हम लडकियों के छोटे, जालीदार या पतले कपड़ों के खिलाफ बिलकुल भी नहीं हैं..। बस कुछ प्रश्नों का जवाब चाहता हूँ..!! तो बात ऐसी है कि अगर ये छोटे, जालीदार या पतले कपड़े गर्मियों के लिए आरामदायक होते हैं तो हमें बिलकुल पहनना चाहिए बल्कि हम तो यह कहते हैं कि सबको पहनना चाहिए, हर उम्र तथा हर वर्ग के लोगों को पहनना चाहिए..! चाहे वो मोटे हो या पतले, गोरे हो या काले, बच्चे हो या बुढ़े, स्वस्थ हो या विकलांग सबको पहनना चाहिए हमको इससे कोई आपत्ति नहीं है..! हमें आपत्ति तब होने लगती है, जब लड़कियां सिर्फ यौवनावस्था में हीं ऐसे कपड़े पहनने की मांग करने लगतीं हैं, वो भी सिर्फ ऐसी लड़कियां जो दिखने में सुंदर-सुडौल, आकर्षक (Attractive) होती हैं, जिनका यौवन चरम पर होता है..!
ऐसा क्यों???
जबकि आरामदायक कपड़े की आवश्यकता तो हर उम्र में होनी चाहिए..!
फिर ऐसा क्यों होता है कि जैसे ही आपका शरीर बेडौल (भद्दा) होने लगता है तो आप खुद-ब-खुद छुपाने का प्रयास करने लगतीं हैं..!
या फिर जिनका स्वास्थ्य पहले से हीं खराब है, दुबले-पतले हैं या काले हैं, वो ऐसे कपड़े पहनने की मांग बिलकुल भी नहीं करते, वो हमेशा पूरे कपड़ों में रहना पसंद करते हैं, जबकि आरामदायक कपड़े की आवश्यकता तो उनको भी है..!
ऐसा क्यों होता है कि जैसे ही उम्र ढलने लगता है तो साड़ी या सलवार आदि पहनने लगतीं हैं, जबकि आरामदायक कपड़े तो उस उम्र में भी चाहिए..!
इसलिए महिलाओं से मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है कि आरामदायक कपड़े पहनने की आजादी के नाम पर नग्नता मत फैलाइये..!
क्योंकि ये बातें अब सब समझते हैं कि ऐसा करने के पीछे सिर्फ और सिर्फ अंगप्रदर्शन की हीं मानसिकता होती है और कुछ नहीं..!
तो ऐसा न करें..!
और यह बात पुरूषों पर भी लागू होती हैं,तो ध्यान रखा जाए तो बेहतर होगा..!