती का विवाह उत्सव एवं भंडारा कार्यक्रम की जाएंगी. मौके पर मौके पर समिति के अशोक दयाल,अनिमेश सिंहा,अनिल कुमार ताँती,प्रमोद पाण्डेय, गौतम गुप्ता,अभिषेक सिंहा,पियुष कुमार गुप्ता,जीवा पासवान, गंगा पासवान,संतोष मोदी,संजीव कुमार आर्या,आशिष गुप्ता, दीपक ताँती, विकास कुमार सहित समिति के सदस्यगण व सैकड़ो गुल्लीभठा मुहल्ले व नगर के महिला, पुरूष व बच्चे उपस्थित थे।
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तो याद आ जाएगा हॉरर फिल्म के भुत बंगले की याद......
बंगले पर काबिज वृक्ष की जद्दोजहद दे रही है सीख..!
साहिबगंज :- 07/02/2020. अपना घर है स्वर्ग से सुंदर... आप ने 80-90 के दशक में ये गाना ज़रूर सुना होगा. कहते हैं घर की रौनक उसमें रहने वालों से होती है. लेकिन जब घर में कोई ना हो तो वो घर घर नहीं रहता बल्कि भूत बंगला बन जाता है. विवादों में पड़े ऐसे कई घर आपको मिलेंगे जो किसी फिल्मी भूत बंगले की बरबस को याद दिला देते हैं .साहिबगंज नगर के केलाबाड़ी धंगड़सी में एक ऐसा ही मकान है जो इतना डरावना है कि आपको रात में किसी हॉरर फिल्म की याद दिला देने में सक्ष्म है. बस अगर आप उस मोहल्ले के नहीं हैं तो उधर से गुज़र जाइये.....सड़क किनारे अवस्थित इस मकान की हालत ऐसी क्यों है बताना ज़रा मुश्किल है. लेकिन इतना ज़रूर है कि ये मकान इंसानी जिंदगी के कई पहलुओं को उजागर कर रहा है.....एक पहलू तो ये है कि घर का वजूद घर में रहने वालों से है. लेकिन घर वाले ना हों तो उस पर कोई न कोई कब्ज़ा ज़रूर जमा लेता है. ठीक इसी तरह उस मकान पर प्राकृतिक तौर पर एक पीपल के वृक्ष ने अपना कब्जा जमा लिया है. उसकी जड़ें मकान की छत व दीवारों पर गोशे गोशे में समाई है.....पीपल का वृक्ष खाली मकान की मजबूती को अपनी शाखाओं से ताकत देने में लगा है. उसे लगता है कि इस मकान के सहारे वो अपना वजूद बचाने में कामयाब होगा.
क्योंकि उसे पता है कि बिना सहारे के वृक्ष को आज कल काट दिया जाता है. इसी घर को बनाने में लोग जंगल का जंगल काट देते हैं. उसे लगता है कि उसकी बर्बादी का कारण अगर घर ही है तो क्यों ना उस घर को ही अपनी गिरफ्त में ले लिया जाए. पर्यावरण को संतुलित रखने वाले उस पीपल के पेड़ को ये पता है कि उसकी तमाम तर कोशिश भी कभी काम नहीं आ सकेगी..किसी न किसी दिन उसे भी धराशायी कर दिया जाएगा.....बावजूद इसके जीवन के लिए उसकी जद्दोजहद हम सबको कई सीख देती है.......
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आखिर इस दर्द की दवा क्या है..???
साहिबगंज :- 18/01/ 2020. उम्र के कई पड़ाव हैं..! बालपन से लेकर बुढ़ापा तक एक ऐसी लीला है जिससे ज़्यादातर लोग वाकिफ होते हैं. एक इंसान इस दौरान जाने कितने दर्द के मरहले से गुजरता है. कहते हैं हर दर्द की दवा होती है. लेकिन कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जिसकी दवा नहीं होती...ये दास्तां है एक ऐसे गरीब परिवार की जिसका एक सदस्य ठेला चला कर ज़िन्दगी का पहिया खींच रहा है. एक 95 वर्षीय बुजुर्ग भी उस परिवार का हिस्सा है....
जिला मुख्यालय के शोभनपुर भट्ठा के रहने वाले वृद्ध चुनचुन सिन्हा शारीरिक रूप से अस्वस्थ्य हैं. चुनचुन सिन्हा गैस्टिक की बिमारी से परेशान रहते है. सदर अस्पताल से उनका इलाज चल रहा है. 95 वर्षीय वृद्ध चुनचुन सिंहा सप्ताह में दो दिन दवा लेने के लिये लाठी के सहारे अपने घर से दो-ढाई किलोमीटर की दूरी दो घंटा में तय कर अस्पताल पहुंचते हैं. और दवा लेने के बाद दो घंटा की दूरी लाठी के सहारे तय कर वापस घर पहुंचते हैं.वृद्ध चुनचुन सिन्हा को रास्ते में लाठी के सहारे कछुआ की गति से धीरे-धीरे आते-जाते देख हरेक इंसान को उन पर दया आती है.लोग उनके हिम्मत व जज़्बे की दाद देते हैं.अपनी दवा लेने सदर अस्पताल पहुंचे चुनचुन सिन्हा से उनके बारे मे बात करने का अवसर मिला तो उन्होने बताया कि उनका एक पुत्र है.पुत्र ठेला चलाकर परिवार चलाता है.उनका भी भरण पोषण करता है. लेकिन उन्हें दवा लाने के लिये अकेले ही सदर अस्पताल सप्ताह में दो दिन आना होता है.कहते हैं...पुत्र अगर उन्हें अस्पताल लाएगा तो घन्टे भर की आमदनी मार खा सकती है. ऐसे में मुश्किल खड़ी हो सकती है. हालांकि पुत्र इसकी ज़िद करता भी है...लेकिन घर का मुखिया होने के नाते मेरी भी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं पुत्र की उस आमदनी में रुकावट ना बनूँ, जिसकी मेहनत पूरे परिवार के भरण पोषण का जरिया है....किया भी क्या जा सकता है.....वृद्ध चुनचुन सिन्हा खामोशी से लाठी के सहारे आगे निकल जाते हैं....जैसे कह रहे हों..."आखिर इस दर्द की दवा क्या है".....???
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फॉलोअप..!
खबर प्रकाशित होने के बाद टुटी नींद, हटवायी मेडिकल वेस्ट कचड़ा..!
साहिबगंज :- 17/01/ 2020. सदर अस्पताल के एसआरएल पैथोलैब के पीछे भारी मात्रा में फेका पड़ा मेडिकल वेस्ट कचड़ा की खबर प्रकाशित होने के बाद साहिबगंज सदर अस्पताल के एसआरएल पैथोलैब हरकत मे आया. और अपने पैथोलैब के भवन के पीछे फेके गये मेडिकल वेस्ट कचड़ा व पोजेटिव कीट को हटवा दिया.दुसरे दिन उक्त जगह पर मेडिकल वेस्ट कचड़ा व कीट नही मिला.सुत्रो के अनुसार फेके पड़े मेडिकल वेस्ट कचड़ा को कर्मियो के द्वारा हटाया गया है.वही सिविल सर्जन डा डीएन सिंह ने बताया कि राज्य का साफ तौर पर निदेश है कि सरकारी,गैर सरकारी अस्पतालो के अलावे पैथोलैब जैसी मेडिकल संस्थान मेडिकल वेस्ट कचड़ो निस्तारण नियमानुसार करना है.अगर कोई संस्थान इस मामले मे लापरवाही बरतती है तो उसपर एफआईआर दर्ज कराया जाएँगा. मामला संज्ञान मे है.जाँच कर कारवाई की जाएँगी.
फेके पड़े मेडिकल वेस्ट कचड़े मे थे कई कीट पोजेटिव..! फेके पड़े मेडिकल वेस्ट कचड़ो मे कई कीट पोजेटिव थे. एचआईवी, भीडीआरएल, डेंगू, मलेरिया प्रेगनेंसी टेस्ट का कीट, ब्लड ग्रुपिंग करने की केमिकल के अलावे भारी मात्रा में स्लाईड फेका पड़ा था।
पीट मे डाला जाता है सदर अस्पताल का कचड़ा..! सिविल सर्जन डा डीएन सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल से प्रतिदिन निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचड़ो को सदर अस्पताल मे मौजूद दो पीट मे डाला जाता है.रही बात एसआरएल लैब के पीछे मेडिकल वेस्ट कचड़ो की बात तो फेके गये कीट सदर अस्पताल की कीट नही है. विभाग मामले की जाँच कर रही है.
नही है एसआरएल का अपना मेडिकल वेस्ट पीट..! सहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथो लैब का अपना मेडिकल वेस्ट कचड़ो व कीट के निस्तारण के लिये मेडिकल वेस्ट पीट नही है.इस संबंध मे साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथोलैब के इंचार्ज डॉ राजीव लोचन ने कहा कि हमारे संस्थान से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचड़ो को जला कर नष्ट करने के बाद जमीन मे गाड़ या सदर अस्पताल के पीट मे डाल दिया जाता है.उन्होने बताया कि एसआरएल का सदर अस्पताल मे अपना मेडिकल वेस्ट पीट नही है।
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लापरवाही...!
लोगों को मौत बांट रहा है एसआरएल पैथ लैब..!
उच्च न्यायालय व स्वास्थ सचिव के आदेश का किया जा रहा है उल्लंघन..!
सदर अस्पताल के एस०आर०एल० पैथोलैब के पीछे भारी मात्रा में फेका पड़ा है मेडिकल वेस्ट कचड़ा..!
साहिबगंज :- 16/01/2020. एक ओर राज्य सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक स्वास्थ सेवा पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है वहीं दूसरी और साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथोलैब खुले में मेडिकल वेस्ट कचड़े को फेंक कर लोगों को मौत बांट रहा है.फेके गये मेडिकल वेस्ट कचड़े मे कई कीट पोजेटिव है..! जबकि स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी,गैर सरकारी अस्पतालो के अलावे पैथोलैब जैसी मेडिकल संस्थान मेडिकल वेस्ट कचड़ो निस्तारण नियमानुसार करे.लेकिन साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित एसआरएल पैथोलैब के द्वारा प्रयोग किए गए मेडिकल वेस्ट स्लाइड व कीट को लैब के पीछे खुले स्थान में फेंक दिया जाता है.
वहीं खुले स्थानों में मेडिकल वेस्ट कचड़ो को फेंकने से सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों, कर्मचारियों के अलावे इलाज कराने आए मरीजों व मरीज के परिजनों को संक्रमण का खतरा बना रहता है. साथ ही लोग भयभीत है. मिली जानकारी के अनुसार एसआरएल पैथोलैब के पीछे एचआईवी, भीडीआरएल,डेंगू ,मलेरिया प्रेगनेंसी टेस्ट का कीट, ब्लड ग्रुपिंग करने की केमिकल के अलावे भारी मात्रा में स्लाईड फेका मिला है.
सवाल उठना लाजमी है की एसआरएल जैसे बड़े संस्थान के द्वारा नियमों को ताक में रखकर इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है. जबकि बायोमेडिकल वेस्ट को लेकर झारखंड हाईकोर्ट भी सख्त है. कई बार स्वास्थ्य विभाग और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद को भी कड़ी फटकार लगा चुका है वही सूबे के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने भी मेडिकल वेस्ट ककचड़ो का सही तरह से निस्तारण नहीं करने व मेडिकल वेस्ट कचड़ो को खुले में फेंकने वाले संस्थान पर संबंधित जिले के सिविल सर्जन को संबंधित संस्थानो पर एफ०आई०आर० कराने की बात कही है..!
क्या कहते है एस०आर०एल० इंचार्ज..??
साहिबगंज :- 16/01/2020. एस०आर०एल० इंचार्ज डॉ० राजीव लोचन ने मामले को लेकर कहा कि हमारे संस्थान से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचड़ो को जला कर नष्ट करने के बाद जमीन मे गाड़ दिया जाता है.फेके पड़े कचड़े हमारे नही है.जब उन्हे बताया गया कि मेडिकल वेस्ट कचड़े जो फेका पड़ा है वे आपके लैब के पीछे पड़ा है.और वे कचड़े सदर अस्पताल का नही है तो उन्होने कहा ठीक है देखते है।
क्या कहते है सिविल सर्जन..??
साहिबगंज :- 16/01/2020. डा०डी०एन० सिंह (सिविल सर्जन), साहिबगंज ने कहा की सदर अस्पताल परिसर के एस०आर०एल० पैथो लैब के पीछे एस०आर०एल० पैथो लैब के द्वारा फेके गये मेडिकल वेस्ट कचड़ो की जानकारी नही है..! मेडिकल वेस्ट कचड़ो का निस्तारण हर हाल मे नियमानुसार करना है..! मामले गंभीर है मामले की जाँच कर आवश्यक कारवाई की जाएँगी..।
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मुझे भी पता है एप्पल का स्वाद.....
साहिबगंज :- 14/01/2020. जिन्दगी को अपने तरीके से जीने के लिये मनुष्य क्या नही करता. हरेक सुख व तरह तरह के व्यंजनों के स्वाद से अपनी अंतर आत्मा को संतुष्ट करने मे किसी प्रकार की कमी होने नही देता.जिस तरह मनुष्य तरह तरस के व्यंजनों व फल फुलो का स्वाद लेने से नही चुकते.ठीक यही लक्षण पक्षियों में भी पाया जाता है. मनुष्य को उसके पसंद का व्यंजन मिल जाने पर वे बड़े चाव से उसका स्वाद लेता है.ठीक उसी तरह पक्षियाँ को भी उसके पसंद की चीज खाने को मिल जाए तो वे बडे़ चाव से उसका स्वाद लेने से नही चूकते हैं. तोता की प्रजाति में सबसे बड़ा हीरामन तोता होता है. बड़े सरल तरीके से मनुष्य के बोले गये शब्दो को सुन बोलने लगता है.तोते का सबसे पसंददीदा फल वैसे तो अमरूद व बेर है. लेकिन जब बात सेब की हो तो मनुष्यों की तरह तोते को भी इसका जायका बहुत पसंद आता है. एक बच्चे ने तोते के पिंजरा में सेब का टुकड़ा उसे खाने के लिये डाल दिया.बच्चे से मिले सेब को तोते ने खाना शुरू कर दिया.लेकिन उसे सेब को खाने मे थोड़ी परेशानी हो रही थी. तो तोता सेब के टुकड़े को अपने दाहिने पंजे से पकड़ कर एक पैर पर खड़ा हो गया.और बड़े आराम से सेब को खाने लगा.तोते के सेब खाने के अनोखे दृश्य को देखने लोग उनके पिंजरा के पास खिंचे चले आये.तोता के सेब खाने के तरीके से ऐसा लग रहा था.शायद तोता यही कह रहा था कि उसे भी एप्पल का स्वाद पता है....
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एक नज़र इधर भी..! पेट के लिए जद्दोजहद........
साहिबगंज :- 13/01/2020. ज़िन्दगी को जीना है तो जद्दोजहद करना ही होगा..! एहसास के माद्दे की बिना पर मनुष्य की जद्दोजहद तो दिखती है, लेकिन जानवरों की जद्दोजहद पर नज़र कम ही जाती है..! जब भूख लगी हो तो इंसान दो जून की रोटी के लिए सब कुछ कर गुज़रता है..! ठीक यही लक्षण जानवरों में भी पाए जाते हैं..! सदर अस्पताल में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला..! एक भूखी बकरी सदर अस्पताल में लगे सागवान की हरी पत्तियों को देख उसे खाने के लिए आतुर थी..! पहले तो उसने गर्दन ऊंची कर पत्ती तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन जब उसकी पहुंच वहां तक नहीं हुई तो वो उछलने लगी..! इस पर भी वो पत्तियों तक नहीं पहुंच सकी तो पेड़ के चारो ओर चक्कर लगाने लगी फिर भी वह पेड़ की पत्तियों तक पहुंचने मे असफल रही तो अचानक वो वृक्ष के नीचे खड़ी स्कूटी पर चढ़ने के प्रयास मे जुट गयी गई..! खड़ी स्कूटी पर चढ़ने का चार बार प्रयास की लेकिन वह असफल रही..! पाँचवीं बार के प्रयास मे खड़ी स्कूटी पर चढ़ने मे सफलता हासिल कर ली..! बड़ी सावधानी से बकरी ने स्कूटी के सीट पर दो पैर व स्कूटी के हैडलाइट पर दो पैर रख कर अपनी गर्दन उँची कर आखिरकार सागवान के पेड़ की पत्तियों तक पहुंच कर बड़े आराम से पत्तियों को खाती रही और यह बकरी की जद्दोजहद को सदर अस्पताल मे मौजूद सैकड़ो लोग देख कर यही बात कर रहे थे मनुष्य हो या जानवर ज़िन्दगी को जीना है तो जद्दोजहद करनी ही होगी..!
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पूस की रात..!
आधी रात मे सड़कों पर छायी थी विरानी, कनकनाती ठंड में ठुठुर रही थी जिंदगानी..!
अलाव के बगल में सो कर ठंड को मात देने का प्रयास करता मिला युवक..!
साहिबगंज :- 11/01/2020. पुरानी कहावत है कि पूस की रात की विरानी व ठंड को काटना सबो के बस की बात नही है.जो पूस की रात की ठंड को काट ले वह हर ठंड को झेल सकता है.पूस की कनकनाती ठंडी रात का एहसास करने व शहरो मे बिना छत वाले गरीब व असहाय लोगो की जिंदगानी को करीब से जानने के लिये मै पूस की पूर्णिमा की रात ठीक 11:30 बजे साहिबगंज की सड़को पर निकल पडा़.
अपने घर से निकल कर मैं सुनसान गलियों से गुजरते हुए शहर के व्यस्ततम पटेल चौक पर पहुंचा. यहां से अपनी पड़ताल शुरू की. पटेल चौक तक जाने के क्रम मे एक- दो ई रिक्शा सड़को पर फर्राटा मारते दिखे.पटेल चौक से साहिबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे तो साउथ काँलनी की जाने वाले आरओबी के निचे ठंड से बचने के लिये एक महिला सहित तीन लोग चादर व प्लास्टिक ओढ़े सोये हुये मिले.वही रेलवे एससी एसटी कर्मचारी संघ कार्यालय के बरामदे पर तीन लोग,रेलवे स्टेशन के पोटिको मे दर्जनो लोग,द्वितीय श्रेणी के प्रतिक्षालय मे 20 से 25 रेल यात्री,प्लेटफार्म संख्या एक पर सात यात्री व प्लेटफार्म संख्या दो पर दो बच्चे के साथ एक दंपत्ति ठंड से बचने के लिये पैदल पुल के निचे सो रहे थे. पुरूष बैठे हुये सो रहे थे.पुछे जाने पर उन्होने कहा कि हमलोगो को भागलपुर जाना है बाबु ठंड अधिक है इसलिये ठंड से बचने के लिये पुल के निचे शरण लिये है.ताकि ठंड हवा से बचा जा सके. 12:03 बजे प्लेटफार्म संख्या एक पर आजिमगंज भागलपुर पैसेंजर ट्रेन खड़ी थी.वही 12:10 बजे प्लेटफार्म संख्या तीन पर हावड़ा राजगीर पैसेंजर ट्रेन पहुंचने वाली थी. प्लेटफार्म संख्या 3 पर सात से आठ यात्री ट्रेन पकड़ने के लिये खड़े थे.
रेलवे स्टेशन से निकल कर मैं काँलेज रोड की ओर बढ़ा. फिर सकरूगड़, पूर्वी रेलवे फाटक,सुभाष चौक,विकास भवन रोड,गंगा विहार पार्क,स्टेडियम रोड होते हुये 12:30 बजे सदर अस्पताल पहुंचे तो सदर अस्पताल परिसर के तीन मेडिकल स्टोर खुला था. होमगार्ड का एक जवान हाथ में लाठी लिये अस्पताल के गेट पर खड़ा मिला. लेकिन चिकित्सक व कर्मचारी नही मिले.एक सिस्टर उपर ओटी मे गयी हुयी है.अस्पताल परिसर के वट वृक्ष के निचे जमीन पर एक महिला सोयी हुयी थी.और कुछ और ओढ़ने व खाने देने की बात कह रही थी.उसे उठ कर प्रतिक्षालय मे जाने की बात कहा गया तो बस एक ही बात कही जा रही थी कि कुछ खाने व ओढ़ने को दे दो. प्रतिक्षालय मे चार चेयर पर व दो मरीज के परिजन जमीन पर सोये हुये थे.सदर अस्पताल से निकलने के बाद गोड़ाबाडी हाट,पश्चिमी रेलवे फाटक,बादशाह चौक, सब्जी मंडी होते हुये एमसीएच रात के 1: 35 बजे पहुंचे. एमसीएच का बड़ा गेट पर ताला लगा था. छोटा गेट खुला हुआ था. अंदर प्रवेश करने पर पूरा परिसर सुनसान पड़ा था.गार्ड रूम से गाने की आवाज़ आ रही थी.डियुटी रूम का दरवाजा लगा हुआ था.कुपोषण उपचार केंद्र के चार वार्ड मे ताला लगा हुआ था.दो वार्ड अदर से बंद थे.करीब 12 मिनट तक वहां रहने के बाद स्वामी विवेकानंद चौक की ओर बढ़े. पहुँचे तो विवेकानंद की प्रतिमा के सामने एक दृश्य ने ठिठका दिया. जिसने मुझे अंदर से झंझकोर कर रख दिया. 10 किमी प्रति घन्टे की रफ्तार से चल रही ठंडी हवाओं के बीच वहां अलाव जल रहा था.शाम मे उक्त चौक पर नेताओं के अलावे अन्य लोगो का जमावड़ा लगा रहता है.प्रतिदिन शाम के वक्त चौक पर अलावा जलता है.लेकिन रात को ठीक 1:47 बजे एक व्यक्ति ठंड से बचने के लिये जल रहे अलाव से महज 6 से 8 इंच की दूरी पर सोया हुआ था.उसके बगल मे एक चादर पड़ी थी.ठंड से राहत पाने के लिये अलाव के बगल मे सोये हुये व्यक्ति की हदय विदारक तस्वीर खीच कर लगभग 2 बजे अपने घर लौट गया।
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ये इंडिया है तो किसी ने कंबल क्यों नही ओढ़या.......!
कुछ ओढ़ने व खाने के लिये दे दो कहती ठंड से ठिठुरती मिली महिला..!
साहिबगंज :- 11/01/2020. कुछ ओढ़ने व खाने के लिये दे दो.. कंपकपाती आवाज़ में ठंड से ठिठुरती विछिप्त महिला साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर के वट वृक्ष के नीचे रात 12:30 बजे बुदबुदाती मिली. जब उस महिला की आवाज सुन कर उसके करीब पहुंचा.ओर उनसे पुछा आप ठंड मे यहाँ क्या कर रही है.तो उन्होने कहा मै विदेश मे हुँ.तो मैने कहा यह इंडिया है तो वह बोली कि ये इंडिया है तो किसी ने कंबल क्यों नही ओढ़या.......?? मेरे पास उनके सवालों का जबाब नही था.कुछ देर के बाद उनका नाम पुछे जाने पर कंपकपाते हुए महिला ने बताया कि उसका नाम सुनिता पिता का नाम शिवनारायण सहानी पता लशकरी बाग, नागपुर बतायी. नागपुर से साहिबगंज कैसे आयी सवालों के जबाब मे उन्होने बताया कि किसी ने गाड़ी पर उसे यहाँ लाकर छोड़ दिया.तब उससे प्रतिक्षालय मे जाकर सोने की बात कही गयी तो वो बोली कि यहीं रहने दो साहब, कुछ ओढ़ा दो, कुछ खाने को दे दो...
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फेंक कर कंबल आग के करीब कर दिया चेहरा..!
ठंड से ठिठुरते पाँव में मल लिया राख..!
साहिबगंज :- जिस अलाव से अपनी ठंड दूर कर अपने घरों को चले गए. वही अलाव एक विछिप्त युवक को रात भर ठंड से बचाता रहा. हम बात कर रहे हैं पूस की उस रात की जब सर्द हवाएं इंसानों व जानवरों के बदन छेदने को आतुर थीं. अजीब दृश्य था स्वामी विवेकानंद चौक पर. जलते अलाव के महज़ 5-6 इंच की दूरी पर वह शख्स अपना चेहरा आग की तरफ किये हुए था. उसके दोनों हाथ गर्दन के पीछे एक दूसरे में लिपटे हुए थे. जैसे इस बंधन से वो खुद के चेहरे को बार बार आग की तरफ करने की कोशिश करता हो. ठिठुरते पांव में राख लिपटा हुआ था.शायद राख की गर्मी पाँव को गर्मी दे रही हों. पास ही उसका अपना मैला चादर फेंका हुआ था. वहीं एक नया गर्म कंबल भी था.शायद किसी दरियादिल इंसान ने उसकी हालत पर वहां पहुंच नया कंबल ओढ़ा दिया हो. पास ही पानी का एक बोतल भी था. चप्पल भी पास ही फेंके पड़े थे. कुछ कुत्ते उसकी कंबल पर बैठ कर अपनी गर्मी दूर कर रहा था..!
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